सराययकेला: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि पलामू प्रमंडल के विधायकों और कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए बातचीत की. उन्होंने कहा कि भारी संख्या में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं. उनके रोजगार के लिए राज्य सरकार कृषि पर ध्यान दें. अभी तक किसानों को धान का बीज उपलब्ध नहीं कराया गया है, जबकि वहां कोई उद्योग नहीं है. कृषि ही आजीविका का साधन है. मुंडा ने कहा कि पलामू प्रमंडल के वरिष्ठ कार्यकर्ता और विधायकों से कोरोना संकट के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर वहां के हालातों को जाना है.
केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि कृषि से जुड़े लोग साथ-साथ वैकल्पिक खेती और अभी से ही रबी फसल की योजना तैयार करें. पूरे देश में अभी कोरोना के खिलाफ लड़ाई आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत काम हो रहा है. ऐसे में कार्यकर्ताओं को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि काम सही ढंग से हो रहा है कि नहीं. उन्होंने कहा कि इस समय हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश कई समस्याओं से जूझ रहा है. हाल ही में प. बंगाल और ओडिशा में तूफान से भारी जानमाल की क्षति हुई है. वर्तमान में कई राज्यों में टिड्डियों के आक्रमण से फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. कोरोना से निपटने में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अभूतपूर्व काम हुआ है. पूरे विश्व में इसे उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है.
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पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह ने पलामू में प्रवासी मजदूरों के आने से उन्हें उचित जांच के बगैर घर भेजने से संक्रमण फैलने की आशंका जतायी. विधायक भानु प्रताप शाही ने बिना राशन कार्डधारी जरूरतमंद लोगों को राशन नहीं मिलने की बात कही. उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय पलामू प्रमंडल के लिए एक टीम बनाकर भेजे, जो यहां की जल समस्या के समाधान के लिए योजना तैयार करे. इसके अलावा धान अधिप्राप्ति की राशि, पिछले तीन वर्षों से किसानों को फसल बीमा की राशि का भुगतान नहीं होने जैसी समस्याओं को उठाया. इसके अलावा बिजली और पानी की समस्याओं के बारे में मंत्री को अवगत कराया.