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नक्सली हमले के बाद सर्च अभियान जारी, अब भी एक गुट के पहाड़ियों में छिपे होने की आशंका

सरायकेला के राय सिंदरी पहाड़ियों के पास हुए नक्सली हमले के बाद पुलिस, कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ के जवानों ने मिलकर सर्च अभियान चलाया है. नक्सलियों के छिपे होने की आशंका में जमीन से लेकर आसमान तक कड़ा पहरा दिया गया है. पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है.

नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान जारी
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Published : May 28, 2019, 5:12 PM IST

सरायकेलाः जिले के कुचाई और खरसावां थाना क्षेत्र से सटे राय सिंदरी पहाड़ियों के पास पुलिस और कोबरा के जवानों पर नक्सलियों ने अटैक किया गया था. अटैक के बाद से जिला पुलिस के साथ कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ की टुकड़ियों ने घटनास्थल और इसके आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया है. पुलिस को गुप्त सूचना मिल रही है कि अब भी नक्सलियों का एक समूह पहाड़ियों में छिपा है. जिसकी खोज करने के उद्देश्य से लगातार पूरे क्षेत्र में सघन एलआरपी और कांबिंग सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया जा रहा है.

देखें वीडियो

दरअसल पुलिस को सूचना मिल रही है कि अब भी नक्सलियों का एक समूह सिंदरी पहाड़ के पास छिपा है. जिसकी खोज करने के उद्देश्य से लगातार पूरे क्षेत्र में सघन एलआरपी और कांबिंग सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया जा रहा है. सघन जंगल और इससे सटे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है. जमीन से लेकर आसमान तक नक्सलियों पर पैनी निगाह रखी जा रही है. हालांकि पुलिस ने चलाए जा रहे इस सर्च अभियान से संबंधित कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.

ये भी पढ़ें- झारखंड के 3 मजदूरों की कर्नाटक में मौत, काम के दौरान हादसा

गौरतलब है कि मंगलवार सुबह 209 कोबरा बटालियन और पुलिस ने कुचाई थाना क्षेत्र से सटे राय सिंदरी पहाड़ियों पर नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया गया था. इस दौरान एक के बाद एक कई आईडी ब्लास्ट कर नक्सलियों ने कोबरा बटालियन और पुलिस जवानों पर हमला बोल दिया. जिसमें कोबरा बटालियन के 11जवान समेत तीन अन्य पुलिस के जवान घायल हुए थे.

सरायकेलाः जिले के कुचाई और खरसावां थाना क्षेत्र से सटे राय सिंदरी पहाड़ियों के पास पुलिस और कोबरा के जवानों पर नक्सलियों ने अटैक किया गया था. अटैक के बाद से जिला पुलिस के साथ कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ की टुकड़ियों ने घटनास्थल और इसके आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया है. पुलिस को गुप्त सूचना मिल रही है कि अब भी नक्सलियों का एक समूह पहाड़ियों में छिपा है. जिसकी खोज करने के उद्देश्य से लगातार पूरे क्षेत्र में सघन एलआरपी और कांबिंग सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया जा रहा है.

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दरअसल पुलिस को सूचना मिल रही है कि अब भी नक्सलियों का एक समूह सिंदरी पहाड़ के पास छिपा है. जिसकी खोज करने के उद्देश्य से लगातार पूरे क्षेत्र में सघन एलआरपी और कांबिंग सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया जा रहा है. सघन जंगल और इससे सटे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है. जमीन से लेकर आसमान तक नक्सलियों पर पैनी निगाह रखी जा रही है. हालांकि पुलिस ने चलाए जा रहे इस सर्च अभियान से संबंधित कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.

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गौरतलब है कि मंगलवार सुबह 209 कोबरा बटालियन और पुलिस ने कुचाई थाना क्षेत्र से सटे राय सिंदरी पहाड़ियों पर नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया गया था. इस दौरान एक के बाद एक कई आईडी ब्लास्ट कर नक्सलियों ने कोबरा बटालियन और पुलिस जवानों पर हमला बोल दिया. जिसमें कोबरा बटालियन के 11जवान समेत तीन अन्य पुलिस के जवान घायल हुए थे.

Intro:गर्मी के मौसम में जब पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। नदी, नाला, तालाब, पोखर सब सुख रहे हैं। तो दूसरी ओर हजारीबाग के चूरचू प्रखंड के चरही के कई गांव में फसल लहलहा रही है। ऐसे में कई एकड़ में फैली हरियाली दिख जाए तो आंखों के साथ-साथ मन को भी सुकून मिलना स्वाभाविक है। इस हरियाली के पीछे छिपी है कड़ी मेहनत और पक्का इरादा।


Body:हजारीबाग के चुरचू प्रखंड के गांव में इन दिनों खुशी की लहर किसानों की आंखों में नजर आ रही है। इनके खेतों में कड़ी मेहनत के बाद कड़ाके की गर्मी में तरबूज की फसल लहलहा रही है ।यह फसल किसानों के लिए फायदे का कारोबार भी साबित हो रहा है। चरही के कई गांव में इन दिनों उन्नत तरीके से तरबूज की खेती देखी जा रही है। यह क्षेत्र पूरे झारखंड में तरबूज जोन के
रूप में जाना जा रहा है। किसान भी कहते हैं कि यह फायदा का व्यवसाय है और महज 75 दिन में लाखों रुपए की कमाई का स्रोत बन गया है। किसान का कहना है कि पहले कोयला साइकिल से ढोकर परिवार का पालन पोषण करते थे। लेकिन अब उन्नत तकनीक अपनाकर बंजर भूमि में खेती कर रहे हैं और खेतों मे सोना उगा रहे है।साथ हि गांव के 15 से 20 लोगों को रोजगार भी दे रहे है।

गांव के जनप्रतिनिधि भी कहते हैं कि जहां तरबूज की खेती हो रही है वहा 1 साल पहले हाईवा, ट्रक लगा करती थी और यह बंजर भूमि थी। सरकार की मदद से बंजर भूमि में किसान सोना होगा रहे हैं। उनका कहना है कि आधुनिक कृषि पद्धति अपनाकर किसान ने यह कर दिखाया है। अब चरही कि किसान पूरे झारखंड में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। आने वाले समय में चुरचू प्रखंड के कई गांवों में इसी तरह की खेती की जाएगी


तरबूज हजारीबाग और कई शहरों में सप्लाई किया जा रहा है। फल व्यापारिक खेत पहुंच रहे हैं और नगद पैसा देकर तरबूज का व्यापार कर रहे हैं ।साथ ही साथ स्थानीय लोगों को तरबूज उपलब्ध कराने के लिए खेत के बाहर ही तरबूज बेचने की व्यवस्था की गई है। ऐसे में स्थानीय ग्राहक भी कहते हैं कि यहा के तरबूज में किसी भी तरह का सल्फेट यह कृत्रिम उर्वरक का उपयोग नहीं किया गया है ।इसलिए यहां का तरबूज बाहर के तरबूज से बेहतर है।


byte.... हरलाल टुडू किसान, माथा में गमछा बांधा हुआ
byte.... जलेश्वर महतो जनप्रतिनिधि
byte.... रणदीप दुबे स्थानीय


Conclusion:जिस तरफ से किसान में कम पानी का उपयोग से टपक विधि को अपनाकर खेती कर रहे हैं, यह काबिले तारीफ है ।कहा जाए तो भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए अच्छे संकेत माने जा सकते हैं ।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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