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सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी का खामियाजा भुगत रहे पॉलिटेक्निक कॉलेज, रह गई सीटें खाली

झारखंड के पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन और काउंसलिंग की प्रकिया में तकनीकी गड़बड़ी का खामियाजा पॉलिटेक्निक संस्थान भुगत रहे हैं. एक साल पहले तक इस कॉलेज में नामांकन के लिए छात्रों की होड़ मची रहती थी, लेकिन इस बार ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भारी गड़बड़ी सामने आई है.

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Published : Aug 21, 2019, 11:15 PM IST

सॉफ्टवेयर के गड़बड़ी का खामियाजा भुगत रहे पॉलिटेक्निक कॉलेज

सरायकेला: झारखंड में पहली बार पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन और काउंसलिंग की प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन की गई है. इस प्रक्रिया में तकनीकी गड़बड़ी का खामियाजा पहले तो अभ्यर्थी को ही भुगतना पड़ा था, लेकिन अब दोबारा इस खामियाजा को पॉलिटेक्निक संस्थान भुगत रहे हैं. नतीजतन पॉलिटेक्निक संस्थान में कई सीटें खाली रह गई हैं.

देखें पूरी खबर

52 सीट खाली
अगर सरायकेला जिले की बात करें तो यहां स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया ढंग से पूरी नहीं हो सकी. इस वजह से यहां चार प्रमुख ब्रांच में काउंसलिंग के बाद कुल 220 सीटों के एवज में महज 168 सीट पर ही नामांकन हुए, जबकि 52 सीट खाली रह गई.

ये भी पढ़ें-हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में जल्द शुरू होगी पढ़ाई, सुप्रीम कोर्ट से मिल चुकी है हरी झंडी

पॉलिटेक्निक कॉलेज में मुख्य रूप से चार ब्रांच की होती है पढ़ाई
वहीं, एक वर्ष पहले तक राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन को लेकर छात्रों की होड़ मची रहती थी और सबसे पहले काउंसलिंग के बाद यहां सभी ब्रांच के सीट फुल हुआ करते थे, लेकिन इस बार ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भारी गड़बड़ी सामने आई है. बता दें कि राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में मुख्य रूप से चार ब्रांच की पढ़ाई होती है, जिनमें मैकेनिकल में 55, मेटलर्जि में 54, कंप्यूटर में 56 और इलेक्ट्रिक में 55 सीट हैं.

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220 सीटों में केवल 168 सीटों पर ही हुए नामांकन
इस बार ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी और छात्रों के बीच जानकारी के अभाव के कारण मैकेनिकल के 55 में से 45 सीटों पर नामांकन, मेटलर्जि के 54 में से 40 सीटों पर नामांकन, कंप्यूटर के 56 सीटों में महज 34 सीटों पर नामांकन और इलेक्ट्रिक के 55 में से 49 सीट पर छात्रों के ऑनलाइन काउंसलिंग हुए, यानी कुल मिलाकर 220 सीटो में केवल 168 सीटों पर ही नामांकन हुए.

रोस्टर प्रणाली पर ऑनलाइन काउंसलिंग है प्रमुख कारण
पहली बार राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में काउंसलिंग ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से नामांकन प्रक्रिया अपनाए जाने में प्रमुख गड़बड़ी का कारण आरक्षण के रोस्टर प्रणाली को ही बताया जा रहा है. इसके अलावा अभ्यर्थी छात्रों में जानकारी के अभाव के कारण सीटों के चयन में भी भारी गड़बड़ी हुई है. नतीजतन राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के कई सीटें खाली रह गई. इस संबंध में जानकारी देते हुए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि राज्य के अन्य कॉलेजों में भी सीट खाली है.

ये भी पढ़ें-पलामू मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी पढ़ाई, सुप्रीम कोर्ट ने दे दी अनुमति

तीन बार काउंसलिंग के बाद भी रही गड़बड़ी
पॉलिटेक्निक कॉलेज नामांकन प्रक्रिया में पहली बार ऑनलाइन काउंसलिंग किए जाने के प्रथम चरण में गड़बड़ी उत्पन्न हुई थी, जिसके बाद नामांकन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी. बाद में झारखंड तकनीकी शिक्षा बोर्ड और झारखंड संयुक्त परीक्षा बोर्ड द्वारा तीसरी बार के काउंसलिंग प्रक्रिया में 15 अगस्त तक राज्य के सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन प्रक्रिया को पूरी किया गया है. बावजूद इसके काउंसलिंग में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है.

वहीं, झारखंड के इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले को लेकर एक बार फिर से काउंसलिंग प्रक्रिया को अपनाई जाएगी. इधर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रबंधन भी इसी आस में है कि सरकार पुनः ऑनलाइन काउंसलिंग में खामियों को दूर करे.

सरायकेला: झारखंड में पहली बार पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन और काउंसलिंग की प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन की गई है. इस प्रक्रिया में तकनीकी गड़बड़ी का खामियाजा पहले तो अभ्यर्थी को ही भुगतना पड़ा था, लेकिन अब दोबारा इस खामियाजा को पॉलिटेक्निक संस्थान भुगत रहे हैं. नतीजतन पॉलिटेक्निक संस्थान में कई सीटें खाली रह गई हैं.

देखें पूरी खबर

52 सीट खाली
अगर सरायकेला जिले की बात करें तो यहां स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया ढंग से पूरी नहीं हो सकी. इस वजह से यहां चार प्रमुख ब्रांच में काउंसलिंग के बाद कुल 220 सीटों के एवज में महज 168 सीट पर ही नामांकन हुए, जबकि 52 सीट खाली रह गई.

ये भी पढ़ें-हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में जल्द शुरू होगी पढ़ाई, सुप्रीम कोर्ट से मिल चुकी है हरी झंडी

पॉलिटेक्निक कॉलेज में मुख्य रूप से चार ब्रांच की होती है पढ़ाई
वहीं, एक वर्ष पहले तक राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन को लेकर छात्रों की होड़ मची रहती थी और सबसे पहले काउंसलिंग के बाद यहां सभी ब्रांच के सीट फुल हुआ करते थे, लेकिन इस बार ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भारी गड़बड़ी सामने आई है. बता दें कि राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में मुख्य रूप से चार ब्रांच की पढ़ाई होती है, जिनमें मैकेनिकल में 55, मेटलर्जि में 54, कंप्यूटर में 56 और इलेक्ट्रिक में 55 सीट हैं.

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220 सीटों में केवल 168 सीटों पर ही हुए नामांकन
इस बार ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी और छात्रों के बीच जानकारी के अभाव के कारण मैकेनिकल के 55 में से 45 सीटों पर नामांकन, मेटलर्जि के 54 में से 40 सीटों पर नामांकन, कंप्यूटर के 56 सीटों में महज 34 सीटों पर नामांकन और इलेक्ट्रिक के 55 में से 49 सीट पर छात्रों के ऑनलाइन काउंसलिंग हुए, यानी कुल मिलाकर 220 सीटो में केवल 168 सीटों पर ही नामांकन हुए.

रोस्टर प्रणाली पर ऑनलाइन काउंसलिंग है प्रमुख कारण
पहली बार राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में काउंसलिंग ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से नामांकन प्रक्रिया अपनाए जाने में प्रमुख गड़बड़ी का कारण आरक्षण के रोस्टर प्रणाली को ही बताया जा रहा है. इसके अलावा अभ्यर्थी छात्रों में जानकारी के अभाव के कारण सीटों के चयन में भी भारी गड़बड़ी हुई है. नतीजतन राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के कई सीटें खाली रह गई. इस संबंध में जानकारी देते हुए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि राज्य के अन्य कॉलेजों में भी सीट खाली है.

ये भी पढ़ें-पलामू मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी पढ़ाई, सुप्रीम कोर्ट ने दे दी अनुमति

तीन बार काउंसलिंग के बाद भी रही गड़बड़ी
पॉलिटेक्निक कॉलेज नामांकन प्रक्रिया में पहली बार ऑनलाइन काउंसलिंग किए जाने के प्रथम चरण में गड़बड़ी उत्पन्न हुई थी, जिसके बाद नामांकन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी. बाद में झारखंड तकनीकी शिक्षा बोर्ड और झारखंड संयुक्त परीक्षा बोर्ड द्वारा तीसरी बार के काउंसलिंग प्रक्रिया में 15 अगस्त तक राज्य के सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन प्रक्रिया को पूरी किया गया है. बावजूद इसके काउंसलिंग में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है.

वहीं, झारखंड के इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले को लेकर एक बार फिर से काउंसलिंग प्रक्रिया को अपनाई जाएगी. इधर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रबंधन भी इसी आस में है कि सरकार पुनः ऑनलाइन काउंसलिंग में खामियों को दूर करे.

Intro:झारखंड राज्य में पहली बार पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन और काउंसलिंग की प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन की गई , लेकिन इस प्रक्रिया मंे तकनीकी गड़बड़ी का खामियाजा पहले तो अभ्यर्थी को ही भुगतना पड़ा था , लेकिन अब दोबारा इस खामियाजा को पॉलिटेक्निक संस्थान भुगत रहे हैं , नतीजतन पॉलिटेक्निक संस्थान में कई सीटें खाली रह गई है.


Body:बात करे सरायकेला जिले की तो यहां स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया ढंग से पूरी नहीं हो सकी . नतीजतन यहां चार प्रमुख ब्रांच में काउंसलिंग के बाद कुल 220 सीटों के एवज में महज 168 सीट पर ही नामांकन हुए , जबकि 52 सीट खाली रह गई.
आज से एक वर्ष पूर्व तक राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन को लेकर छात्रों की के होड़ मची रहती थी और सबसे पहले काउंसलिंग के बाद यहां सभी ब्रांच के सीट फुल हुआ करते थे ,लेकिन इस बार ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भारी गड़बड़ी सामने आई है . राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में मुख्य रूप से चार ब्रांच की पढ़ाई होती है जिनमें मैकेनिकल में 55 सीट , मेटलर्जि में 54 , कंप्यूटर में 56 और इलेक्ट्रिक में 55 सीट हैं . लेकिन इस बार ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी और छात्रों के बीच जानकारी के अभाव के बाद में मैकेनिकल के 55 में से 45 सीट पर नामांकन हुए हैं , मेटलर्जि 54 में से 40 सीटें पर नामांकन हुए जबकि कंप्यूटर के 56 सीटों में महज 34 सीटें ही भर सकी , वही इलेक्ट्रिक के 55 में से 49 सीट पर छात्रों के ऑनलाइन काउंसलिंग हुए , यानी कुल मिलाकर 220 सीटो में से सिर्फ 168 सीट पर नामांकन हुए.

रोस्टर प्रणाली आर ऑनलाइन काउंसलिंग है प्रमुख कारण

पहली बार राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में काउंसलिंग ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से नामांकन प्रक्रिया अपनाए जाने में प्रमुख गड़बड़ी का कारण आरक्षण के रोस्टर प्रणाली को ही बताया जा रहा है, इसके अलावा अभ्यर्थी छात्रों में जानकारी के अभाव के कारण सीटों के चयन में भी भारी गड़बड़ी की गई है, नतीजतन राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के कई सीटें खाली रह गई.

इस संबंध में जानकारी देते हुए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि राज्य के अन्य कॉलेजों में भी सीट खाली है,

Conclusion:तीन बार काउंसलिंग के बाद भी रही गड़बड़ी

पॉलिटेक्निक कॉलेज नामांकन प्रक्रिया में पहली बार ऑनलाइन काउंसलिंग किए जाने के प्रथम चरण में गड़बड़ी उत्पन्न हुई थी इसके बाद नामांकन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी, इसके बाद पुनः झारखंड तकनीकी शिक्षा बोर्ड और झारखंड संयुक्त परीक्षा बोर्ड द्वारा द्वारा काउंसलिंग आयोजित किया गया जिसके बाद तीसरे बार के काउंसलिंग प्रक्रिया में 15 अगस्त तक राज्य के सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन प्रक्रिया को पूरी किया गया है. बावजूद इसके काउंसलिंग में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है. वही राज्य में इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले को लेकर एक बार फिर से काउंसलिंग के प्रक्रिया को अपनाई जाएगी, इधर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रबंधन भी इसी आस में है कि सरकार पुनः ऑनलाइन काउंसलिंग में खामियों को दूर करें.

बाइट - वीरेंद्र प्रसाद , प्राचार्य , राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज
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