सरायकेला: जिले में कोरोना के खिलाफ शासन प्रशासन दिन रात कार्य कर रहा है. संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने नया आदेश जारी किया है. इसके तहत कोविड-19 के बायो मेडिकल वेस्ट के साथ कोविड-19 मरीजों के उपयोग में लाई गईं वस्तुओं का डिस्पोजल 72 घंटे के अंदर बायोवेस्ट कचरे के साथ सुरक्षित तरीके से किया जाना है ताकि संक्रमण का खतरा रोका जा सके.
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद की ओर से देशभर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से संशोधित आदेश पारित किया गया है. इसके तहत सभी कोविड-19, संक्रमित मरीजों के इलाज के क्रम में निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के साथ-साथ इलाज के दौरान संक्रमित मरीज के उपयोग में लाई गईं वस्तुओं मसलन डिस्पोजेबल बर्तन प्लेट आदि को भी सामान्य कचरा न मानकर मेडिकल वेस्ट के श्रेणी में ही इनका भी निस्तारण किया जाए, जिसके बाद से सभी अस्पतालों और कचरा निष्पादन और निस्तारण केंद्रों को यह आदेश दिया जा चुका है.
बायो मेडिकल वेस्ट में हुआ इजाफा
वैश्विक महामारी के इस काल में बायो मेडिकल वेस्ट की भी भरमार हो गई है. अस्पतालों से आम दिनों की अपेक्षा संक्रमण के इस दौर में मेडिकल वेस्ट बड़ी तादाद में निकल रहा है. वहीं अब कोरोना संक्रमित मरीजों के प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं को भी मेडिकल वेस्ट की श्रेणी में लाने के बाद अस्पतालों से बड़ी मात्रा में बायो वेस्ट कचरा निकल रहा है. ऐसे में सॉलिड वेस्ट प्लांट में अचानक बायो वेस्ट निस्तारण में भी अप्रत्याशित इजाफा होने लगा है.
बायोवेस्ट निस्तारण के लिए कम पड़ रहे वाहन
पूर्व में ही प्रदूषण नियंत्रण परिषद की ओर से जारी आदेश के तहत विशेष डेडीकेटेड वाहनों के जरिए ही अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को निस्तारण प्लांट तक ले जाना है, जिसके बाद डेडीकेटेड बायो वेस्ट वाहनों में भी अतिरिक्त कचरा डाले जाने से इन वाहनों में जगह कम पड़ रही है. ऐसे में अब अस्पतालों को ही कचरा निस्तारण के लिए विशेष डेडिकेटेड वाहन उपलब्ध कराने होंगे.