साहिबगंज: शहर में चार दिनों पहले एक बच्ची के साथ एक महिला भटकती हुई मिली थी. महिला ने अपना नाम अपर्णा रजक बताया था. इस बीच साहिबगंज में बच्चा चोर की अफवाह फैल गई थी. लेकिन मंगलवार को सभी अफवाहों पर विराम लग गया. काफी कोशिशों के बाद महिला और बच्ची को उनके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया है.
विक्षिप्त महिला पोती के साथ भटक कर पहुंच गई थी साहिबगंजः दरअसल, महिला मानसिक रूप से बीमार है और बच्ची की दादी है. महिला भागलपुर से भटककर साहिबगंज पहुंच गई थी. साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी सुमित्रा कच्छप ने महिला और बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल भिजवाया था. इलाज के बाद महिला और बच्ची को बाल कल्याण समिति और जिला बाल संरक्षण इकाई की पहल पर आवासित किया गया. पूछताछ में महिला अपना पता बोलपुर बीरभूम पश्चिम बंगाल बता रही थी. यह प्राथमिक जानकारी मिलने के बाद जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बीरभूम पुलिस से संपर्क किया. इसके बाद बीरभूम पुलिस के प्रयास से महिला के बेटे तक खबर पहुंचायी गई.
भटकी महिला और बच्ची को परिवार से मिलायाः जानकारी के अनुसार महिला का पुत्र राकेश रजक भागलपुर में प्रिंटिंग कंपनी में कार्य करता है. पश्चिम बंगाल से राकेश को खबर किया गया. इस संबंध ने राकेश ने अपनी मां और बेटी के गुम होने की सूचना भागलपुर पुलिस को दी थी, लेकिन उससे पहले उसे पश्चिम बंगाल से खबर मिली कि उसकी मां और बेटी साहिबगंज में आवासित हैं.इसके बाद राकेश साहिबगंज पहुंचा. राकेश ने बताया कि मेरी मां मानसिक रोगी है और मेरी बेटी मेरी मां के बिना नहीं रह पाती है. मेरी मां बोलपुर के लिए मेरी बेटी के साथ निकल गई थी, लेकिन वह भटक कर साहिबगंज पहुंच गई. इस मौके पर बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ सुरेंद्रनाथ तिवारी, नगर महिला थाना प्रभारी सुमित्रा कक्षप, मंथन संस्था के समन्वयक अमन कुमार आदि उपस्थित थे.
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