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सरायकेलाः पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन पर लगी रोक हटी, अब हो रही शिफ्टिंग की समस्या

जिले के आदित्यपुर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. जर्जर भवन होने की वजह से AICTE ने एक माह पूर्व नए सत्र में एडमिशन पर पाबंदी लगा दी थी, जिसे फिलहाल हटा दिया गया है. वहीं अब पूरे कॉलेज को शिफ्ट किए जाने की योजना सरकार ने बनाई है.

सरायकेलाः पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन पर लगी रोक हटी, अब हो रही शिफ्टिंग की समस्या
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Published : Feb 13, 2019, 12:05 AM IST

सरायकेलाः जिले के आदित्यपुर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. जर्जर भवन होने की वजह से AICTE ने एक माह पूर्व नए सत्र में एडमिशन पर पाबंदी लगा दी थी, जिसे फिलहाल हटा दिया गया है. वहीं अब पूरे कॉलेज को शिफ्ट किए जाने की योजना सरकार ने बनाई है.

सरायकेलाः पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन पर लगी रोक हटी, अब हो रही शिफ्टिंग की समस्या
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अब कॉलेज के सभी 4 ब्रांचों में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कंप्यूटर और सिविल में 30 सीटों पर छात्रों के नामांकन लिए जाएंगे जबकि पूर्व में यहां सभी ब्रांचों में सीटों की संख्या 45 थी. जिसे AICTE ने नए सत्र के लिए घटा दिया है. नए सत्र के नामांकन में लगे रोक को लेकर बीते 6 फरवरी को कोलकाता AICTE के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कॉलेज के प्राचार्य समेत अन्य सदस्यों ने संस्थान के बेहतरी से संबंधित रिपोर्ट पेश किए थे, जिसके बाद फिलहाल एडमिशन से पाबंदी हटा ली गयी है.

कॉलेज को शिफ्ट कर खूंटी जिले में किया जाएगा स्थापित

कई सालों से जर्जर हुए भवन के निर्माण में देरी और संस्थान में संसाधनों के कमी के कारण सरकार ने वर्तमान में चल रहे पॉलिटेक्निक कॉलेज को शिफ्ट कर खूंटी जिले में स्थापित किए जाने की योजना बनाई है. हालांकि इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. मौखिक तौर पर इस बात का पता चला है.

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सालों पुराने संस्थान के अस्तित्व पर संकट

पूरे मामले से संबंधित विषयों पर जानकारी देते हुए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि एक और जहां सरकार ने नामांकन प्रक्रिया से पाबंदी तो हटा ली है. वहीं दूसरी ओर कॉलेज को खूंटी में शिफ्ट किए जाने से सालों पुराने इस संस्थान का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. इतना ही नहीं सभी संसाधनों को शिफ्ट किए जाने से छात्रों की पढ़ाई भी बाधित होगी.

अभी वर्तमान में 3 सत्र के छात्र पॉलिटेक्निक कॉलेज में अध्ययनरत हैं. जबकि यहां कुल 500 से भी अधिक छात्र संबंधित विभागों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. कॉलेज शिफ्ट किए जाने से छात्रों, प्राचार्यों प्रोफ़ेसरों और सभी कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

सरायकेलाः जिले के आदित्यपुर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. जर्जर भवन होने की वजह से AICTE ने एक माह पूर्व नए सत्र में एडमिशन पर पाबंदी लगा दी थी, जिसे फिलहाल हटा दिया गया है. वहीं अब पूरे कॉलेज को शिफ्ट किए जाने की योजना सरकार ने बनाई है.

सरायकेलाः पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन पर लगी रोक हटी, अब हो रही शिफ्टिंग की समस्या
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अब कॉलेज के सभी 4 ब्रांचों में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कंप्यूटर और सिविल में 30 सीटों पर छात्रों के नामांकन लिए जाएंगे जबकि पूर्व में यहां सभी ब्रांचों में सीटों की संख्या 45 थी. जिसे AICTE ने नए सत्र के लिए घटा दिया है. नए सत्र के नामांकन में लगे रोक को लेकर बीते 6 फरवरी को कोलकाता AICTE के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कॉलेज के प्राचार्य समेत अन्य सदस्यों ने संस्थान के बेहतरी से संबंधित रिपोर्ट पेश किए थे, जिसके बाद फिलहाल एडमिशन से पाबंदी हटा ली गयी है.

कॉलेज को शिफ्ट कर खूंटी जिले में किया जाएगा स्थापित

कई सालों से जर्जर हुए भवन के निर्माण में देरी और संस्थान में संसाधनों के कमी के कारण सरकार ने वर्तमान में चल रहे पॉलिटेक्निक कॉलेज को शिफ्ट कर खूंटी जिले में स्थापित किए जाने की योजना बनाई है. हालांकि इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. मौखिक तौर पर इस बात का पता चला है.

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सालों पुराने संस्थान के अस्तित्व पर संकट

पूरे मामले से संबंधित विषयों पर जानकारी देते हुए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि एक और जहां सरकार ने नामांकन प्रक्रिया से पाबंदी तो हटा ली है. वहीं दूसरी ओर कॉलेज को खूंटी में शिफ्ट किए जाने से सालों पुराने इस संस्थान का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. इतना ही नहीं सभी संसाधनों को शिफ्ट किए जाने से छात्रों की पढ़ाई भी बाधित होगी.

अभी वर्तमान में 3 सत्र के छात्र पॉलिटेक्निक कॉलेज में अध्ययनरत हैं. जबकि यहां कुल 500 से भी अधिक छात्र संबंधित विभागों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. कॉलेज शिफ्ट किए जाने से छात्रों, प्राचार्यों प्रोफ़ेसरों और सभी कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

Intro:राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के जर्जर भवन के कारण खूंटी जिले में किया जाएगा शिफ्ट, फिलहाल कॉलेज में एडमिशन पाबंदी से हटी रोक.

सरायकेला जिले के आदित्यपुर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है , एक ओर जहां एआईसीटीई द्वारा जर्जर भवन होने के कारण एडमिशन पर रोक लगाया गया था ,तो वहीं अब पूरे कॉलेज को शिफ्ट किए जाने की योजना सरकार ने बनाई है.


Body:बीते 1 माह पूर्व एआईसीटीई द्वारा नए सत्र में एडमिशन पर पाबंदी लगाई गई थी जिसे फिलहाल हटा लिया गया है अब कॉलेज के सभी 4 ब्रांच इलेक्ट्रिकल ,मैकेनिकल ,कंप्यूटर और सिविल मैं 30 सीटों पर छात्रों के नामांकन लिए जाएंगे जबकि पूर्व में यहां सभी ब्रांच ओं में सीटों की संख्या 45 थी जिसे एआईसीटीई नए नए सत्र के लिए घटा दिया है, इससे पूर्व नए सत्र के नामांकन में लगे रोक को लेकर बीते 6 फरवरी को कोलकाता एआईसीटीई के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कॉलेज के प्राचार्य समेत अन्य सदस्यों द्वारा संस्थान के बेहतरी से संबंधित रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद फिलहाल स्थिति में एडमिशन पाबंदी हटा ली गयी हैं

कॉलेज को शिफ्ट कर खूंटी जिले में किया जाएगा स्थापित

कई सालों से जर्जर हुए भवन के निर्माण में देरी और संस्थान में संसाधनों के कमी के कारण सरकार द्वारा वर्तमान में चल रहे इस पॉलिटेक्निक कॉलेज को शिफ्ट कर खूंटी जिले में स्थापित किए जाने की योजना बनाई जा रही है हालांकि इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मौखिक तौर से इस बात का पता चला है कि सरकार खूंटी में बने नए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन में आदित्यपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज को स्विफ्ट करेेगी जहां पीपी मोड में कॉलेज का संचालन होगा।

पूरे मामले से संबंधित विषयों पर जानकारी देते हुए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि एक और जहां सरकार ने नामांकन प्रक्रिया से पाबंदी तो हटा ली है वहीं दूसरी ओर कॉलेज को खूंटी में शिफ्ट किए जाने से वर्षों पुराने इस संस्थान का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, इतना ही नहीं सभी संसाधनों को शिफ्ट किए जाने से छात्रों की पढ़ाई भी बाधित होगी बता दे कि अभी वर्तमान में 3 सत्र के छात्र पॉलिटेक्निक कॉलेज में अध्ययनरत हैं जबकि यहां कुल 500 से भी अधिक छात्र संबंधित विभागों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जबकि कॉलेज शिफ्ट किए जाने से छात्रों , प्राचार्य ,प्रोफ़ेसर और सभी कर्मचारियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।


Conclusion:लंबे समय से एक अदद भवन निर्माण की बाट जोह रहा यह राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जहां सरकारी उपेक्षाओं का दंश झेल रहा है ,वहीं अब सरकार के शिफ्टिंग के निर्णय के बाद 30 साल पुराने इस संस्थान का अस्तित्व भी संकट से जूझता दिख रहा है

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