सहिबगंज: सोमवार को जिले भर से आए हजारों आदिवासियों ने समाहरणालय का घेराव किया. हालांकि समाहरणालय से जिला प्रशासन ने 400 मीटर की दूरी पर रोक दिया गया. आदिवासियों ने डीसी रोड को जाम कर अपनी मांग को जायज और रघुवर सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी की.
आदिवासियों का कहना है कि झारखंड सरकार हम आदिवासियों को डिजिटल मूड में ला रही है. सरकार की अच्छी पहल है लेकिन पहाड़ों पर नेटवर्क नहीं रहता है. जितने भी प्रधान को टैब दिया गया है. सभी अनपढ़ है टैब में लिखे अंग्रेजी और हिंदी को पढ़ नहीं पाते हैं तो ऐसे स्थिति में कैसे जमीन का लगान कटेगा.
उन्होंने कहा कि टैब से टैक्स कटता है रसीद और सबूत के तौर पर हमारे पास कुछ भी नहीं रहता है. जिससे परेशानी होती है. हम आदिवासियों से पहले की तरह ऑफ लाइन जमीन का लगान लें.
प्रधान का कहना है कि रैयत भी चाहते हैं कि टैब वाली सिस्टम खत्म हो और ऑफ लाइन वाली प्रक्रिया चालू हो. बच्चों की जाति, निवास बनाने में जमीन का सबूत नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि भूमि बैंक को खत्म किया जाए क्योंकि सार्वजनिक जमीन को हम आदिवासी अपना सार्वजनिक काम के लिए प्रयोग नहीं कर पाते हैं.