साहिबगंज: जिला में सामुदायिक शौचालय बंद रहने से महिलाएं पहाड़ के घनी जंगलों में शौच करने को मजबूर हैं. जिला के कई साप्ताहिक हॉट में वर्षो से बंद पड़ें रहते हैं शौचालय.
वहीं, जब नगर परिषद से हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया. आम लोगों के लिए दर्जनों सामुदायिक शौचालय बनाया गया है ताकि लोगों को सुविधा मिल सके, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ और कहानी चल रही है. हॉट परिसर में बना सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला लटका हुआ रहता है, क्योंकि इसका उद्घाटन नहीं हुआ है इसलिए आज तक ताला बंद है.
सप्ताह में दो गुरुवार और रविवार को साप्ताहिक हॉट लगता है, ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए आदिवासी और गैर आदिवासी लोगों को खरीदारी करने के लिए हुजूम जुड़ता है. वैसी स्थिति में हाट परसिर में बना सामुदायिक शौचालय का बंद होने से काफी लोगों को परेशानी होती है. स्थानीय लोगों कहना है कि हॉट के दिन किसी महिला को शौच लगता है तो वह बगल के पहाड़ पर चढ़कर घने जंगल में शौच करने जाती हैं.
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स्थानीय नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि शहर में दर्जनों सामुदायिक शौचालय बनाया गया है, कहीं-कहीं समस्या आ रही है उसे जल्द निदान कर लिया जाएगा, लेकिन हॉट परिसर में बना सामुदायिक शौचालय का बारे में पूछा गया तो हकलाते हुए कहा कि देख लेते है. शौचालय का बंद होना और मजबूरी में महिलाओं को शौच के लिए बगल के पहाड़ पर चढ़कर घने जंगल का सहारा लेना, नगर परिषद के कार्यशैली पर बड़ा सवाल करता है. घने जंगलों में सांप, बिच्छू सहित अपराधी किस्म के लोगों के साए में शौच के लिए जाती है, ऐसी स्थिति में इन महिलाओं के साथ कुछ भी हो सकता है.