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सरायकेला में मौसमी बीमारी का कहर, अस्पतालों में जमीन पर बिठा कर ही हो रहा है इलाज

सरायकेला में मौसमी बीमारी की वजह से मरीज जमीन पर बैठकर इलाज करवाने को विवश है. रोजाना 800-1000 मरीज अस्ताल पहुंच रहे हैं, लेकिन मात्र 100-150 मरीजों का ही इलाज हो पा रहा है.

बीमार मरीज
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Published : Jul 8, 2019, 8:08 PM IST

सरायकेला: जिले में इन दिनों बरसाती और मौसमी बीमारियों ने अपने पांव पसार लिए हैं. इस वजह से जिले के सभी अस्पतालों में अचानक मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. बाबजूद इसके ईएसआईसी अस्पताल प्रबंधन बेहतर इलाज का दावा कर रहा है.

देखें पूरी खबर

सरायकेला के आदित्यपुर स्थित कोल्हान के एकमात्र कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल यानी ईएसआईसी में इन दिनों अचानक मौसमी बीमारियों के चपेट में आकर बीमार होने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है. जिससे अस्पताल में अपर्याप्त संसाधन के कारण मरीज भगवान भरोसे अपना इलाज करा रहे हैं.

अस्पताल के सभी वार्डों में बेड फुल हो चुका हैं और मरीज जमीन पर बैठकर डॉक्टर से इलाज कराने को विवश हैं. वहीं, सबसे ज्यादा बुरा हाल आउटडोर पेशेंट यानी ओपीडी का है जहां सुबह से ही मरीजों की कतार लगी रहती है. गलियारे में बैठकर मरीज डॉक्टर के आने का इंतजार करते हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या कम होने की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है.

रोजाना ओपीडी में आ रहे है 800 से 1000 मरीज
मौसमी बीमारियों ने जिस प्रकार से शुरुआती दौर से ही पांव पसारना शुरू कर दिया है उससे मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. रोजाना ओपीडी में 800 से 1000 मरीज सुबह से शाम तक इलाज कराने आ रहे हैं. लेकिन प्रतिदिन मात्र 100-150 मरीजों का इलाज हो पा रहा है.

  1. ये भी देखें-आचार संहिता उल्लंघन मामले में कोर्ट में पेश हुए हेमंत सोरेन, मिली जमानत

बेहतर तरिके से मरीजों का हो रहा इलाज
वहीं, मरीजों की बढ़ती संख्या और सीमित संसाधन के बाबजूद अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यहां बेहतर तरिके से मरीजों को इलाज हो रहा है. ईएसआईसी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. निरोज कुजूर ने बताया कि रोजाना मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक अपने स्तर से मरीजों की बेहतरीन देखभाल कर रहे हैं.

सरायकेला: जिले में इन दिनों बरसाती और मौसमी बीमारियों ने अपने पांव पसार लिए हैं. इस वजह से जिले के सभी अस्पतालों में अचानक मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. बाबजूद इसके ईएसआईसी अस्पताल प्रबंधन बेहतर इलाज का दावा कर रहा है.

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सरायकेला के आदित्यपुर स्थित कोल्हान के एकमात्र कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल यानी ईएसआईसी में इन दिनों अचानक मौसमी बीमारियों के चपेट में आकर बीमार होने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है. जिससे अस्पताल में अपर्याप्त संसाधन के कारण मरीज भगवान भरोसे अपना इलाज करा रहे हैं.

अस्पताल के सभी वार्डों में बेड फुल हो चुका हैं और मरीज जमीन पर बैठकर डॉक्टर से इलाज कराने को विवश हैं. वहीं, सबसे ज्यादा बुरा हाल आउटडोर पेशेंट यानी ओपीडी का है जहां सुबह से ही मरीजों की कतार लगी रहती है. गलियारे में बैठकर मरीज डॉक्टर के आने का इंतजार करते हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या कम होने की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है.

रोजाना ओपीडी में आ रहे है 800 से 1000 मरीज
मौसमी बीमारियों ने जिस प्रकार से शुरुआती दौर से ही पांव पसारना शुरू कर दिया है उससे मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. रोजाना ओपीडी में 800 से 1000 मरीज सुबह से शाम तक इलाज कराने आ रहे हैं. लेकिन प्रतिदिन मात्र 100-150 मरीजों का इलाज हो पा रहा है.

  1. ये भी देखें-आचार संहिता उल्लंघन मामले में कोर्ट में पेश हुए हेमंत सोरेन, मिली जमानत

बेहतर तरिके से मरीजों का हो रहा इलाज
वहीं, मरीजों की बढ़ती संख्या और सीमित संसाधन के बाबजूद अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यहां बेहतर तरिके से मरीजों को इलाज हो रहा है. ईएसआईसी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. निरोज कुजूर ने बताया कि रोजाना मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक अपने स्तर से मरीजों की बेहतरीन देखभाल कर रहे हैं.

Intro:सरायकेला जिले में इन दिनों बरसाती और मौसमी बीमारियों ने अपने पांव पसार दिए हैं , नतीजतन निजी हो या सरकारी अस्पताल सभी जगह अचानक मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है इससे अस्पताल में मरीजों की भीड़ लग रही है।


Body:सरायकेला के आदित्यपुर स्थित कोल्हान के एकमात्र कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल यानी ईएसआईसी में इन दिनों अचानक मौसमी बीमारियों के चपेट में आकर बीमार होने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है जिससे अस्पताल में अपर्याप्त संसाधन के कारण मरीज भगवान भरोसे अपना इलाज करा रहे हैं।

आलम यह है कि सभी वार्ड में बेड फुल हैं और मरीज जमीन पर बैठकर डॉक्टर से इलाज कराने को विवश है। वही सबसे ज्यादा बुरा हाल आउटडोर पेशेंट यानी ओपीडी का है जहां सुबह से ही मरीजों की कतार लग जा रही है । गलियारे में बैठकर मरीज डॉक्टर के आने का इंतजार करते हैं लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की कम संख्या में इन दिनों मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है।

रोजाना ओपीडी में आ रहे 800 से 1000 मरीज

मौसमी बीमारियों ने जिस प्रकार से शुरुआती दौर से ही पांव पसारना शुरू किया है उससे मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है आलम यह है कि ओपीडी में रोजाना 800 से 1000 मरीज सुबह से शाम तक इलाज कराने आ रहे हैं जबकि अस्पताल में तैनात डॉक्टर प्रतिदिन 100 से अधिक मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

इधर बरसाती और मौसमी बीमारियों से बढ़ रहे मरीजों की संख्या पर अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि इलाज बेहतर तरीके से हो रहा है और सीमित संसाधन के बावजूद चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं ईएसआईसी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर निरोज कुजूर ने बताया कि रोजाना मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक अपने स्तर से मरीजों की बेहतरीन देखभाल कर रहे हैं।


Conclusion:एक ओर मौसमी बीमारियों ने अपना रंग दिखाना शुरू किया है तो दूसरी ओर अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी और सीमित संसाधन के बीच मरीज दोहरी मार झेलने को विवश है।

बाइट- मरीज , परिजन

बाइट - डॉ निरोज कुजूर , मेडिकल सुपरिटेंडेंट, ईएसआईसी।
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