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कुकड़ू नक्सली घटना के दो साल पूरे, पांच पुलिसकर्मी हुए थे शहीद, नहीं भूले लोग वह खौफनाक मंजर

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Published : Jun 14, 2021, 7:31 PM IST

सरायकेला के तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकड़ू साप्ताहिक हाट बाजार में आज के ही दिन 2 साल पहले नक्सलियों ने पांच जवानों पर पीछे से वार कर बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना को याद करके आज भी लोग सहम जाते है और आज भी लोग शाम होने पर घर से निकलने से डरते हैं.

five policemen martyred in seraikela
सरायकेला में शहीद हुए पांच पुलिसकर्मियों के दो साल पूरे

सरायकेलाः जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकड़ू साप्ताहिक हाट बाजार में पांच पुलिसकर्मी नक्सली हमले में शहीद हुए थे. इस घटना को याद करके आज भी लोग सहम जाते है और आज भी लोग शाम होने पर घर से निकलने से डरते है. नक्सलियों ने पहले जवानों पर भुजाली से हमला किया था फिर पुलिसकर्मियों के ही हथियार लूटकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी.

ये भी पढ़ें-लातेहार के पीरी जंगल में नक्सली एनकाउंटर पर विवाद, पुलिस ने जिसे माओवादी समझ मारा, ग्रामीणों ने बताया आम नागरिक

क्या है पूरा मामला

दो वर्ष पूर्व 14 जून 2019 को सरायकेला-खरसावां जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत कुकड़ू सफ्ताहिक हाट बाजार में नक्सलियों ने कायरतापूर्ण रवैया अपनाते हुए तिरुलडीह थाने के पांच जवानों पर पीछे से वार कर बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था. ये घटना उस वक्त घटी थी जब पुलिसकर्मी गश्त से लौटने के बाद हाट के पास एक दुकान पर शाम के वक्त कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे, तभी पहले से घात लगाये बैठे नक्सलियों ने ताबड़तोड़ हमला कर पांच पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर उनके हथियार लूट ले गए थे.

देखें पूरी खबर

आज तक थाना भवन का नहीं हो उदघाटन

घटना में तिरुलडीह थाने का ड्राइवर सुखलाल कुदादा ने जंगल में भागकर अपनी जान बचाई थी और देर रात तिरुलडीह थाना आये थे. इस घटना में तिरुलडीह थाना में पदस्थ एएसआई मनोधन हांसदा, एएसआई गोवर्धन पासवान, कांस्टेबल युधिष्ठिर मालुवा, कांस्टेबल धनेश्वर महतो और कांस्टेबल डिबरू पूर्ति शहीद हो गए थे. जिस जगह यह घटना हुई थी, वहां से 500 मीटर की दूरी पर साल 2016 से ही थाना भवन बनकर तैयार है. लेकिन आज तक उस थाना भवन का संचालन शुरू नहीं हुआ है.

एनआईए कर रही है जिम्मा

इस घटना की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को दिया गया था. जहां एनआईए ने केस को 13 दिसंबर 2020 को टेकओवर करते हुए विशेष अदालत ने 18 नक्सलियों पर आरोप पत्र दाखिल है. इस मामले में अब तक दर्जन भर नक्सली गिरफ्तार हुए है लेकिन पुलिस प्रशासन अब तक जवानों से लुटे हथियार को बरामद नहीं कर पाई है.

एनआईए जांच के अनुसार कुकड़ू सफ्ताहिक हाट में पुलिसकर्मियों पर हमले की योजना सेंट्रल कमेटी सदस्य अनल दा के नेतृत्व में हमले के एक महीने पहले बनाई गई थी.

आज भी खौफनाक मंजर याद है

इस घटना को एक दिन पहले अरहंजा जंगल में अंतिम रूप दिया गया था. जहां नक्सलियों ने हमले का पूर्वाभ्यास किया था. हमले के पीछे मूल उद्देश्य था हथियार लूटना और एक साथी नक्सली प्रदीप स्वांसी की हत्या का बदला लेना था. इधर सरायकेला जिले के एसपी मोहम्मद अर्शी कहा कि उस घटना के बाद से पुलिस ने काफी सख्ती की है, हर तरफ चौकसी बढ़ाई गई है और काफी हद तक नक्सल गतिविधियों पर काबू पाया गया है.

कुकड़ू घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को हम लोग बार-बार नमन करते हैं. इस घटना में जितने भी पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. उनके परिजनों से ईटीवी भारत की टीम लगातार में संपर्क में है. सिर्फ एक थाना भवन के अभाव में इस क्षेत्र के लोगों में आज भी डर बना हुआ है. क्षेत्र के लोग आज भी उस खौफनाक मंजर को याद करके शाम होने पर घर से निकलने से डरते हैं.

सरायकेलाः जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकड़ू साप्ताहिक हाट बाजार में पांच पुलिसकर्मी नक्सली हमले में शहीद हुए थे. इस घटना को याद करके आज भी लोग सहम जाते है और आज भी लोग शाम होने पर घर से निकलने से डरते है. नक्सलियों ने पहले जवानों पर भुजाली से हमला किया था फिर पुलिसकर्मियों के ही हथियार लूटकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी.

ये भी पढ़ें-लातेहार के पीरी जंगल में नक्सली एनकाउंटर पर विवाद, पुलिस ने जिसे माओवादी समझ मारा, ग्रामीणों ने बताया आम नागरिक

क्या है पूरा मामला

दो वर्ष पूर्व 14 जून 2019 को सरायकेला-खरसावां जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत कुकड़ू सफ्ताहिक हाट बाजार में नक्सलियों ने कायरतापूर्ण रवैया अपनाते हुए तिरुलडीह थाने के पांच जवानों पर पीछे से वार कर बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था. ये घटना उस वक्त घटी थी जब पुलिसकर्मी गश्त से लौटने के बाद हाट के पास एक दुकान पर शाम के वक्त कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे, तभी पहले से घात लगाये बैठे नक्सलियों ने ताबड़तोड़ हमला कर पांच पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर उनके हथियार लूट ले गए थे.

देखें पूरी खबर

आज तक थाना भवन का नहीं हो उदघाटन

घटना में तिरुलडीह थाने का ड्राइवर सुखलाल कुदादा ने जंगल में भागकर अपनी जान बचाई थी और देर रात तिरुलडीह थाना आये थे. इस घटना में तिरुलडीह थाना में पदस्थ एएसआई मनोधन हांसदा, एएसआई गोवर्धन पासवान, कांस्टेबल युधिष्ठिर मालुवा, कांस्टेबल धनेश्वर महतो और कांस्टेबल डिबरू पूर्ति शहीद हो गए थे. जिस जगह यह घटना हुई थी, वहां से 500 मीटर की दूरी पर साल 2016 से ही थाना भवन बनकर तैयार है. लेकिन आज तक उस थाना भवन का संचालन शुरू नहीं हुआ है.

एनआईए कर रही है जिम्मा

इस घटना की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को दिया गया था. जहां एनआईए ने केस को 13 दिसंबर 2020 को टेकओवर करते हुए विशेष अदालत ने 18 नक्सलियों पर आरोप पत्र दाखिल है. इस मामले में अब तक दर्जन भर नक्सली गिरफ्तार हुए है लेकिन पुलिस प्रशासन अब तक जवानों से लुटे हथियार को बरामद नहीं कर पाई है.

एनआईए जांच के अनुसार कुकड़ू सफ्ताहिक हाट में पुलिसकर्मियों पर हमले की योजना सेंट्रल कमेटी सदस्य अनल दा के नेतृत्व में हमले के एक महीने पहले बनाई गई थी.

आज भी खौफनाक मंजर याद है

इस घटना को एक दिन पहले अरहंजा जंगल में अंतिम रूप दिया गया था. जहां नक्सलियों ने हमले का पूर्वाभ्यास किया था. हमले के पीछे मूल उद्देश्य था हथियार लूटना और एक साथी नक्सली प्रदीप स्वांसी की हत्या का बदला लेना था. इधर सरायकेला जिले के एसपी मोहम्मद अर्शी कहा कि उस घटना के बाद से पुलिस ने काफी सख्ती की है, हर तरफ चौकसी बढ़ाई गई है और काफी हद तक नक्सल गतिविधियों पर काबू पाया गया है.

कुकड़ू घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को हम लोग बार-बार नमन करते हैं. इस घटना में जितने भी पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. उनके परिजनों से ईटीवी भारत की टीम लगातार में संपर्क में है. सिर्फ एक थाना भवन के अभाव में इस क्षेत्र के लोगों में आज भी डर बना हुआ है. क्षेत्र के लोग आज भी उस खौफनाक मंजर को याद करके शाम होने पर घर से निकलने से डरते हैं.

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