साहिबगंज: शुद्ध पानी पीने की आस लगाए साहिबगंज जिले के लोगों का सपना, सपना ही रह गया. सूबे में जब हेमंत सोरेन की सरकार थी तब शहरी पेयजल आपूर्ति योजना का शिलान्यास करने के बाद काम जोर शोर से चल रहा था. लेकिन 2014 में योजना को ग्रहण लग गया और काम को रोक दिया गया. हाल ऐसा है कि आज तक काम बंद है और निर्माणकर्ता कंपनी भी भाग गई.
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जिले की जमीन के अंदर का पानी दूषित है और यही पानी पीने के लिए लोग मजबूर हैं. इस पानी की वजह से लोग कैंसर, चमड़ा रोग जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. समाजसेवी अरबिंद गुप्ता ने इसे लेकर कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.
लोगों का कहना है कि उनके साथ घोर अन्याय हुआ है और सरकार जनता के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. लोगों की उम्मीद जगी थी कि अब शुद्ध पेयजल मिलेगा, लेकिन लोगों को सिर्फ निराशा ही मिली.
वहीं, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल साहिबगंज के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि जिस कंपनी को काम दिया गया उसने अधिक समय ले लिया. जिसकी वजह से कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया. लेकिन फिर से निविदा निकली गयी है और इस बार 56.39 करोड़ योजना स्वीकृति हुई है. चुनाव के बाद काम शुरू हो जाएगा.