सरायकेला: देश में भले ही लॉकडाउन की अवधि समाप्त है और अनलॉक-1 जारी है. लेकिन अभी भी कोरोना का खतरा बना हुआ है. इसी खतरे को देखते हुए सरायकेला- खरसावां जिले में दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के पशुओं का खास ख्याल रखा जा रहा है. इस खतरनाक वायरस से बचाने के लिए लगातार कवायद की जा रही है.
पशु चिकित्सकों की टीम है लगातार कार्यरत
कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के जानवरों में कोरोना वायरस जांच के लिए पशु चिकित्सकों की टीम लगातार कार्य कर रही है. टीम वन्य प्राणियों की हरेक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. राहत की बात यह है कि अब तक यहां के वन्य प्राणियों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं. सप्ताह में दो बार बुधवार और शनिवार को दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के जानवरों की नियमित रूप से जांच की जाती है. इसके साथ ही उनके खान-पान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
ट्रैकर से हो रही पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी
दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पहले से ही ट्रैकर का सहारा लिया गया है. बताया जाता है कि दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के वन्य जीवो में सर्दी, निमोनिया या कम भ्रमण किए जाने की स्थिति में पशुओं को ट्रैक कर तत्काल डॉक्टरों की टीम से चेकअप कराया जा रहा है.
दलमा वन क्षेत्र में पाए जाने वाले जानवर
दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी वैसे तो हाथियों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन यहां हाथियों के अलावा भालू, कोटरा, जंगली सुअर, लंगूर, बंदर, लाल गिलहरी, जंगली मुर्गी, हिरन, खरहा, चीता और मोर भी पाए जाते हैं.
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लगातार किया जा रहा है पशुओं को सेनेटाइज
देश में कोरोना वायरस के दस्तक देने के बाद दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में पालतू पशुओं की लगातार देखरेख की जा रही है. इसके तहत वन्य कर्मी लगातार हाथी, हिरण समेत अन्य पालतू पशुओं के बाड़े को लगातार सेनेटाइजेशन करते रहते हैं.