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सरायकेला में सूर्यग्रहण अवलोकन कार्यक्रम का हुआ आयोजन, सैकड़ों लोग बने इस अद्भुत घटना के प्रत्यक्ष गवाह - सरायकेला में सूर्यग्रहण अवलोकन

गुरुवार को लगे साल 2019 के अंतिम सूर्यग्रहण के अवसर पर ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी ने सरायकेला में सूर्यग्रहण अवलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया. इस अवसर पर सैकड़ों छात्र-छात्रा इस अद्भुत खगोलीय घटना के वास्तविक कारणों से रूबरू हुए.

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सूर्यग्रहण का अवलोकन करते लोग
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Published : Dec 26, 2019, 1:27 PM IST

सरायकेला: साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण देशभर में लगभग 2 घंटा 52 मिनट तक का रहा. सूर्य ग्रहण को लेकर समाज में कई भ्रांतियां व्याप्त हैं. सभी लोग बिना वैज्ञानिक कारण जाने और सूर्य ग्रहण आखिर होता कैसे है, इसे समझे बिना बस जो भ्रांतियां हैं, इसे मानते जाते हैं. ऐसे में सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों की धारणा को बदलने और उन्हें सूर्य ग्रहण की सही जानकारी देने के लिए ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी ने सरायकेला में गुरूवार को सूर्यग्रहण अवलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया.

देखें पूरी खबर


लोगों में जागरुकता लाना था उद्देश्य
सूर्यग्रहण जो कि एक खगोलीय घटना है, इसे वैज्ञानिक तकनीकों से बच्चों को समझाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य था लोगों में विज्ञान की समझ विकसित करते हुए उन्हें अधिक से अधिक जागरूक बनाना.

ये भी पढ़ें: साल का अंतिम सूर्यग्रहण, जानें सबकुछ


साइंस सोसायटी ने भ्रांतियों को दूर किया
सरायकेला के फुटबॉल मैदान में गुरुवार की सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक सूर्यग्रहण अवलोकन कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्र छात्राओं को न सिर्फ इस अद्भुत खगोलीय घटना से रूबरू कराया गया बल्कि समाज में फैले ग्रहण को लेकर प्रचलित भ्रांतियों को भी दूर कराया गया. विज्ञान के जानकारों ने ग्रहण के दौरान खाने या अन्य कार्य करने पर लगे पाबंदी को गलत करार दिया. इसके साथ ही ग्रहण से जुड़े अंधविश्वासों को दूर करते हुए इस अद्भुत घटना के प्रत्यक्ष प्रमाण स्थापित किए जाने संबंधित कार्य किए गए.

सरायकेला: साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण देशभर में लगभग 2 घंटा 52 मिनट तक का रहा. सूर्य ग्रहण को लेकर समाज में कई भ्रांतियां व्याप्त हैं. सभी लोग बिना वैज्ञानिक कारण जाने और सूर्य ग्रहण आखिर होता कैसे है, इसे समझे बिना बस जो भ्रांतियां हैं, इसे मानते जाते हैं. ऐसे में सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों की धारणा को बदलने और उन्हें सूर्य ग्रहण की सही जानकारी देने के लिए ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी ने सरायकेला में गुरूवार को सूर्यग्रहण अवलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया.

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लोगों में जागरुकता लाना था उद्देश्य
सूर्यग्रहण जो कि एक खगोलीय घटना है, इसे वैज्ञानिक तकनीकों से बच्चों को समझाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य था लोगों में विज्ञान की समझ विकसित करते हुए उन्हें अधिक से अधिक जागरूक बनाना.

ये भी पढ़ें: साल का अंतिम सूर्यग्रहण, जानें सबकुछ


साइंस सोसायटी ने भ्रांतियों को दूर किया
सरायकेला के फुटबॉल मैदान में गुरुवार की सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक सूर्यग्रहण अवलोकन कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्र छात्राओं को न सिर्फ इस अद्भुत खगोलीय घटना से रूबरू कराया गया बल्कि समाज में फैले ग्रहण को लेकर प्रचलित भ्रांतियों को भी दूर कराया गया. विज्ञान के जानकारों ने ग्रहण के दौरान खाने या अन्य कार्य करने पर लगे पाबंदी को गलत करार दिया. इसके साथ ही ग्रहण से जुड़े अंधविश्वासों को दूर करते हुए इस अद्भुत घटना के प्रत्यक्ष प्रमाण स्थापित किए जाने संबंधित कार्य किए गए.

Intro:आज देशभर में दशक का आखिरी सूर्यग्रहण देखा गया, जहां पूरे देश भर में 2 घंटा 52 मिनट तक चंद्रमा के आगोश में सूर्य रहा। जबकि इस अद्भुत खगोलीय घटना का गवाह सभी बने।


Body:सूर्य ग्रहण को नजदीक से देखने और इस खगोलीय घटना के संबंध में विस्तृत जानकारियां छात्रों को प्रदान करने के उद्देश्य से सरायकेला में ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी के द्वारा सूर्य ग्रहण अवलोकन कार्यक्रम आयोजित किया गया। वही ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी द्वारा छात्र-छात्राओं को सूर्य ग्रहण से जुड़े कई विशेष जानकारियां भी प्रदान की गई।
इस खगोलीय घटना को विज्ञान के द्वारा अधिक से अधिक लोगों को जानकारी प्रदान करने और जागरूक करने के उद्देश्य से कई स्थानों पर सूर्य ग्रहण अवलोकन कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

साइंस सोसायटी ने भ्रांतियों को दूर किया

सरायकेला के फुटबॉल मैदान में सुबह 8:00 बजे से लेकर 11 बजे तक आयोजित सूर्य ग्रहण अवलोकन कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्र छात्राओं को ना सिर्फ इस अद्भुत खगोलीय घटना से रूबरू कराया गया बल्कि समाज में फैले ग्रहण को लेकर प्रचलित भ्रांतियों को भी दूर कराया गया विज्ञान के जानकारों ने ग्रहण के दौरान खाने या अन्य कार्य करने पर लगे पाबंदी को गलत करार दिया साथ ही ग्रहण से जुड़े अंधविश्वासों को दूर करते हुए इस अद्भुत घटना के प्रत्यक्ष प्रमाण स्थापित किए जाने संबंधित कार्य किए गए।


Conclusion:साल का अंतिम और तीसरा है यह सूर्य ग्रहण।

26 दिसंबर गुरुवार को लगा यह सूर्य ग्रहण अपने आप में एक अद्भुत और अलौकिक घटना है जबकि यह साल का अंतिम और तीसरा सूर्य ग्रहण है। हालांकि आज सुबह से आसमान में छाए बादल के कारण स्पष्ट सूर्यग्रहण को नहीं देखा गया बावजूद इसके साइंस सोसायटी ने छात्र छात्राओं को फिल्टर पेपर के माध्यम से स्पष्ट सूर्य ग्रहण के अवलोकन कराएं।

बाइट - सुजॉय भट्टाचार्य, सदस्य, ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी

बाइट - स्वीटी कुमारी, छात्रा
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