साहिबगंज: जिला व्यवहार न्यायालय स्थित हाजत के बगल में 46 लाख की लागत से सुलभ शौचालय तो बना लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं हो सकी. वर्ष 2017 में नगर परिषद की तरफ से निर्माण कराया गया था. इस शौचालय में सारी सुविधा जिसमें विकलांग के लिए अलग व सामान्य लोगों के लिए अलग, पेशाबखाना अलग, पुरुष महिला के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई है. देखरेख के अभाव में घने जंगल के बीच घिर गया है. हालांकि साहिबगंज अधिवक्ता संघ की तरफ से कई बार न्यायाधीश, डीसी और नगर परिषद के कर्मी को लिखा गया है लेकिन आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई. जिसका खमियाजा हर दिन आने वाले हजारों लोगों को भुगतना पड़ता है. व्यवस्था नहीं होने से लोग बगल में स्थित तालाब का सहारा लेते हैं.
ये भी पढ़ेंः ETV Bharat Ground Report: रांची सिविल कोर्ट में साफ-सफाई और पार्किंग की समस्या से लोग परेशान
क्यों बनाया गया थाः हर दिन हजारों लोग साहिबगंज व्यवहार न्यायालय में अपने विभिन्न केस का समाधान कराने के लिए आते रहते हैं. इसी को देखते हुए शौचालय बनाया गया था. हर मिनट किसी न किसी को शोचालय, पेयजल, बाथरुम की जरुरत पड़ती होगी. हालांकि जिला अधिवक्ता संघ की तरफ से अलग से शौचालय बनाया गया है. लेकिन भीड़ और सुरक्षा के ख्याल से वर्ष 2017 में नगर परिषद साहिबगंज की तरफ से यहा शौचालया बनाया गया था. सारी सुविधा तो दी गया लेकिन पानी की सुविधा नहीं होने से यह शौचालय बेकार पड़ा हुआ है.
क्या कहा अधिवक्ता और आम लोगों नेः कोर्ट पहुंची एक महिला ने कहा कि महीने में कई बार आना पड़ता है. हमारे जैसे सैकड़ों लोग कोर्ट आते रहते हैं. लेकिन बाथरुम और शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हो रही है. कोर्ट के पीछे तालाब है. उसी तालाब में जाकर लोग अपना क्रियाक्रम करते हैं. जिला प्रशासन को इस दिशा में सोचना चाहिए.
जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार वर्मा ने कहा कि कई बार इस दिशा में लिखकर प्रशासन और जज को दिया गया है. लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होती है. बड़ा दुख होता है जब महिलाएं तालाब की तरफ जाती हैं. अपने संगठन का शौचालय है, महिला और पुरुष को उसमें जाने को बोल देते हैं. लेकिन इतना खर्च कर बनाए गए शौचालय को अभी तक हेंडओवर नहीं किया गया है. जिला प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देने की जरुरत है।