साहिबगंज: जिले के राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के लोगों ने धूलकण और जर्जर सड़क से परेशान होकर शनिवार को स्वतः बाजार बंद रखा. बंद का समर्थन राजहमल के सभी दुकानदारों और कोर्ट के अधिवक्ताओं ने भी किया. इस कारण राजमहल बंद पूरी तरह से सफल रहा. बाजार में दुकानें पूरी तरह से बंद रही और सड़कों पर वीरानी छाई रही. इस दौरान स्थानीय लोगों ने कहा कि सड़क पर गुजरना मतलब अपना स्वास्थ्य खराब करना है. सड़क पर धूल इतनी उड़ती है कि लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी होती है. साथ ही जर्जर सड़क पर आए दिन लोग गिरकर जख्मी हो रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने कई बार एसडीओ को दिया आवेदन, पर नतीजा सिफर रहाः इस दौरान स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन पर राजमहल अनुमंडल के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. लोगों ने कहा कि बंद बुलाने से पहले कई बार एसडीओ रोशन प्रकाश को आवेदन दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस दिशा में कोई पहल नहीं की. स्थानीय लोगों ने कहा कि जर्जर सड़क पर गिट्टी लोड हाइवा का बेरोकटोक परिचालन होता है. साथ ही राजमहल से मानिकचक फेरी सेवा के माध्यम से भी गिट्टी लोड ट्रकों को पार कराया जाया है. इस कारण हमेशा हादसे का भय बना रहता है.
धूल की वजह से लोगों को हो रही सांस संबंधी बीमारीः जर्जर सड़क पर गाड़ी इतनी चलती है कि पूरा राजमहल धूल के बवंडर से घिरा रहता है. लोगों ने कहा कि उड़ती धूल के कारण अनुमंडल क्षेत्र के बच्चे बीमार हो रहे हैं. ऐसा कोई घर नहीं है जहां लोगों को सांस की समस्या नहीं है. राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वर्षों से सड़क जर्जर है, लेकिन इसपर कोई पहल नहीं कर रहा है. लोगों ने कहा कि यह आंदोलन का पहला चरण है, यदि इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ तो रेल चक्का जाम किया जाएगा.
बाजार में पसरा रहा सन्नाटा, बंद रही दुकानेंः वहीं बंद के दौरान बाजार में सन्नाटा पसरा रहा और सड़कों पर इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए.वहीं एक दिन पूर्व शुक्रवार की शाम शहरवासियों ने मशाल जुलूस निकाल कर अपना विरोध दर्ज कराया था. नगर के लोगों ने कहा कि राजमहल की जर्जर सड़क और लगातार उड़ती धूल के चलते नगरवासियों का जीना मुहाल हो गया है. नगरवासी हृदय रोग सहित सांस संबंधी रोग से भी ग्रसित हो रहे हैं. स्थानीय प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि राजमहल के युवा इस बार आंदोलन के मूड में हैं. साथ ही जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे. लोगों ने कहा कि सांसद और विधायक ने भी हमारी समस्या पर ध्यान नहीं दिया. इस बार आने वाले चुनाव में जनप्रतिनिधियों को सबक सीखा कर रहेंगे.