साहिबगंज: जिले में 3 विधानसभा सीटें आती हैं. राजमहल, बोरिओ और बढ़ैत. यहां ज्यादातर कोयला और काले पत्थर के मजदूर हैं. डेमोग्राफिक्स के नजरिये से देखें तो यहां की ज्यादातर जनता ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखती है. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अनंत ओझा पर पहली बार दांव खेला तो जेएमएम ने पहली बार एमटी राजा को टिकट टिकट दिया. बीजेपी ने कड़ी टक्कर देकर काफी कम वोट के अंतराल पर जेएमएम को हराकर जीत हासिल की.
विधायक अनंत ओझा ने कहा कि राजमहल की जनता से कि उन्होंने जो वादा किया उसे निभाया. उन्होंने साहिबगंज में गंगापुल बनवाना और मल्टी मॉडल टर्मिनल को बनाना. इसके साथ ही उन्होंने खासमहल जैसे काले कानून को साहिबगंज से खत्म किया है. उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल 2017 को प्रधानमंत्री के हाथों बंदरगाह और गंगापुल का शिलान्यास कराया. बंदरगाह के पहले चरण का काम पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री ने इसका रांची से ऑनलाइन उद्घाटन भी किया. गंगापुल की केंद्र से स्वीकृति मिली. टेंडर की प्रक्रिया. उन्होंने कहा की खासमहल की समस्या अंग्रेजों के समय से साहिबगंज की जमीन पर एक ग्रहण के रूप में लगी थी. इसको उन्होंने फ्री होल्ड घोषित कर दिया. अब यहां की जनता मामूली सा टैक्स देकर जमीन अपने नाम कर सकती है.
राजमहल विधायक अनंत ओझा ने अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि यहां सड़कों का जाल बिछाया. गांव-गांव से सड़क बनाते हुए शहर से कनेक्टिविटी कराई. बिजली की बात करें, तो चुनाव से पहले बिजली की बदतर स्थिति थी, लेकिन उनके जीतने के बाद अब राजमहल विधानसभा की जनता को 22 घंटे बिजली मिलती है. उन्होंने कहा कि साहिबगंज और राजमहल अनुमंडल में पॉवर ग्रिड का निर्माण कराया. इसके साथ ही कई पॉवर स्टोशनों का निर्माण कराया.
विधायक ने कहा कि साहिबगंज और राजमहल मंडल में करोड़ों रुपए की लागत से सीवरेज सिस्टम का काम चल रहा है. करोड़ों रुपए की लागत से दोनों जगह बिजली की अंडरग्राउंड केबलिंग का काम चल रहा है. पर्यटक के क्षेत्र में भी उन्होंने काफी योगदान दिया. राजमहल की पहाड़ी पर फॉसिल्स की घेराबंदी करने के लिए राज्य सरकार से 10 करोड़ रूपये पास कराए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साहिबगंज का पश्चिमी फाटक, पूर्वी फाटक और तीन पहाड़ में आरओबी का काम कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से स्वीकृति भी दिलाई.
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विधायक अनंत ओझा ने कहा कि 5 साल बीत गए पता नहीं चला. अभी भी कई काम करने बाकि हैं. शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अधिक काम करना है, तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी साहिबगंज में काम करना अभी बाकी है. विधायक ने कहा कि हम से पहले जितने भी जनप्रतिनिधि रहे उन्होंने साहिबगंज के लिए कुछ भी नहीं किया, सिर्फ अपना पेट भरने का काम किया.
उन्होंने कहा कि समय-समय पर विधानसभा में राजमहल के विकास को लेकर मुद्दा उठाए. राजमहल में बांग्लादेशी घुसपैठिए का भी जोर-शोर से मुद्दा उठाया. जनता अगर उनको दोबारा मौका देती है, तो निश्चित रूप से अधूरे काम को वो पूरा करेंगे.
राजमहल विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि अनंत ओझा के कार्यकाल में काफी काम हुआ है. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि सड़कें जर्जर हो चुकी हैं, लेकिन इनकी मरम्मत क लिए विधायक ने कोई काम नहीं किया. रोजाना 4 से 5 घंटा बिजली मेंटेनेंस के नाम पर काटी जाती है. लोगों का कहना है कि खासमहल को फ्री होल्ड करके जनता को दिग्भ्रमित करने की चाल चली गई है. क्योंकि दो-दो विधानसभाओं की कमेटी ने यह रिपोर्ट सौंपी थी कि साहिबगंज की जमीन खासमहल नहीं है, तो यह सरकार साहिबगंज को खासमहल मुक्त कर फ्रीहोल्ड कर दे. फ्रीहोल्ड में 15 और 30 परसेंट सरकार को टैक्स देकर जमीन का नवीनीकरण कराकर अपने नाम करना लोगों पर काफी महंगा पड़ेगा. यह विधायक और झारखंड सरकार की एक साजिश है.
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वहीं कुछ लोगों का कहना है कि विधायक अनंत ओझा के कार्यकाल में सड़कों का जाल बिछाा है. आज साहिबगंज से रांची जाना हो या दुमका या साहिबगंज से भागलपुर या साहिबगंज से राजमहल तो हम आसानी से जा सकते हैं. सड़क बनने से समय की बचत भी हुई है. विधायक के कार्यकाल में लोगों ने योजना को धरातल पर देखा है.
विपक्ष के नेता विधायक के सभी दावों को सिरे से खारिज कर रहे हैं. उनका कहना है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी की समस्या को दूर करने में राजमहल विधायक अनंत ओझा फेल हो चुके हैं. एक तरफ सालों से महिला कॉलेज बनकर तैयार है, लेकिन आज तक पढ़ाई चालू नहीं हो सकी. साहिबगंज में महिला आईटीआई कॉलेज सालों से बनकर पड़ा हुआ है, लेकिन आज तक चालू नहीं हो सका. खासमहल को फ्रीहोल्ड करना एक चुनावी स्टंट है. राजमहल की जनता को विधायक और झारखंड सरकार ठगने का काम कर रही है. जिला अस्पताल मात्र एक डॉक्टर से चल रहा है. जिले की बात करें तो कुल 20 डॉक्टर के भरोसे 16 लाख की आबादी टिकी हुई है.