सरायकेला: जिले के चांडिल अनुमंडल के हेसाकोचा पंचायत के दर्जनों गांव जहां पंचायत विकास के फैसले पेड़ के नीचे कार्यालय चला कर ली जाती है. पंचायत भवन जर्जर और अधूरा होने और सड़क के निर्माण की उम्मीद को लेकर ग्रामीणों ने वर्तमान हेमंत सरकार से शिकायत की है.
जिसपर हेमंत सोरेन ने हेसाकोचा की वर्तमान स्थिति की जनकारी पर ट्विट कर जिला प्रशासन से मांगी है. दो दशक से हेसाकोचा पंचायत के दर्जनों गांव नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहे हैं. इस दौरान कई हत्या और कई नक्सली घटना हुई, यह पंचायत क्षेत्र का भौगोलिक स्थिति और अन्य जिला, प्रखंडो से जुड़ा है.
गांव में आधारभुत सुविधा नहीं होने के कारण संपूर्ण पंचायत के दर्जनों गांवों का समग्र विकास नहीं हो सका है. आज भी मुखिया, पंचायत सचिव, स्वास्थ्य कर्मी पंचायत के रागामाटीया, मुटुदा, तानिसीया, रांका जैस सुदूरवर्ती गांव का विकास नहीं हो सका है, दो दशकों से सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गांव के आधारभूत सुविधाओं को लेकर करोड़ों की कई योजना बनी, जिसमें मुख्य मार्ग से ग्रामीण सड़क को जोड़ना जो आज भी योजना सफलता पूर्वक घरातल पर नहीं उतर सका है.
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जिस कारण आज भी युवा और ग्रामीणों के अंदर जिला प्रशासन की ओर से जनता दरबार, सरकार आपके द्वार, रोजगार मेला का कार्यक्रम पर विरोध जताते है. बहरहाल, ग्रामीणों की आवाज अब मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंचाई गई है. नए सरकार पर हेसाकोचा पंचायत के दर्जनों गांवों के लोगों की उम्मीद जगी है.