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सरायकेलाः 3 साल में भी नहीं दूर किए गए सड़क के 11 ब्लैक स्पॉट, आए दिन होते हैं हादसे - Jharkhand News

सरायकेला में सड़क सुरक्षा समिति और पथ निर्माण विभाग हर साल सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर सिर्फ प्रक्रिया पूरी कर रही है. 3 सालों में सड़क सुरक्षा को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाना अधिकारियों के लापरवाही को साफ दर्शाती है.

सरायकेला सड़क सुरक्षा समिति
road safety in Seraikela
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Published : Feb 6, 2020, 12:22 PM IST

सरायकेला: जिले के लाइफ लाइन माने जाने वाले टाटा-कांड्रा मुख्य सड़क पर जिला सड़क सुरक्षा समिति की अनदेखी के कारण रोजाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. पथ निर्माण विभाग और सड़क सुरक्षा समिति ने इस सड़क पर चिन्हित 11 डेंजर ब्लैक स्पॉट को अब तक दूर नहीं किया है जो कि दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है.

देखें पूरी खबर

11 डेंजर ब्लैक स्पॉट बने मौत का कारण
पथ परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति ने 3 साल पहले पथ निर्माणकर्ता जेआरडीसीएल की ओर से मनाए गए सड़क सुरक्षा अभियान में इस बात की घोषणा की थी कि इस सड़क पर कुल 11 डेंजर ब्लैक स्पॉट है, जहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती है और इन्हें चिन्हित कर दूर किए जाने का भी निर्णय भी लिया गया था, लेकिन आज 3 साल बीत जाने के बाद भी सड़क सुरक्षा अभियान में पुनः इस बात की चर्चा की गई कि सड़क पर अभी भी 11 खतरनाक ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि 3 सालों तक पथ परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति क्या कर रही थी.

ये भी पढ़ें-रांचीः CAA के खिलाफ धरना दे रही महिलाओं पर पत्थरबाजी मामले में दोनों आरोपी गिरफ्तार, भेजे गए जेल

सड़क दुर्घटना में हो रहा इजाफा
खतरनाक साबित हो रहे जिले के इस मुख्य सड़क पर रोजाना छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाएं होना अब आम बात हो गया है. एक आंकड़े के मुताबिक इस सड़क पर रोजाना 3 से 5 दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें या तो लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं या फिर मौत हो जाती है और पथ निर्माण विभाग सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर सिर्फ कोरम पूरा करने का काम कर रही है.

जनकल्याण मोर्चा दायर करेगी जनहित याचिका
जिला सड़क सुरक्षा समिति और पथ निर्माण विभाग की अनदेखी का खामियाजा सड़क पर चलने वाले राहगीरों को उठाना पड़ रहा है. इस समस्या को लेकर अब सामाजिक और न्यायिक संगठन जनकल्याण मोर्चा की ओर से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. मोर्चा इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है, ताकि दोषियों पर अविलंब कार्रवाई हो.

सरायकेला: जिले के लाइफ लाइन माने जाने वाले टाटा-कांड्रा मुख्य सड़क पर जिला सड़क सुरक्षा समिति की अनदेखी के कारण रोजाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. पथ निर्माण विभाग और सड़क सुरक्षा समिति ने इस सड़क पर चिन्हित 11 डेंजर ब्लैक स्पॉट को अब तक दूर नहीं किया है जो कि दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है.

देखें पूरी खबर

11 डेंजर ब्लैक स्पॉट बने मौत का कारण
पथ परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति ने 3 साल पहले पथ निर्माणकर्ता जेआरडीसीएल की ओर से मनाए गए सड़क सुरक्षा अभियान में इस बात की घोषणा की थी कि इस सड़क पर कुल 11 डेंजर ब्लैक स्पॉट है, जहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती है और इन्हें चिन्हित कर दूर किए जाने का भी निर्णय भी लिया गया था, लेकिन आज 3 साल बीत जाने के बाद भी सड़क सुरक्षा अभियान में पुनः इस बात की चर्चा की गई कि सड़क पर अभी भी 11 खतरनाक ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि 3 सालों तक पथ परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति क्या कर रही थी.

ये भी पढ़ें-रांचीः CAA के खिलाफ धरना दे रही महिलाओं पर पत्थरबाजी मामले में दोनों आरोपी गिरफ्तार, भेजे गए जेल

सड़क दुर्घटना में हो रहा इजाफा
खतरनाक साबित हो रहे जिले के इस मुख्य सड़क पर रोजाना छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाएं होना अब आम बात हो गया है. एक आंकड़े के मुताबिक इस सड़क पर रोजाना 3 से 5 दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें या तो लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं या फिर मौत हो जाती है और पथ निर्माण विभाग सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर सिर्फ कोरम पूरा करने का काम कर रही है.

जनकल्याण मोर्चा दायर करेगी जनहित याचिका
जिला सड़क सुरक्षा समिति और पथ निर्माण विभाग की अनदेखी का खामियाजा सड़क पर चलने वाले राहगीरों को उठाना पड़ रहा है. इस समस्या को लेकर अब सामाजिक और न्यायिक संगठन जनकल्याण मोर्चा की ओर से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. मोर्चा इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है, ताकि दोषियों पर अविलंब कार्रवाई हो.

Intro:सरायकेला जिले के लाइफ लाइन माने जाने वाले टाटा-कांड्रा मुख्य सड़क पर जिला सड़क सुरक्षा समिति की अनदेखी के कारण रोजाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही है और लोग या तो गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं या उनकी मौत इस सड़क दुर्घटना में हो रही है, ताज्जुब की बात तो यह है कि पथ निर्माण विभाग और सड़क सुरक्षा समिति ने इस सड़क पर चिन्हित 11 डेंजर ब्लैक स्पॉट को अब तक दूर नहीं किया है, जो कि रोजाना दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है


Body:11 डेंजर ब्लैक स्पोर्ट बने मौत के कारण

पथ परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति ने 3 वर्ष पूर्व पथ निर्माण करता जे आर डी सी एल द्वारा मनाए गए सड़क सुरक्षा अभियान में इस बात की घोषणा की थी कि इस सड़क पर कुल 11 डेंजर ब्लैक स्पॉट है। जहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही है, और इन्हें चिन्हित कर दूर किए जाने का भी निर्णय लिया गया था। लेकिन आज 3 साल बीत जाने के बाद भी जनवरी माह में मनाए गए सड़क सुरक्षा अभियान में पुनः इस बात को बताया गया कि सड़क पर अब भी 11 खतरनाक ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं ,जहां लोगों को संभलकर चलने की जरूरत है, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि 3 सालों तक पथ परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति क्या कर रही थी।

रोजाना सड़क दुर्घटना में हो रहा इजाफा।

खतरनाक साबित हो रहे जिले के इस मुख्य सड़क पर रोजाना छोटी बड़ी सड़क दुर्घटनाएं होना अब आम बात हो गया है, एक आंकड़े के मुताबिक इस सड़क पर रोजाना 3 से 5 दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें या तो लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं या फिर मौत हो जाती है, वही पथ निर्माण विभाग सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर सिर्फ कोरम पूरा करने का काम कर रही है।

जनकल्याण मोर्चा दायर करेगी जनहित याचिका

जिला सड़क सुरक्षा समिति और पथ निर्माण विभाग के अनदेखी का खामियाजा सड़क पर चलने वाले राहगीरों को उठाना पड़ रहा है। इधर इस समस्या को लेकर अब सामाजिक और न्यायिक संगठन जनकल्याण मोर्चा द्वारा 3 साल में भी सड़क पर सुरक्षा के कारगर उपाय नहीं किए जाने के विरोध दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है ,वहीं अब मोर्चा इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है। जिसमें दोषियों पर अविलंब कार्रवाई की मांग जोरों से उठाई जा रही है।


Conclusion:एक तरफ सड़क सुरक्षा समिति और पथ निर्माण विभाग प्रतिवर्ष सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर सिर्फ प्रक्रिया पूरी कर रही है तो वहीं 3 सालों में सड़क सुरक्षा को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाना अधिकारियों के लापरवाही को साफ दर्शाता है ऐसे में अब सामाजिक और न्यायिक संगठन ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे को जोरों से उठाया है।

बाइट- ओम प्रकाश सामाजिक कार्यकर्ता.

बाइट - निर्मल प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग
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