सरायकेला: जिले के लाइफ लाइन माने जाने वाले टाटा-कांड्रा मुख्य सड़क पर जिला सड़क सुरक्षा समिति की अनदेखी के कारण रोजाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. पथ निर्माण विभाग और सड़क सुरक्षा समिति ने इस सड़क पर चिन्हित 11 डेंजर ब्लैक स्पॉट को अब तक दूर नहीं किया है जो कि दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है.
11 डेंजर ब्लैक स्पॉट बने मौत का कारण
पथ परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति ने 3 साल पहले पथ निर्माणकर्ता जेआरडीसीएल की ओर से मनाए गए सड़क सुरक्षा अभियान में इस बात की घोषणा की थी कि इस सड़क पर कुल 11 डेंजर ब्लैक स्पॉट है, जहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती है और इन्हें चिन्हित कर दूर किए जाने का भी निर्णय भी लिया गया था, लेकिन आज 3 साल बीत जाने के बाद भी सड़क सुरक्षा अभियान में पुनः इस बात की चर्चा की गई कि सड़क पर अभी भी 11 खतरनाक ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि 3 सालों तक पथ परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति क्या कर रही थी.
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सड़क दुर्घटना में हो रहा इजाफा
खतरनाक साबित हो रहे जिले के इस मुख्य सड़क पर रोजाना छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाएं होना अब आम बात हो गया है. एक आंकड़े के मुताबिक इस सड़क पर रोजाना 3 से 5 दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें या तो लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं या फिर मौत हो जाती है और पथ निर्माण विभाग सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर सिर्फ कोरम पूरा करने का काम कर रही है.
जनकल्याण मोर्चा दायर करेगी जनहित याचिका
जिला सड़क सुरक्षा समिति और पथ निर्माण विभाग की अनदेखी का खामियाजा सड़क पर चलने वाले राहगीरों को उठाना पड़ रहा है. इस समस्या को लेकर अब सामाजिक और न्यायिक संगठन जनकल्याण मोर्चा की ओर से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. मोर्चा इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है, ताकि दोषियों पर अविलंब कार्रवाई हो.