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शुद्ध पानी के आस लगाए लोग पी रहे दूषित पानी, कब करेगी सरकार इनकी समस्या का निजात

साहिबगंज में जब हेमंत सोरेन की सरकार थी तब शहरी पेयजल आपूर्ति योजना का शिलान्यास किया गया था. इसका काम जोर शोर से चल रहा था. लेकिन 2014 में काम को रोक दिया गया. हाल ऐसा है कि आज तक काम बंद है. जिसकी वजह से लोग दूषित पानी पीने के लिए मजबूर है.

देखिए स्पेशल स्टोरी
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Published : Apr 5, 2019, 2:24 PM IST

साहिबगंज: शुद्ध पानी पीने की आस लगाए साहिबगंज जिले के लोगों का सपना, सपना ही रह गया. सूबे में जब हेमंत सोरेन की सरकार थी तब शहरी पेयजल आपूर्ति योजना का शिलान्यास करने के बाद काम जोर शोर से चल रहा था. लेकिन 2014 में योजना को ग्रहण लग गया और काम को रोक दिया गया. हाल ऐसा है कि आज तक काम बंद है और निर्माणकर्ता कंपनी भी भाग गई.

देखिए स्पेशल स्टोरी

ये भी पढ़ें-JMM विधायक पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला, जांच कर 24 घंटे में प्राथमिकी करने के आदेश

जिले की जमीन के अंदर का पानी दूषित है और यही पानी पीने के लिए लोग मजबूर हैं. इस पानी की वजह से लोग कैंसर, चमड़ा रोग जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. समाजसेवी अरबिंद गुप्ता ने इसे लेकर कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.

लोगों का कहना है कि उनके साथ घोर अन्याय हुआ है और सरकार जनता के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. लोगों की उम्मीद जगी थी कि अब शुद्ध पेयजल मिलेगा, लेकिन लोगों को सिर्फ निराशा ही मिली.

वहीं, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल साहिबगंज के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि जिस कंपनी को काम दिया गया उसने अधिक समय ले लिया. जिसकी वजह से कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया. लेकिन फिर से निविदा निकली गयी है और इस बार 56.39 करोड़ योजना स्वीकृति हुई है. चुनाव के बाद काम शुरू हो जाएगा.

साहिबगंज: शुद्ध पानी पीने की आस लगाए साहिबगंज जिले के लोगों का सपना, सपना ही रह गया. सूबे में जब हेमंत सोरेन की सरकार थी तब शहरी पेयजल आपूर्ति योजना का शिलान्यास करने के बाद काम जोर शोर से चल रहा था. लेकिन 2014 में योजना को ग्रहण लग गया और काम को रोक दिया गया. हाल ऐसा है कि आज तक काम बंद है और निर्माणकर्ता कंपनी भी भाग गई.

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जिले की जमीन के अंदर का पानी दूषित है और यही पानी पीने के लिए लोग मजबूर हैं. इस पानी की वजह से लोग कैंसर, चमड़ा रोग जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. समाजसेवी अरबिंद गुप्ता ने इसे लेकर कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.

लोगों का कहना है कि उनके साथ घोर अन्याय हुआ है और सरकार जनता के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. लोगों की उम्मीद जगी थी कि अब शुद्ध पेयजल मिलेगा, लेकिन लोगों को सिर्फ निराशा ही मिली.

वहीं, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल साहिबगंज के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि जिस कंपनी को काम दिया गया उसने अधिक समय ले लिया. जिसकी वजह से कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया. लेकिन फिर से निविदा निकली गयी है और इस बार 56.39 करोड़ योजना स्वीकृति हुई है. चुनाव के बाद काम शुरू हो जाएगा.

Intro: करोड़ो रुपया की लागत से बना शहरी पेयजल आपूर्ति योजना राजनीति का चढ़ा भेंट, जिलेवशी आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर।
स्टोरी-सहिबगंज- शहर के लोगो को एक आश जगी थी कि अब शुद्ध पेयजल पीने को मिलेगा और दूषित जल से निजात मिल पायेगा। तत्कालीन सरकार पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस योजना का शिलान्यास करने के बाद काम जोर शोर से चल रहा था। शहर के हाथी पार्क में वाटर स्टॉक और ट्रीटमेंट के वेल का निर्माण भी हुआ और शहर के गली गली में पाइप भी अंडरग्राउंड बिछा दिया गया। शाहरवशियो में खुशी का माहौल था कि होम डिलीवरी पानी मिलेगा और राहत भी मिलेगी।
लेकिन जैसे ही 2014 में बीजेपी की बनी तो इस योजना में ग्रहण लग गया और इस काम को रोक दिया गया। और आज तक काम बंद है निर्माणकर्ता कंपनी भाग गई। 5 साल के कार्यकाल में यहाँ सांसद न तो प्रयास किया और न बर्तमान सरकार के विधायक ने प्रयास किया।
समाजसेवी अरबिंद गुप्ता ने कहा कि इसे लेकर कई बार आंदोलन किया गया ।सरकार और प्रशासन कस ध्यान इस ओर आकृष्ट किया गया लेकिन किसी के कान में जु तक नही रेंगा। कहा कि सहिबगंज की जमीन के अंदर का पानी दूषित है पानी मे आर्सेनिक,फ्लोराइड जैसा जहरीला पदार्थ मिक्स है इस पानी को लोग पिने को मजबूर है कहा कि सहिबगंज के लोगो के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है यह के लोगो मे कैंसर, चमड़ा रोग से ग्रसित अधिक रोगी मिलते है लेकिन बर्तमान सरकार अपनी उपलब्धि लेने के चक्कर मे इस योजना को खत्म कर दिया।
बाइट-अरबिंद गुप्ता, समाजसेवी
नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि इस योजना का डीपीआर बनाकर पीएचडी विभाग को सौप दिया गया था जो शुरुवाती दौर में 52 करोड़ की लागत से बनना था जो बाद में इसे बढाया भी गया था। लेकिन किसी प्रतिनिधि ने इसे न तो संसद में मामला को उठाया और न विधानसभा में गुंजा। आज यह स्थिति है की यहाँ के लोग दूषित पानी पीकर असाध्य जैसी बीमारी से ग्रसित हो रहे है। पांच साल सरकार को गुजर गया लेकिन जनता के हित मे कोई भी सांसद और विधायक काम नही किया है
बाइट-अनवर अली, पूर्व उपाध्यक्ष, नगर परिषद
वही स्थानीय लोगो का कहना है कि एक आश जगी थी कि यह योजना तैयार होनो से गरीब लोगों को शुद्ध पेयजल होम डिलीवरी के माध्यम से मिलता लेकिन सही सहिबगंज मि जनता के साथ घोर अन्याय हुआ है सरकार यहाँ की जनता के साथ सौतेला ब्यवहार की है ।
बाइट- राजेश मंडल, बिनोद कुमार, स्थानीय



Body:करोड़ो रुपया की लागत से बना शहरी पेयजल आपूर्ति योजना राजनीति का चढ़ा भेंट, जिलेवशी आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर।
स्टोरी-सहिबगंज- शहर के लोगो को एक आश जगी थी कि अब शुद्ध पेयजल पीने को मिलेगा और दूषित जल से निजात मिल पायेगा। तत्कालीन सरकार पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस योजना का शिलान्यास करने के बाद काम जोर शोर से चल रहा था। शहर के हाथी पार्क में वाटर स्टॉक और ट्रीटमेंट के वेल का निर्माण भी हुआ और शहर के गली गली में पाइप भी अंडरग्राउंड बिछा दिया गया। शाहरवशियो में खुशी का माहौल था कि होम डिलीवरी पानी मिलेगा और राहत भी मिलेगी।
लेकिन जैसे ही 2014 में बीजेपी की बनी तो इस योजना में ग्रहण लग गया और इस काम को रोक दिया गया। और आज तक काम बंद है निर्माणकर्ता कंपनी भाग गई। 5 साल के कार्यकाल में यहाँ सांसद न तो प्रयास किया और न बर्तमान सरकार के विधायक ने प्रयास किया।
समाजसेवी अरबिंद गुप्ता ने कहा कि इसे लेकर कई बार आंदोलन किया गया ।सरकार और प्रशासन कस ध्यान इस ओर आकृष्ट किया गया लेकिन किसी के कान में जु तक नही रेंगा। कहा कि सहिबगंज की जमीन के अंदर का पानी दूषित है पानी मे आर्सेनिक,फ्लोराइड जैसा जहरीला पदार्थ मिक्स है इस पानी को लोग पिने को मजबूर है कहा कि सहिबगंज के लोगो के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है यह के लोगो मे कैंसर, चमड़ा रोग से ग्रसित अधिक रोगी मिलते है लेकिन बर्तमान सरकार अपनी उपलब्धि लेने के चक्कर मे इस योजना को खत्म कर दिया।
बाइट-अरबिंद गुप्ता, समाजसेवी
नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि इस योजना का डीपीआर बनाकर पीएचडी विभाग को सौप दिया गया था जो शुरुवाती दौर में 52 करोड़ की लागत से बनना था जो बाद में इसे बढाया भी गया था। लेकिन किसी प्रतिनिधि ने इसे न तो संसद में मामला को उठाया और न विधानसभा में गुंजा। आज यह स्थिति है की यहाँ के लोग दूषित पानी पीकर असाध्य जैसी बीमारी से ग्रसित हो रहे है। पांच साल सरकार को गुजर गया लेकिन जनता के हित मे कोई भी सांसद और विधायक काम नही किया है
बाइट-अनवर अली, पूर्व उपाध्यक्ष, नगर परिषद
वही स्थानीय लोगो का कहना है कि एक आश जगी थी कि यह योजना तैयार होनो से गरीब लोगों को शुद्ध पेयजल होम डिलीवरी के माध्यम से मिलता लेकिन सही सहिबगंज मि जनता के साथ घोर अन्याय हुआ है सरकार यहाँ की जनता के साथ सौतेला ब्यवहार की है ।
बाइट- राजेश मंडल, बिनोद कुमार, स्थानीय



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