सरायकेला: कोविड-19 संक्रमण को लेकर अब सरकार की ओर से 31 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है. इस बीच झारखंड सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, उद्योग और कल कारखाने को खोले जाने संबंधित नए आदेश जारी किए हैं. हालांकि इस नए आदेश में सभी तरह के रोजमर्रा की जरूरत की दुकानें खोले जाने संबंधित आदेश पारित किए गए हैं, लेकिन यह सभी आदेश शहर या नगर निगम क्षेत्र से बाहर कम आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों पर ही लागू होंगे. ऐसे में पिछले 50 से भी अधिक दिनों से दुकान बंद कर घरों में रह रहे छोटे व्यवसाई और दुकानदारों का सब्र अब जवाब देने लगा है.
कोरोना संक्रमण की रोकथाम
सरायकेला खरसावां में चेंबर ऑफ कॉमर्स पहले ही सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन के समक्ष छोटे दुकानदारों को रियायत देकर भले ही कुछ समय के लिए दुकान खोले जाने संबंधित आदेश पारित किए जाने की मांग कर चुका है. छोटे व्यवसाई और दुकानदार मानते हैं कि सरकार ने संक्रमण की रोकथाम को लेकर जो लॉकडाउन लगाया है. वह जायज है और संक्रमण रोकने में पूरी तरह कारगर है, लेकिन सरकार ने अति आवश्यक सेवाओं के तहत दुकानों को खोले जाने संबंधित आदेश दिए हैं. इसे लेकर नगर निगम क्षेत्र में छोटे दुकानदार भी सरकार से शहरी क्षेत्र में दुकान खोले जाने की मांग कर रहे हैं.
दुकानदारों के समक्ष अब मुसीबत
लॉकडाउन 4.0 में राज्य सरकार ने कंटेनमेंट जोन के बाहर इंडस्ट्रियल एरिया में औद्योगिक गतिविधि की छूट दी है. इसके साथ ही निर्माण कार्य, गोदाम, हार्डवेयर, निर्माण कार्य से जुड़े दुकान, किताब दुकान, स्टेशनरी दुकान और टेलीकॉम कंपनियों जैसे रिटेल आउटलेट खोले जाने संबंधित आदेश दिए हैं. इसी कड़ी में मोबाइल, घड़ी, इलेक्ट्रॉनिक, टीवी और आईटी से संबंधित सर्विस सेंटर खोले जाएंगे. कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक कंजूमर जैसे प्रोडक्ट फ्रिज, एसी, कूलर के भी दुकान खुलेंगे. हालांकि यह सभी दुकान जो नगर निगम क्षेत्र से बाहर हैं, सिर्फ उन्हें ही खोलने का आदेश दिया गया है. ऐसे में शहरी क्षेत्र के दुकानदारों के समक्ष अब मुसीबत खड़ी हो गई है.
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प्रतिमाह 2 करोड़ का हो रहा नुकसान
सरकार की ओर से जिन दुकानों को खोले जाने संबंधित आदेश पारित किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर शहरी और नगर निगम क्षेत्र में ही संचालित है. ऐसे में शहरी क्षेत्र के दुकानदार यह मानते हैं कि सरकार अविलंब शहरी क्षेत्र के दुकानदारों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें, अन्यथा छोटे व्यापारी और दुकानदार दाने-दाने को मोहताज होंगे. जिले में छोटे दुकानों को नहीं खोले जाने के कारण पिछले 2 महीनों में छोटे व्यापारी और दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. एक अनुमानित आंकड़े के मुताबिक जिले भर में छोटे व्यापारी और दुकानदार प्रतिमाह 2 करोड़ का व्यापार करते हैं. ऐसे में लॉकडाउन ने अब छोटे उनकी कमर तोड़ दी है.
सैलून संचालक हैं सबसे ज्यादा प्रभावित
कोविड-19 के लॉकडाउन में सैलून संचालक काफी प्रभावित हो रहे हैं. संक्रमण के खतरे को लेकर लॉकडाउन शुरू होते ही सैलून भी विगत 2 महीने से लगातार बंद हैं. अब सैलून संचालक भी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. सैलून संचालकों ने बताया कि उद्योग और कारखानों की तरह वे भी सोशल डिस्टेंस और सरकार की ओर से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पूरी तरह पालन करने को तैयार हैं. वो ग्लव्स, सेनेटाइजर और मास्क लगाकर सेलून खोलना चाहते हैं. बस जरूरत है सरकार के एक आदेश की.