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ओपीडी में मरीजों की उमड़ रही भीड़, एक डॉक्टर पर निर्भर ओपीडी और इमरजेंसी सेवा

साहिबगंज के सबसे बड़े सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी देखी जा रही है. यहां आने वाले मरीज लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. कभी-कभी तो मरीजों को अपने नंबर का इंतजार करने में शाम हो जाती है. डॉक्टरों की कमी की वजह से एक दो डॉक्टर के उपर सारी जिम्मेदारी आ जाती है.

अस्पताल में लगी मरीजों की भीड़
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Published : Aug 23, 2019, 5:00 PM IST

साहिबगंजः जिला के सदर अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं में अव्यवस्था देखी जा रही है. आलम यह है कि सुबह 10 बजे से मरीजों की भीड़ डॉक्टर को दिखाने के लिए उमड़ पड़ती है. फिर भी मरीजों की संख्या न तो कम होती है और न ही निर्धारित समय से पहले ओपीडी की सेवा खत्म हो पाती है. वजह यह है कि एक डॉक्टर के भरोसे ओपीडी और इमरजेंसी सेवा निर्भर है.

देखें पूरी खबर

साहिबगंज के सबसे बड़े अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि एक डॉक्टर के भरोसे सदर अस्पताल टिका हुआ है. एक डॉक्टर ओपीडी सेवा और इमरजेंसी सेवा दोनों देखते हैं. हर वार्ड में मरीजों का भी हाल जानने के लिए एक या दो राउंड चक्कर लगाने पड़ते हैं. मरीजों की भीड़ इतनी उमड़ पड़ती है कि एक डॉक्टर मरीजों को संभालने में पूरी तरह असमर्थ रहते है. डॉक्टर भी परेशान होकर अस्पताल के बरामदे में टहलने के लिए चले जाते हैं. फिर जब मन करता है तो दोबारा आकर मरीजों को देखते हैं.

अस्पताल के ओपीडी में लाइन में खड़े कुछ मरीजों का कहना है कि भीड़ इतनी अधिक है कि उनका नंबर आने में शाम हो सकती है. जिला का इतना बड़ा अस्पताल और ओपीडी, इमरजेंसी सेवा एक डॉक्टर के भरोसे छोड़ दिया गया है. अभी 3 डॉक्टरों को मरीजों को देखने के लिए होना चाहिए था. जिससे जल्द से जल्द भीड़ में लगे मरीजों का इलाज हो सके. लेकिन ऐसा नहीं है सरकार, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि किसी को आम जनता के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-CBI करेगी अंतरिक्ष की मौत की जांच! मां ने पिता पर लगाया बेटे की हत्या का आरोप

सिविल सर्जन कहते हैं कि लगातार डॉक्टरों का स्थानंतरण और रिटायरमेंट हो रहा है. झारखंड सरकार डॉक्टरों को यहां पदस्थापित नहीं कर रही है. यही वजह है कि जिले में 30 डॉक्टर के भरोसे साहिबगंज जिला टिका हुआ है. जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है. झारखंड सरकार को डॉक्टरों की कमी की सूचना दी जाएगी.

साहिबगंजः जिला के सदर अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं में अव्यवस्था देखी जा रही है. आलम यह है कि सुबह 10 बजे से मरीजों की भीड़ डॉक्टर को दिखाने के लिए उमड़ पड़ती है. फिर भी मरीजों की संख्या न तो कम होती है और न ही निर्धारित समय से पहले ओपीडी की सेवा खत्म हो पाती है. वजह यह है कि एक डॉक्टर के भरोसे ओपीडी और इमरजेंसी सेवा निर्भर है.

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साहिबगंज के सबसे बड़े अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि एक डॉक्टर के भरोसे सदर अस्पताल टिका हुआ है. एक डॉक्टर ओपीडी सेवा और इमरजेंसी सेवा दोनों देखते हैं. हर वार्ड में मरीजों का भी हाल जानने के लिए एक या दो राउंड चक्कर लगाने पड़ते हैं. मरीजों की भीड़ इतनी उमड़ पड़ती है कि एक डॉक्टर मरीजों को संभालने में पूरी तरह असमर्थ रहते है. डॉक्टर भी परेशान होकर अस्पताल के बरामदे में टहलने के लिए चले जाते हैं. फिर जब मन करता है तो दोबारा आकर मरीजों को देखते हैं.

अस्पताल के ओपीडी में लाइन में खड़े कुछ मरीजों का कहना है कि भीड़ इतनी अधिक है कि उनका नंबर आने में शाम हो सकती है. जिला का इतना बड़ा अस्पताल और ओपीडी, इमरजेंसी सेवा एक डॉक्टर के भरोसे छोड़ दिया गया है. अभी 3 डॉक्टरों को मरीजों को देखने के लिए होना चाहिए था. जिससे जल्द से जल्द भीड़ में लगे मरीजों का इलाज हो सके. लेकिन ऐसा नहीं है सरकार, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि किसी को आम जनता के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं.

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सिविल सर्जन कहते हैं कि लगातार डॉक्टरों का स्थानंतरण और रिटायरमेंट हो रहा है. झारखंड सरकार डॉक्टरों को यहां पदस्थापित नहीं कर रही है. यही वजह है कि जिले में 30 डॉक्टर के भरोसे साहिबगंज जिला टिका हुआ है. जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है. झारखंड सरकार को डॉक्टरों की कमी की सूचना दी जाएगी.

Intro:जिला अस्पताल में कुब्यवस्था का आलम देखा गया। एक डॉक्टर के भरोसे ओपीडी और एमेरजेंसीय सेवा। मरोजो की उमड़ी भीड़।



Body:जिला अस्पताल में कुब्यवस्था का आलम देखा गया। एक डॉक्टर के भरोसे ओपीडी और एमेरजेंसीय सेवा। मरोजो की उमड़ी भीड़।
स्टोरी-साहिबगंज--- जिला के सदर अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य व्यवस्था की कुब्यवस्था देखी जा रही है ।आलम यह है कि सुबह के दस बजे से मरीजों के भीड़ डॉक्टर को दिखाने के लिए उमड़ पड़ती है फिर भी मरीज की संख्या ना तो कम होती है और ना ही निर्धारित समय से पहले ओपीडी की सेवा खत्म हो पाती है वजह यह है कि एक डॉक्टर के भरोसे ओपीडी और इमरजेंसी सेवा निर्भर है।
जिला का सबसे बड़ा हॉस्पिटल की स्थिति ऐसी है कि एक डॉक्टर के भरोसे सदर अस्पताल टिका हुआ है। एक डॉक्टर ओपीडी सेवा और इमरजेंसी सेवा को भी देखता है और हर एक वार्ड में मरीजों का भी हाल जानने के लिए एक या दो राउंड चक्कर लगाता है।।
मरीजों की भीड़ इतना उमड़ पड़ता है कि एक डॉक्टर संभालते संभालते परेशान हो जाता है। डॉक्टर साहब परेशान होकर अस्पताल के बरामदा में टहलने के लिए चले जाते हैं। जब मन फ्रेश हो जाता है तो फिर से एक बार जोर लगा कर मरीजों का हाल जानने लग जाते हैं यह स्थिति साहिबगंज सदर अस्पताल की है।
अस्पताल में के ओपीडी में लाइन में खड़े कुछ मरीजों का कहना है कि भीड़ इतनी अधिक है अपना नंबर डॉक्टर तक पहुंचने में शाम हो सकता है। जिला का इतना बड़ा हॉस्पिटल है और ओपीडी और एमेरजेंसीय सेवा एक डॉक्टर के भरोसे छोड़ दिया गया है अभी इस वक्त तीन डॉक्टर होना चाहिए था ताकि जल्दी जल्दी भीड़ में लगे मरीजों का हाल जान सके और दवा लिख सके। लेकिन ऐसा नहीं है सरकार ,जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि निकम्मा है आम जनता के लिए कुछ भी नहीं सोच रहा है।
बाइट- जोगिंदर सिंह, पुकार मंडल, मोसमत खलीफा
सिविल सर्जन ने कहा कि लगातार डॉक्टरों का स्थानंतरण और रिटायरमेंट हो रहा है झारखंड सरकार डॉक्टर को यहां पदस्थापन नहीं कर रही है यही वजह है कि जिले में 30 डॉक्टर के भरोसे साहिबगंज जिला टिका हुआ है यही वजह है कि जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है फिर भी मामला संज्ञान में आ गया है झारखंड सरकार को डॉक्टर की कमी का सूचना देते हैं।
बाइट-दिनेश मुर्मू,सीएस,साहिबगंज


Conclusion:आलम यह है कि जिला सदर अस्पताल किक व्यवस्था आए दिन देखी जाती है डॉक्टर की कमी तो है ही साथ ही जिला प्रशासन का भी कमी देखा जा रहा है यदि जिला प्रशासन ईश्वर सक्रिय रहता तो इस दिशा में कुछ अच्छा कदम हो पाता।
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