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सरायकेलाः झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने निकाला विरोध मार्च, सरकार पर लगाए कई आरोप

झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ विरोध मार्च निकालकर आक्रोश जाहिर किया है. प्रोन्नति और स्वीकृत पदों में कटौती के खिलाफ कर्मचारियों में गहरा आक्रोश देखा गया.

protest march against promotions and cuts in sanctioned posts in seraikela
विरोध मार्च
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Published : Dec 29, 2020, 12:23 PM IST

सरायकेला: झारखंड सरकार का 1 साल का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ विरोध मार्च निकालकर आक्रोश जाहिर किया है. झारखंड सरकार ने विभिन्न विभागों में लंबित प्रोन्नति और स्वीकृत पदों में कटौती के खिलाफ कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले जल संसाधन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों ने विरोध मार्च निकालते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है.

देखें पूरी खबर
कर्मचारी महासंघ ने सरकार की घोषणा और वादे को चुनावी वादे करार दिया है. कर्मचारी महासंघ का मानना है कि सरकार गठन और चुनाव से पूर्व मौजूदा राज्य सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात को स्पष्ट किया था कि झारखंड में सरकारी विभागों में लंबित प्रोन्नति को लागू किया जाएगा.

रिक्त पड़े स्वीकृत पदों पर बहाली की जाएगी लेकिन एक ओर जहां सरकार अपना वर्षगांठ मना रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार ने कर्मचारियों के पेट पर लात मारने का काम किया है. कर्मचारी महासंघ में इसके खिलाफ भारी रोष व्याप्त है. कर्मचारियों ने रोष जाहिर करते हुए महासंघ के बैनर तले स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना प्रशासक कार्यालय के सामने विरोध मार्च निकालकर आक्रोश प्रकट किया.

ये भी पढ़े- पुलिस की बड़ी लापरवाही: पुजारी का हत्यारा जेल गेट से फरार, पुलिस कर्मियों में हड़कंप

50% से भी अधिक पदों पर होगी कटौती
सरकार के सरकारी स्वीकृत पदों में कटौती के विरुद्ध कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन छेड़ने की रणनीति तैयार की है. अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विमल सिंह ने बताया कि सरकार सत्ता में आने के बाद अपने घोषणाओं से मुकर रही है. उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग में 50% से भी अधिक पदों की कटौती की जाएगी और कई ऐसे सरकारी पद हैं, जिन्हें पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा, जिससे सरकार निजीकरण को बढ़ावा देने की फिराक में है.

सरायकेला: झारखंड सरकार का 1 साल का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ विरोध मार्च निकालकर आक्रोश जाहिर किया है. झारखंड सरकार ने विभिन्न विभागों में लंबित प्रोन्नति और स्वीकृत पदों में कटौती के खिलाफ कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले जल संसाधन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों ने विरोध मार्च निकालते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है.

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कर्मचारी महासंघ ने सरकार की घोषणा और वादे को चुनावी वादे करार दिया है. कर्मचारी महासंघ का मानना है कि सरकार गठन और चुनाव से पूर्व मौजूदा राज्य सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात को स्पष्ट किया था कि झारखंड में सरकारी विभागों में लंबित प्रोन्नति को लागू किया जाएगा.

रिक्त पड़े स्वीकृत पदों पर बहाली की जाएगी लेकिन एक ओर जहां सरकार अपना वर्षगांठ मना रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार ने कर्मचारियों के पेट पर लात मारने का काम किया है. कर्मचारी महासंघ में इसके खिलाफ भारी रोष व्याप्त है. कर्मचारियों ने रोष जाहिर करते हुए महासंघ के बैनर तले स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना प्रशासक कार्यालय के सामने विरोध मार्च निकालकर आक्रोश प्रकट किया.

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50% से भी अधिक पदों पर होगी कटौती
सरकार के सरकारी स्वीकृत पदों में कटौती के विरुद्ध कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन छेड़ने की रणनीति तैयार की है. अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विमल सिंह ने बताया कि सरकार सत्ता में आने के बाद अपने घोषणाओं से मुकर रही है. उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग में 50% से भी अधिक पदों की कटौती की जाएगी और कई ऐसे सरकारी पद हैं, जिन्हें पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा, जिससे सरकार निजीकरण को बढ़ावा देने की फिराक में है.

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