साहिबगंज: एक तरफ केंद्र और राज्य की सरकारें किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रहीं हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से न तो फसल उत्पादन बढ़ रहा है और न ही अन्नदाता की आय. अधिकारियों की लपारवाही का एक ऐसा ही मामला साहिबगंज में सामने आया है. यहां मिट्टी जांच की मशीनें अनट्रेंड किसान मित्रों को बांट दी गईं.
घरों में धूल फांक रहीं मिट्टी जांच की मशीनें
साहिबगंज में फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए 94 किसानों मित्रों को मिट्टी जांच मशीन बांटी गई. यह मशीनें इंटर साइंस फैकल्टी के किसान मित्रों को देना था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से जिलास्तर पर 99% मैट्रिक पास किसान मित्रों को ही मशीनें बांट दी गई. नतीजा यह निकला कि किसान मित्र मशीन की उपयोगिता को समझ ही नहीं पाए और ज्यादातर मशीनें शोपीस बनकर घरों में धूल फांक रहीं हैं.
'न मिट्टी की जांच हुई न मशीन के बारे में कुछ पता है'
किसानों का कहना है कि अब खेती में पहले की तरह उर्वरक या पोषक तत्व नहीं रहा. यही वजह है कि अपने खेतों में पहले से अधिक बीज, यूरिया, डीएपी, सिंचाई करने के बावजूद भी फसल नहीं बढ़ रहा है. उनका कहना है कि मिट्टी की उर्वरक शक्ति कितनी है, यह हमें पता भी नहीं चल पा रहा है. किसानों का कहना है कि अगर हमें मिट्टी की उर्वरक क्षमता का पता चलता तो हमें किस फसल को कितनी यूरिया देनी है इसकी जानकारी होती. आज तक कहीं भी मिट्टी जांच नहीं हुई और न ही इस मिट्टी जांच मशीन के बारे में हमें कुछ मालूम है.
'प्रशिक्षित किसानों को ही दी जाएंगी मशीनें'
इस मामले में जिला उपायुक्त का कहना है कि मामला संज्ञान में आ गया है. यह रिपोर्ट अब तक विभाग को नहीं मिली है तो यह जांच का विषय है. पूरे मामले की जांच की जाएगी. प्रशिक्षित किसानों को ही मिट्टी जांच की मशीनें दी जाएंगी.