सरायकेला: कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया है. वहीं, सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि कोई भूखा ना रहे. इसे लेकर प्रर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराए जा रहे हैं. वहीं, इनके वितरण में गड़बड़ी ना हो इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारी पूरे जन वितरण प्रणाली को जबरदस्त तरीके से मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
सरकारी राशन दुकानों में कालाबाजारी, जमाखोरी, अनियमितता और निर्धारित दर से ज्यादा कीमत ग्राहकों से वसूलने वालों पर सरायकेला जिला प्रशासन की पैनी निगाह है. इसके तहत अब जन वितरण प्रणाली की दुकानों की निगरानी शिक्षकों के जरिए की जाएगी. सरायकेला जिले के उपायुक्त के निर्देश पर दुकानदारों के अनुसार संबंधित क्षेत्र के शिक्षकों को निगरानी के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है. वहीं, निगरानी समिति में संबंधित पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य और नगर निगम के पार्षदों को भी शामिल किया गया है. इस नई व्यवस्था के तहत जिले के तमाम सरकारी राशन डीलरों की निगरानी के लिए प्रतिनियुक्त शिक्षकों की सूची जारी की गई है. बता दें कि सरकारी खाद्यान्न वितरण में अनियमितता दूर करने के लिए सरकार ने शिक्षकों से काम लिया है, क्योंकि लॉकडाउन में सरकारी विद्यालय बंद हैं, ऐसे में शिक्षक खाद्यान्न वितरण योजना की मॉनिटरिंग भी करेंगे.
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लॉकडाउन की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, सरकार के जरिए राशन कार्ड धारियों को एडवांस में अनाज देने की योजना शुरू की जा चुकी है. इसके तहत कार्डधारियों के बीच मई महीने के अनाज का वितरण शुरू कर दिया गया है. जबकि अप्रैल महीने के आवंटन का वितरण करने के पश्चात अब मई महीने के राशन का वितरण जोरों पर है. वहीं, जिला प्रशासन के स्वास्थ्य आपूर्ति विभाग ने आदेश जारी कर दिया है कि लाभुकों तक अनाज नहीं पहुंचा और योजना में अनियमितता पाई गई तो, वैसे सरकारी राशन डीलरों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उनके सरकारी राशन दुकान को भी निलंबित किया जायेगा.