सरायकेला: झारखंड समेत सरायकेला के दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण को इको सेंसिटिव जोन बनाने के लिए प्रयास प्रारंभ किए जा चुके हैं. इसके अलावा जंगली जानवरों के संरक्षण को लेकर भी पर्यटन विभाग की ओर से विशेष योजना तैयार की गई है. जल्द ही राज्य समेत दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को राजस्थान के माउंट आबू और भागीरथी की तर्ज पर विकसित किए जाने की योजना है.
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केंद्र सरकार से लगभग 1 करोड़ रुपये की मांग
दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी विकसित किए जाने की योजना के तहत वन विभाग ने केंद्र सरकार से लगभग 1 करोड़ रुपये की मांग की है. इसके अलावा झारखंड के अन्य 10 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ने भी केंद्र सरकार से तकरीबन 10 करोड़ की मांग की है. दलमा अभ्यारण और आस पास के क्षेत्र में जंगली वन्य प्राणियों की ओर से अक्सर इंसान पर हमला होता रहता है. जिसकी वजह से पीड़ित पक्ष को वन विभाग की ओर से मुआवजा भी देना पड़ता है. साथ ही जान-माल नुकसान की भी भरपाई करनी पड़ती है. इस योजना के पूरा होने से जंगली जानवर भी सुरक्षित होंगे और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
12 विभाग मिलकर तैयार करेंगे विकास का खाका
वन विभाग के सीसीएफ विश्वनाथ साह ने बताया कि राज्य के सभी अभ्यारण के विकास का खाका तैयार हो रहा है. 12 विभाग मिलकर इस योजना को धरातल पर उतारने का काम करेंगे. सबसे पहले मास्टर प्लान तैयार होगा, इसके बाद योजना पर कार्य प्रारंभ होगा. इस योजना में वन विभाग, कृषि विभाग, पेयजल विभाग, पथ निर्माण विभाग, मत्स्य विभाग, गव्य विकास विभाग, बागवानी, सहकारिता, बिजली विभाग आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं.
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योजना का उद्देश्य सुरक्षित रहें वन्य प्राणी
इस योजना के तहत वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखना प्राथमिकता में शामिल है. इको सेंसेटिव जोन घोषित कर वन्य प्राणियों के अनुकूल माहौल विकसित किए जाएंगे, ताकि जंगली जानवर और मनुष्य एक दूसरे से कम से कम संपर्क में आए.