साहिबगंज: सदर प्रखंड के हाजीपुर पश्चिमी पंचायत स्थित डिहारी गांव निवासी कुंदन कुमार ओझा लद्दाख में चीन बॉर्डर पर झड़प में शहीद हो गए. इस खबर के बाद से शहीद के घर में तीन दिनों से चूल्हा नहीं जला है. घर के सभी लोग अपने लाल के पार्थिव शरीर की आस में बैठे हैं. शहीद कुंदन की मां भवानी देवी, पिता शिव शंकर ओझा और कुंदन की पत्नी नेहा देवी की आंसू थमने का नाम नहीं ले रही है.
सभी परिजन भूखे प्यासे फूट-फूटकर रो रहे हैं. इधर ग्रामीण भी शोक व्यक्त कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना हैं कि कुंदन जब भी गांव आता तो सब से मिल जुल कर रहता था. मिठा स्वभाव से बात करता था. इसके ऐसा लड़का पूरे परिवार में कोई नहीं था. पिता के आंखों का तारा था कुंदन.
थाना पुलिस कर रही हैं शहीद कुंदन के घर पर कैंप
शहीद कुंदन ओझा के पैत्रिक आवास पर थाना पुलिस कल से ही कैंप कर रही है. जिला प्रशासन ने कुंदन के पार्थिव शरीर को रखने के लिए पंडाल का निर्माण करा दिया है. भीड़ कंट्रोल करने के लिए बेरिकेटिंग की व्यवस्था कर दी गई है ताकि जब एक साथ लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचें तो उन्हें संभाला जाए. आसपास साफ-सफाई भी करा दी गई है.
शहीद होने की खबर के बाद से मातमी सन्नाटा
कुंदन ओझा के शहीद होने की खबर सुनने के बाद से डिहारी गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. लोग बार-बार कंदन के घर पहुंच कर पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. परिवार समेत गांव के लोग भी कुंदन के पार्थिव शरीर की एक झलक देखने के इंतजार में हैं. शहीद कुंदन ओझा के पार्थिव शरीर के आने को लेकर साहिबगंज डीसी वरुण रंजन, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, एसडीओ पंकज साव, एसडीपीओ राजा कुमार मित्रा, सदर बीडीओ प्रतिमा कुमारी, सीओ महेंद्र, इंस्पेक्टर धर्मपाल कुमार सहित कई जिला पदाधिकारी ने गुरुवार की देर शाम को शहीद कुंदन ओझा के घर का निरीक्षण किया.
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निरीक्षण के दौरान डीसी ने बताया कि शहीद कुंदन का पार्थिव शरीर को उनके अवास पर ही रखा जाएगा. क्योंकि पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए भीड़ जमा होगी. उन्होंने बताया कि पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से लाया जा रहा है. उसके बाद घर पर अंतिम दर्शन के बाद साहिबगंज स्थित मुनीलाल श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा.