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साहिबगंज के बरहेट में पीएम मोदी की जनसभा, जानिए पीएम के दौरे को लेकर लोग क्यों हैं नाराज - PM Modi opposes in Sahibganj

साहिबगंज के बरहेट में 17 दिसंबर को पीएम मोदी चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे, लेकिन पीएम के दौरे को लेकर लोगों में काफी नाराजगी भी है, क्योंकि 6 अप्रैल 2017 को गंगापुल का शिलान्यास किया था, लेकिन आजतक उस पुल के निर्माण में एक ईंट तक नहीं लग सका है.

PM Narendra Modi will hold public meeting in Sahibganj on 17 dec
पीएम मोदी बरहेट में करेंगे जनसभा
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Published : Dec 16, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Jan 5, 2020, 1:05 PM IST

साहिबगंज: जिले में गंगापुल के निर्माण की मांग आजादी के बाद से लगातार होती रही है. बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद यह मांग और भी तेज हो गया था. पुल निर्माण की मांग को लेकर कई सामाजिक संगठन के लोग भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे. कई बार इसके लिए हड़ताल और प्रदर्शन भी हुआ.

देखें पूरी खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल 2017 को इस पुल का शिलान्यास किया था, जिसके बाद उन्होंने अपने कार्यकाल में ही पुल के शुरु होने का वादा किया था, लेकिन आजतक पीएम के वादे धरे के धरे रह गए हैं. गंगापुल का शिलान्यास करने के समय लोगों में खुशियों का ठिकाना नहीं था. साहिबगंज को दुल्हन की तरह सजाया गया था. लोग अपने घरों में दिप जलाकर खुशी मना रहे थे, लेकिन पुल निर्माण का कार्य तक शुरु नहीं हो पाया, जिससे पीएम मोदी के दौरे को लेकर लोगों में आक्रोश है.

इसे भी पढ़ें:- हेमंत सोरेन ने रघुवर दास पर कसा तंज, कहा- 5 साल में हाथी तो उड़ा नहीं, लेकिन मोटा जरूर हुआ

साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा नदी पर यह पुल 2266 करोड़ की लागत से बनना तय हुआ था, जिसकी कुल लंबाई 21.9 किमी है. यह गंगापुल 4 लेन में बनना था. पुल के निर्माण हो जाने से पूर्वोत्तर राज्य के असम, बांग्लादेश, कोहिमा, शिवलोंग, नेपाल सहित कई अंतराष्ट्रीय सड़क मार्ग से सीधा जुड़ जाता, जिससे कई फायदे भी होते. समय बीतता गया, दर्जनों बार टेंडर भी हुआ लेकिन आज तक टेंडर क्लियर नहीं होने से यह मामला अधर में लटका हुआ है, हालांकि जिला स्तर पर भूमि अधिग्रहण कर से ही जमीन रैयतों को मुवावजा दे दिया गया है.

स्थानीय लोगों का कहना है प्रधानमंत्री ने गंगापुल का शिलान्यास किया था, जिसके बाद लोगों में एक आश जगी थी कि अब साहिबगंज का कायाकल्प हो जाएगा, अब यहां से भुखमरी की समस्या खत्म हो जाएगी, पलायन रुक जाएगा, साहिबगंज के बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा, लेकिन शिलान्यास के बाद आज तक काम शुरू नहीं होने से लोग नाराज हैं.

इसे भी पढे़ं:- राजमहल विधानसभा सीट पर लगी चुनावी बाजी, दांव पर BJP, JMM और AJSU की साख

कुछ राजनीतिक दल के नेताओं ने भी इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है. उनका कहना है कि पुल के शुरु नहीं होने से उनके गरिमा पर सवाल खड़ा हो रहा है.

प्रधानमंत्री एक बार फिर 17 दिसंबर 2019 को साहेबगंज की धरती पर बरहेट के भोगनाडीह मैदान में विधानसभा चुनाव के अंतिम पांचवे चरण में चुनावी कार्यक्रम हिस्सा लेने आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के आगमन पर शहर में गंगापुल को लेकर चर्चा जोरों पर है.

साहिबगंज: जिले में गंगापुल के निर्माण की मांग आजादी के बाद से लगातार होती रही है. बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद यह मांग और भी तेज हो गया था. पुल निर्माण की मांग को लेकर कई सामाजिक संगठन के लोग भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे. कई बार इसके लिए हड़ताल और प्रदर्शन भी हुआ.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल 2017 को इस पुल का शिलान्यास किया था, जिसके बाद उन्होंने अपने कार्यकाल में ही पुल के शुरु होने का वादा किया था, लेकिन आजतक पीएम के वादे धरे के धरे रह गए हैं. गंगापुल का शिलान्यास करने के समय लोगों में खुशियों का ठिकाना नहीं था. साहिबगंज को दुल्हन की तरह सजाया गया था. लोग अपने घरों में दिप जलाकर खुशी मना रहे थे, लेकिन पुल निर्माण का कार्य तक शुरु नहीं हो पाया, जिससे पीएम मोदी के दौरे को लेकर लोगों में आक्रोश है.

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साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा नदी पर यह पुल 2266 करोड़ की लागत से बनना तय हुआ था, जिसकी कुल लंबाई 21.9 किमी है. यह गंगापुल 4 लेन में बनना था. पुल के निर्माण हो जाने से पूर्वोत्तर राज्य के असम, बांग्लादेश, कोहिमा, शिवलोंग, नेपाल सहित कई अंतराष्ट्रीय सड़क मार्ग से सीधा जुड़ जाता, जिससे कई फायदे भी होते. समय बीतता गया, दर्जनों बार टेंडर भी हुआ लेकिन आज तक टेंडर क्लियर नहीं होने से यह मामला अधर में लटका हुआ है, हालांकि जिला स्तर पर भूमि अधिग्रहण कर से ही जमीन रैयतों को मुवावजा दे दिया गया है.

स्थानीय लोगों का कहना है प्रधानमंत्री ने गंगापुल का शिलान्यास किया था, जिसके बाद लोगों में एक आश जगी थी कि अब साहिबगंज का कायाकल्प हो जाएगा, अब यहां से भुखमरी की समस्या खत्म हो जाएगी, पलायन रुक जाएगा, साहिबगंज के बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा, लेकिन शिलान्यास के बाद आज तक काम शुरू नहीं होने से लोग नाराज हैं.

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कुछ राजनीतिक दल के नेताओं ने भी इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है. उनका कहना है कि पुल के शुरु नहीं होने से उनके गरिमा पर सवाल खड़ा हो रहा है.

प्रधानमंत्री एक बार फिर 17 दिसंबर 2019 को साहेबगंज की धरती पर बरहेट के भोगनाडीह मैदान में विधानसभा चुनाव के अंतिम पांचवे चरण में चुनावी कार्यक्रम हिस्सा लेने आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के आगमन पर शहर में गंगापुल को लेकर चर्चा जोरों पर है.

Intro:प्रधानमंत्री ने गंगापुल का शिलान्यास कर अपने कार्यकाल में शुरू करने का किया था वादा, आज एक ईंट नही जुटा,जिलेवशियो में रोष है ब्याप्त। एक बार फिर पीएम 17 दिसम्बर को साहिबगंज आएंगे।



Body:प्रधानमंत्री ने गंगापुल का शिलान्यास कर अपने कार्यकाल में शुरू करने का किया था वादा, आज एक ईंट नही जुटा,जिलेवशियो में रोष है ब्याप्त। एक बार फिर पीएम 17 दिसम्बर को साहिबगंज आएंगे।
स्टोरी-साहिबगंज-- गंगापुल का निर्माण की मांग आजादी के बाद से लगातार होती रही है बिहार से झारखण्ड अलग होने के बाद यह मांग और भी विकराल रूप धारण कर लिया। कई सामाजिक संगठन के लोग इसमें बढ़ चढ़ कर भाग लिया। दर्जनो बार शहर में हड़ताल हुआ तो कई बार रेल चक्का जाम हुआ। गंगापुल आंदोलन का संघर्ष करने वालो में कई लोग इस दुनिया मे नही रहे, दूसरी और तीसरी पीढ़ी के युवा वर्ग इस गंगापुल की मांग में जुटे रहे।
एक दिन ऐसा समय भी आया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 6 अप्रैल 2017 को गंगापुल का शिलान्यास हुआ। इस दिन पीएम साहिबगंज की धरती से शिलान्यास कर यब वादा किया था कि हमारे कार्यकाल में ही यह काम शुरू हो जाएगा। गंगापुल का शिलान्यास करने के बाद जिला वाशियो में खुशियों का ठिकाना नही था। इस दिन साहिबगंज दुल्हन की तरह सज गई थी। सभी लोग इस खुशी में अपने अपने घरों पर दिप जलाकर खुशी मनाया गया।
साहिबगंज और मनिहारी के बीच गंगा नदी पर यह गंगापुल 2266 करोड़ की लागत से बनना तय हुआ था। इसकी कुल लंबाई 21.9 किमी है। यह गंगापुल 4 लेन में बनना था। यह गंगापुल बन जाने से पूर्वोत्तर राज्य के असम,बांग्लादेश,कोहिमा,शिवलोंग,नेपाल सहित कई अंतराष्टीय सड़क मार्ग से सीधा जुट जाता। सड़क मार्ग से सीधा इन देशों से संपर्क हो जाता । इस जिला चौमुखी विकास होता। बेरोजगारी खत्म हो जाती। हर लोग सुखी सम्पन से जीवन यापन करता। अपराधी किस्म कद लोग मुख्य धारा से जुट जाता।
समय बीतता गया ,दर्जनो बार टेंडर फैल हो गया आज तक टेंडर क्लियर नही होने से यह मामला अधर में लटका हुआ है। हालांकि जिला स्तर पर भूमि अधिग्रहण कर से ही जमीन रैयतों को मुवावजा दे दिया गया है ।
प्रधानमंत्री ने 6 अप्रैल 2017 को गंगापुल का शिलान्यास साहिबगंज के पुलिस लाइन मैदान से किया था यह भी घोषणा किया था कि मेरे कार्यकाल में शुरू हो जाएगा लेकिन आज 2 वर्ष 8 महीना 11 दिन हो गया लेकिन आज तक एक ईंट नही जुटा। जिलेवशियो में रोष ब्याप्त है। लोग ठगा हुआ महशुस कर रहे है।
स्थानीय लोगो का कहना है प्रधानमंत्री द्वारा गंगापुल का शिलान्यास करने के बाद लोगों में एक आश जगी थी कि अब साहिबगंज का कायाकल्प हो जाएगा। अब यहां से भुखमरी की समस्या खत्म हो जाएगी ।पलायन रुक जाएगा। साहिबगंज के बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा। रोजगार का रास्ता खुल जाएगा लेकिन शिलान्यास के बाद आज तक काम शुरू नहीं होने से लोग नाराज हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि भारत का संविधान भी 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन में बनकर तैयार हो गया था लेकिन गंगा पुल का शिलान्यास भी भी कमोबेश 3 साल पूरा होने जा रहा है आज तक काम शुरू नहीं हो पाया ।अब लोगों को प्रधानमंत्री के आश्वासन और वादे पर विश्वास नहीं कर रहे हैं प्रधानमंत्री के गरिमा धूमिल होती जा रही है।
बाइट-- श्याम सुंदर पोद्दार,विवेक कुमार,स्थानीय
कुछ राजनीतिक दल के लोगों ने भी प्रधानमंत्री द्वारा गंगा पुल के शिलान्यास के बाद काम शुरू नही होने पर प्रधानमंत्री को घेरा और कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन पर करोड़ों खर्च हुआ था। लेकिन गंगापुल का काम शुरू नहीं हुआ ।कहीं न कहीं प्रधानमंत्री की गरिमा पर सवाल खड़ा हो रहा है प्रधानमंत्री जुमलेबाजी भाषण दे रहे हैं इनका काम धरातल पर कहीं नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि साहिबगंज में आज तक गंगा पुल का काम शुरू नहीं हुआ पाया।
बाइट-- मुरली तिवारी, शिवशेना नेता
बाइट-- सरफराज आलम, जेएमएम नेता
प्रधानमंत्री एक बार फिर 17 दिसंबर 2019 को साहेबगंज की धरती पर बरहेट के भोगनडीह मैदान में विधानसभा चुनाव के अंतिम पांचवे चरण में चुनावी कार्यक्रम हिस्सा लेने आ रहे हैं।।
प्रधानमंत्री के आगमन पर शहर में गंगापुल को लेकर चर्चा जोरों पर है ।प्रधानमंत्री का आगमन फिर दोबारा साहिबगंज आगमन होने जा रहा है अब देखना होगा कि क्या प्रधनमंत्री गंगापुल के बारे में क्या दो शब्द बोलते है।
बाइट-- शिव शंकर कुमार,रिपोर्टर ,साहिबगंज



Conclusion:निश्चित रूप गंगापुल का शिलान्यास होने के बाबजूद काम शुरू नही होने से लोगो मे काफी नाराजगी है लोगो कज़ कहना है पीएम का शिलान्यास में आखिर इतना देरी क्यो। 6 अप्रैल 2017 को शिलान्यास के बाद 17 दिसंबर को पीएम फिर साहिबगंज जिला के बरहेट प्रखंड के भोगनडीह मैदान में आ रहे है। 5 वा और अंतिम चरण में चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार में आ रहे है।
Last Updated : Jan 5, 2020, 1:05 PM IST
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