सरायकेला: पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती से दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में पुजारी की ओर से थाना में टोलकर्मी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है. इसमें टोल प्लाजा के एक कर्मचारी को मारपीट और बदसलूकी करने के आरोप में नामजद किया गया है.
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पुजारी की ओर से थाना में लिखित शिकायत देने के बाद टोल प्रबंधन एनएचएआई के अधिकारी भी मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने में जुटे हैं. क्योंकि पुजारी के दुर्व्यहार के बाद उनके समर्थक आक्रोशित हो गए और टोल प्लाजा में तोड़फोड़ की. इस संबंध में टोलकर्मियों ने महंत के समर्थकों पर टोल प्लाजा में हंगामा, तोड़फोड़ और उनसे मारपीट करने का आरोप लगाया. जिसके बाद टोल प्रबंधन और एनएचएआई भी सर्वे के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी में है.
इस संबंध में जानकारी देते हुए चांडिल थाना प्रभारी अजीत कुमार ने बताया है कि महंत विद्यानंद सरस्वती ने टोलकर्मी के खिलाफ लिखित शिकायत की है. जिसमें मारपीट, बदतमीजी, पगड़ी उतारने संबंधित शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि महंत विद्यानंद सरस्वती समर्थकों द्वारा मारपीट और तोड़फोड़ किए जाने की शिकायत भी टोल प्रबंधन एनएचएआई से प्राप्त हुई है. एनएचएआई के अधिकारी अनुराग चौहान विवाद में क्षतिग्रस्त हुए संपत्ति का आकलन कर रहे हैं, जिसके बाद उनके द्वारा भी मामले की शिकायत की जाएगी.
जानिए, क्या है पूरा मामलाः गुरुवार शाम 5 बजे के करीब पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती अपने शिष्य इंदिरा नंद सरस्वती के साथ बिना नंबर की सफेद गाड़ी से साधु बाबा मठिया से वापस फदलुगोड़ा काली मंदिर जा रहे थे. इस बीच बिना नंबर प्लेट की कार को टोलकर्मियों ने टोल की वसूली के लिए रोका. जिसमें महंत इंदिरा नंद सरस्वती के साथ टोलकर्मियों की बहस शुरू हो गयी.
जिसके बाद महंत इंदिरा नंद सरस्वती ने टोलकर्मियों पर मारपीट और बदसलूकी करने का आरोप लगाया. मामले की जानकारी मिलने पर महंत के समर्थक पाटा डाउन टोल प्लाजा पहुंचे और टोल प्लाजा में जमकर हंगामा किया. हंगामे की सूचना पर चांडिल पुलिस और एसडीपीओ संजय सिंह मौके पर पहुंचे, उन्होंने गुस्साए समर्थकों को समझा-बुझाकर वापस भेजा था, तब जाकर स्थिति नियंत्रण में हुई. इस घटना से काफी देर यहां पर ऊहापोह जैसी हालत रही.