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'डिजिटलाइजेशन नहीं चाहिए, अनपढ़ हैं हमलोग, टैब में लिखे अंग्रेजी-हिंदी पढ़ नहीं पाते'

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Published : Feb 25, 2019, 7:44 PM IST

आदिवासियों ने डीसी रोड को जाम कर अपनी मांग को जायज और रघुवर सरकार के खिलाफ  जमकर बयानबाजी की. कहा-जितने भी प्रधान को टैब दिया गया है. सभी अनपढ़ है टैब में लिखे अंग्रेजी और हिंदी को पढ़ नहीं पाते हैं तो ऐसे स्थिति में कैसे जमीन का लगान कटेगा.

आदिवासियों ने समाहरणालय का घेराव किया

सहिबगंज: सोमवार को जिले भर से आए हजारों आदिवासियों ने समाहरणालय का घेराव किया. हालांकि समाहरणालय से जिला प्रशासन ने 400 मीटर की दूरी पर रोक दिया गया. आदिवासियों ने डीसी रोड को जाम कर अपनी मांग को जायज और रघुवर सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी की.


आदिवासियों का कहना है कि झारखंड सरकार हम आदिवासियों को डिजिटल मूड में ला रही है. सरकार की अच्छी पहल है लेकिन पहाड़ों पर नेटवर्क नहीं रहता है. जितने भी प्रधान को टैब दिया गया है. सभी अनपढ़ है टैब में लिखे अंग्रेजी और हिंदी को पढ़ नहीं पाते हैं तो ऐसे स्थिति में कैसे जमीन का लगान कटेगा.


उन्होंने कहा कि टैब से टैक्स कटता है रसीद और सबूत के तौर पर हमारे पास कुछ भी नहीं रहता है. जिससे परेशानी होती है. हम आदिवासियों से पहले की तरह ऑफ लाइन जमीन का लगान लें.

आदिवासियों ने समाहरणालय का घेराव किया


प्रधान का कहना है कि रैयत भी चाहते हैं कि टैब वाली सिस्टम खत्म हो और ऑफ लाइन वाली प्रक्रिया चालू हो. बच्चों की जाति, निवास बनाने में जमीन का सबूत नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि भूमि बैंक को खत्म किया जाए क्योंकि सार्वजनिक जमीन को हम आदिवासी अपना सार्वजनिक काम के लिए प्रयोग नहीं कर पाते हैं.

सहिबगंज: सोमवार को जिले भर से आए हजारों आदिवासियों ने समाहरणालय का घेराव किया. हालांकि समाहरणालय से जिला प्रशासन ने 400 मीटर की दूरी पर रोक दिया गया. आदिवासियों ने डीसी रोड को जाम कर अपनी मांग को जायज और रघुवर सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी की.


आदिवासियों का कहना है कि झारखंड सरकार हम आदिवासियों को डिजिटल मूड में ला रही है. सरकार की अच्छी पहल है लेकिन पहाड़ों पर नेटवर्क नहीं रहता है. जितने भी प्रधान को टैब दिया गया है. सभी अनपढ़ है टैब में लिखे अंग्रेजी और हिंदी को पढ़ नहीं पाते हैं तो ऐसे स्थिति में कैसे जमीन का लगान कटेगा.


उन्होंने कहा कि टैब से टैक्स कटता है रसीद और सबूत के तौर पर हमारे पास कुछ भी नहीं रहता है. जिससे परेशानी होती है. हम आदिवासियों से पहले की तरह ऑफ लाइन जमीन का लगान लें.

आदिवासियों ने समाहरणालय का घेराव किया


प्रधान का कहना है कि रैयत भी चाहते हैं कि टैब वाली सिस्टम खत्म हो और ऑफ लाइन वाली प्रक्रिया चालू हो. बच्चों की जाति, निवास बनाने में जमीन का सबूत नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि भूमि बैंक को खत्म किया जाए क्योंकि सार्वजनिक जमीन को हम आदिवासी अपना सार्वजनिक काम के लिए प्रयोग नहीं कर पाते हैं.

Intro:हजारो आदिवासियों ने समाहरणालय का किया घेराव,डिजिटल टैब से लगान खत्म कर ऑफ लाइन लगान चालू करने की मांग।
स्टोरी-सहिबगंज--आज जिला भर से आये हजारो आदिवासियों ने समाहरणालय का घेराव किया । हालांकि समाहरणालय से जिला प्रशासन ने 400 मीटर की दूरी पर रोक दिया गया। आदिवासियों ने डीसी रोड को जाम कर अपनी मांग को जायज और रघुवर सरकार को जाम कर कोसा।
आदिवासियों का कहना है कि झारखंड सरकार हम आदिवासियों को डिजिटल मूड में ला रही है सरकार की अच्छी पहल है लेकिन पहाड़ो पर नेटवर्क नही रहता है जितने भी प्रधान को टैब दिया गया है सभी अनपढ़ है टैब में लिखे अंग्रेजी और हिंदी को पढ़ नही पाते है तो ऐसे स्थिति में कैसे जमीन का लगान कटेगा।दूसरी बात टैब से टैक्स कटता है पावती या सबूत कद तौर पर हमारे पास कुछ भी नही रहता है जिससे कभी परेशानी होती है। हम आदिवासियों को पहले की तरह ऑफ लाइन जमीन का लगन ले।
बाइट-पौलुस मुर्मू,आदिवासी नेता
प्रधान का कहना है कि रैयत भी चाहता है कि टैब वाली सिस्टम खत्म हो और ऑफ वाली प्रकिर्या चालू हो। बच्चो का जाति, निवास बनाने में जमीन का सबूत नही रहता है कहा कि भूमि बैंक को खत्म किया जाय कियोकि सार्वजनिक जमीन को हम आदिवासी अपना सार्वजनिक काम के लिए प्रयोग नही कर पाते है।
बाइट- जानथन टुड्डू,प्रधान



Body:हजारो आदिवासियों ने समाहरणालय का किया घेराव,डिजिटल टैब से लगान खत्म कर ऑफ लाइन लगान चालू करने की मांग।
स्टोरी-सहिबगंज--आज जिला भर से आये हजारो आदिवासियों ने समाहरणालय का घेराव किया । हालांकि समाहरणालय से जिला प्रशासन ने 400 मीटर की दूरी पर रोक दिया गया। आदिवासियों ने डीसी रोड को जाम कर अपनी मांग को जायज और रघुवर सरकार को जाम कर कोसा।
आदिवासियों का कहना है कि झारखंड सरकार हम आदिवासियों को डिजिटल मूड में ला रही है सरकार की अच्छी पहल है लेकिन पहाड़ो पर नेटवर्क नही रहता है जितने भी प्रधान को टैब दिया गया है सभी अनपढ़ है टैब में लिखे अंग्रेजी और हिंदी को पढ़ नही पाते है तो ऐसे स्थिति में कैसे जमीन का लगान कटेगा।दूसरी बात टैब से टैक्स कटता है पावती या सबूत कद तौर पर हमारे पास कुछ भी नही रहता है जिससे कभी परेशानी होती है। हम आदिवासियों को पहले की तरह ऑफ लाइन जमीन का लगन ले।
बाइट-पौलुस मुर्मू,आदिवासी नेता
प्रधान का कहना है कि रैयत भी चाहता है कि टैब वाली सिस्टम खत्म हो और ऑफ वाली प्रकिर्या चालू हो। बच्चो का जाति, निवास बनाने में जमीन का सबूत नही रहता है कहा कि भूमि बैंक को खत्म किया जाय कियोकि सार्वजनिक जमीन को हम आदिवासी अपना सार्वजनिक काम के लिए प्रयोग नही कर पाते है।
बाइट- जानथन टुड्डू,प्रधान



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