साहिबगंज: लॉकडाउन की वजह से हर किसी का हाल बुरा है. ऐसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में लोगों का हाल कुछ खास अच्छा नहीं है. भूख से परेशान होकर लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया. हालांकि प्रशासन का कहना है कि कुछ लोगों के उकसाने पर यह प्रदर्शन हुआ है. क्षेत्र में लोगों के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है.
अंतिम व्यक्ति तक राशन पहुंचाने में प्रशासन असफल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में लोगों का हाल बेहाल हो चुका है. लोगों के पास खाने के लिए अनाज का दाना तक नहीं है. लॉकडाउन के कारण रोजगार भी समाप्त हो चुका है. जो भी थोड़ी बहुत जमा पुंजी थी अब समाप्त हो चुकी है. राज्य सरकार ने कहा था कि प्रदेश के अंतिम घर और अंतिम व्यक्ति तक भोजन पहुंचाएंगे, लेकिन जिला प्रशासन अंतिम व्यक्ति तक राशन पहुंचाने में असफल हो रहा है.
ये भी पढ़ें-प्रवासी मजदूरों के खाते में CM ने ट्रांसफर किए 1-1 हजार रुपये, कहा- बिना राशन कार्ड वाले भी ले सकेंगे अनाज
भूखे सोने की समस्या
इसे लेकर साहिबगंज के पतना प्रखंड स्थित केंदुआ गांव के ग्रामीणों ने शनिवार को अपने बाल-बच्चों के साथ कटोरा लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि उनके पास ना तो राशन कार्ड है और ना पैसे. राशन कार्ड नहीं होने से किसी ने उसके परिवार को राशन नहीं दिया. अब उसके सामने भूखे सोने की समस्या उत्पन्न हो चुकी है. मजबूरन उनलोगों को कटोरा लेकर सड़क पर भीख मांगना पड़ रहा है.
उकसाने पर लोग उतरे हैं सड़क पर
वहीं, मामले में जिला अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि किसी के उकसाने पर ये लोग सड़क पर आए हुए हैं. सभी के पास पक्का मकान और चार चक्का वाहन है. इस वजह से इनके नाम राशन कार्ड से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि सत्यता की जांच की जाएगी और जरूरतमंदों को अनाज दिया जाएगा, साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को उकसाने वाले लोगों को चिन्हित किया गया है. जल्द उन पर कार्रवाई की जाएगी.