साहिबगंज: जिला का बरहेट, बोरियो और पतना प्रखंड आदिवासी बहुल क्षेत्र है. आए दिन मानव तस्करी (Human Trafficking) का मामला प्रकाश में आते रहता है. इसकी मुख्य वजह यह है कि इन क्षेत्रों में आज भी शिक्षा कोसों दूर है. यही वजह है कि अभिभावक अपने मूल अधिकार को नहीं समझ पाते हैं और दलालों के चंद पैसों के प्रलोभन में आकर अपने बच्चों को उनके साथ काम करने के लिए जिला से बाहर भेज देते हैं. फिलहाल दिल्ली में मानव तस्करी (Human Trafficking) के शिकार हुए 14 नाबालिग फंसे हुए हैं.
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वर्तमान में साहिबगंज जिला से 14 मानव तस्करी (Human Trafficking) की शिकार बच्चियां दिल्ली में फंसी हुई हैं. किसी तरह अपने मालिक के शोषण से आजिज होकर फरार होने के बाद पुलिस की शरण में गईं. जहां लड़कियों को बालिका गृह में रखा गया. ये बच्चे अपने परिजन से मिलने के लिए दिल्ली से गुहार लगा रहे हैं. दिल्ली सरकार ने जिला प्रशासन को सूचित कर जानकारी दी है कि इन बच्चियों को वापस साहिबगंज लेकर जाएं.
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने कहा कि यह सभी बच्चियां मानव तस्करी (Human Trafficking) की शिकार हैं. सभी बच्चे नाबालिग हैं. किसी दलाल के बहकावे में नौकरी पाने के इच्छा में दिल्ली चली गई थी. जहां इन्हें नौकरी के नाम पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. आज यह किसी तरह भागकर दिल्ली बालिका गृह में सुरक्षित रह रही हैं. इन बच्चों को लाने के लिए जिलास्तर पर तैयारी की जा रही है. कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए उन्हें लाने में थोड़ी परेशानी हो रही है. आशा है कि जल्द सभी को सुरक्षित साहिबगंज लाकर उनके परिजनों को सुपूर्द कर दिया जाएगा.