सरायकेला: किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदारी के लिए सरकार की ओर से प्रखंड स्तर पर धान अधिप्राप्ति केन्द्र खोले गए हैं, लेकिन धान अधिप्राप्ति केन्द्रों में प्रतिनियुक्त कर्मचारी किसानों को परेशान कर रहे हैं. कर्मचारियों और विभागीय पदाधिकारियों की मनमानी से किसान औने-पौने दाम में हाट बाजार में धान बेचने को विवश हैं.
ये भी पढ़ें- धनबाद: डबल मर्डर हत्याकांड में पुलिस को मिली सफलता, एक अपराधी गिरफ्तार
मजबूरी में किसान कर रहे हैं हाट बाजारों का रुख
मामला सरायकेला प्रखंड के सीनी लैंपस का है. सरायकेला के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीददारी के लिए प्रखंड के सीनी लैंपस को सेंटर बनाया गया है. लेकिन यहां लैंपस कर्मचारी किसानों को टहला रहे हैं. समय पर धान की खरीदारी नहीं होने से किसानों में नाराजगी है. इससे आक्रोशित दर्जनों किसान, किसान नेता जयप्रकाश सिंहदेव के नेतृत्व में जिला समाहरणालय पहुंचे और डीसी को ज्ञापन सौंपा. साथ ही समय से धान की खरीदारी कराने का आग्रह किया. किसानों ने कहा लैंपस में बिचौलियों के माध्यम से धान की खरीद की जा रही है. जिससे किसान अपने धान को औने-पौने दाम पर बाहर बेचने को विवश हैं. किसानों ने बताया वे दिसंबर माह में धान बेचने के लिए लैंपस गए थे लेकिन लैंपस में कहा गया मोबाइल में मैसेज जाने पर आइएगा. लेकिन मार्च माह बीतने को है और मैसेज नहीं आया.
केंद्र आने पर खरीद न होने की दी जाती है जानकारी
जिला मुख्यालय से महज 12 किमी दूर सदर प्रखंड के लैंपस का केंद्र है. लेकिन यहीं किसानों को धान खरीद में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में जिले के अन्य प्रखंडों के धान अधिप्राप्ति केन्द्रों की व्यवस्थाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां किसान भाड़े के ट्रैक्टर या पिकअप वैन में धान लादकर केंद्र तक पहुंचते हैं तो पता चलता है कि आज धान नहीं लिया जाएगा. इस पूरे मामले पर डीसी ने संज्ञान लेते हुए जल्द जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.