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वरदान साबित हो रहा गंजिया बराज निर्माण, इस बार भी बाढ़ के प्रकोप से बचे 12 गांव - सरायकेला में गंजिया बराज हो रहा वरदान साबित

सरायकेला के खरकई नदी पर बनाया गया गंजिया बराज लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. गंजिया बराज के निर्माण से कई गांव बाढ़ के प्रकोप से बच गए हैं.

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गंजिया बराज निर्माण
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Published : May 30, 2021, 5:07 PM IST

सरायकेला: जिले के खरकई नदी पर गंजिया बराज का निर्माण आसपास के कई गांव के लिए वरदान साबित हो रहा है. पिछले 3 दिनों से चक्रवात यास और मूसलाधार बारिश के बावजूद बराज निर्माण और एजेंसी की सक्रियता से इस बार भी कई गांव डूबने से बच गए.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- सरायकेला में चक्रवाती तूफान यास का तांडव, तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका


पड़ोसी राज्य ओडिशा के व्यंगबिल डैम से खरकई नदी में पानी छोड़े जाने के बावजूद बराज का निर्माण होने से इससे सटे तकरीबन 12 गांव इस बार भी प्रभावित होने से बच गए हैं. हालांकि इससे पहले जब तक बराज का निर्माण पूरी तरह नहीं हो सका था. यहां हर साल बरसात और बाढ़ के मौसम में कई गांव जलमग्न हो जाते थे लेकिन बराज और इसके साथ एफलेक्स बांध के होने के चलते गांव में सीधा पानी नहीं आया और अब बाढ़ की स्थिति यहां नहीं बन रही.

कर्मचारियों ने की वर्चुअल बैठक

गंजिया बराज निर्माता एजेंसी एलएनटी ऑपरेशन मेंटेनेंस विभाग के कर्मचारियों की ओर से वर्चुअल बैठक आयोजित की गई. बैठक में बताया गया कि चक्रवाती तूफान को लेकर एजेंसी पूर्व से ही सतर्कता बरत रही थी, जिसका नतीजा रहा कि जलस्तर बढ़ने के बावजूद तटीय क्षेत्र इस बार भी नहीं डूबे. स्वर्णरेखा परियोजना के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार के नेतृत्व में बचाव कार्य की तैयारी की गई थी. नतीजतन बराज के सभी 15 गेट जलस्तर बढ़ने से पूर्व ही खोल दिए गए थे. हालांकि इसके बाद भी नदी में जलस्तर 140 मीटर हो गया था. अब जब बाढ़ का खतरा टल गया है तो फिलहाल नदी का जलस्तर 132 मीटर है. गंजिया बराज का निर्माण होने से ना केवल तटीय क्षेत्रों को डूबने से बचाया जा रहा है. इसके साथ ही इससे सटे कई हेक्टेयर कृषि भूमि का भी सिंचाई संभव हो सका है.

सरायकेला: जिले के खरकई नदी पर गंजिया बराज का निर्माण आसपास के कई गांव के लिए वरदान साबित हो रहा है. पिछले 3 दिनों से चक्रवात यास और मूसलाधार बारिश के बावजूद बराज निर्माण और एजेंसी की सक्रियता से इस बार भी कई गांव डूबने से बच गए.

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पड़ोसी राज्य ओडिशा के व्यंगबिल डैम से खरकई नदी में पानी छोड़े जाने के बावजूद बराज का निर्माण होने से इससे सटे तकरीबन 12 गांव इस बार भी प्रभावित होने से बच गए हैं. हालांकि इससे पहले जब तक बराज का निर्माण पूरी तरह नहीं हो सका था. यहां हर साल बरसात और बाढ़ के मौसम में कई गांव जलमग्न हो जाते थे लेकिन बराज और इसके साथ एफलेक्स बांध के होने के चलते गांव में सीधा पानी नहीं आया और अब बाढ़ की स्थिति यहां नहीं बन रही.

कर्मचारियों ने की वर्चुअल बैठक

गंजिया बराज निर्माता एजेंसी एलएनटी ऑपरेशन मेंटेनेंस विभाग के कर्मचारियों की ओर से वर्चुअल बैठक आयोजित की गई. बैठक में बताया गया कि चक्रवाती तूफान को लेकर एजेंसी पूर्व से ही सतर्कता बरत रही थी, जिसका नतीजा रहा कि जलस्तर बढ़ने के बावजूद तटीय क्षेत्र इस बार भी नहीं डूबे. स्वर्णरेखा परियोजना के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार के नेतृत्व में बचाव कार्य की तैयारी की गई थी. नतीजतन बराज के सभी 15 गेट जलस्तर बढ़ने से पूर्व ही खोल दिए गए थे. हालांकि इसके बाद भी नदी में जलस्तर 140 मीटर हो गया था. अब जब बाढ़ का खतरा टल गया है तो फिलहाल नदी का जलस्तर 132 मीटर है. गंजिया बराज का निर्माण होने से ना केवल तटीय क्षेत्रों को डूबने से बचाया जा रहा है. इसके साथ ही इससे सटे कई हेक्टेयर कृषि भूमि का भी सिंचाई संभव हो सका है.

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