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सामुदायिक शौचालय में लटका रहता है ताला, महिला शौच के लिए जाती हैं पहाड़ - नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता

साहिबगंज में कई सामुदायिक शौचालय बंद रहने से महिलाओं को पहाड़ के घनी जंगलों में शौच के लिए जाना पड़ता है. जिला के कई साप्ताहिक हॉट में वर्षो से बंद पड़ा है शौचालय, वहीं, नगर परिषद के पदाधिकारी ने सवाल का कोई ठोस जवाब नहीं दिया. हॉट में हजारों की संख्या में कम से कम दर्जनों महिलाओं को शौचालय की जरूरत पड़ती है और स्थानीय लोगों के अनुसार पहाड़ पर घने जंगलों का सहारा लेना निश्चित रूप से नगर परिषद के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है.

कार्यपालक अभियंता
सामुदायिक शौचालय बंद
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Published : Jan 31, 2020, 1:48 PM IST

साहिबगंज: जिला में सामुदायिक शौचालय बंद रहने से महिलाएं पहाड़ के घनी जंगलों में शौच करने को मजबूर हैं. जिला के कई साप्ताहिक हॉट में वर्षो से बंद पड़ें रहते हैं शौचालय.

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वहीं, जब नगर परिषद से हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया. आम लोगों के लिए दर्जनों सामुदायिक शौचालय बनाया गया है ताकि लोगों को सुविधा मिल सके, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ और कहानी चल रही है. हॉट परिसर में बना सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला लटका हुआ रहता है, क्योंकि इसका उद्घाटन नहीं हुआ है इसलिए आज तक ताला बंद है.

सप्ताह में दो गुरुवार और रविवार को साप्ताहिक हॉट लगता है, ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए आदिवासी और गैर आदिवासी लोगों को खरीदारी करने के लिए हुजूम जुड़ता है. वैसी स्थिति में हाट परसिर में बना सामुदायिक शौचालय का बंद होने से काफी लोगों को परेशानी होती है. स्थानीय लोगों कहना है कि हॉट के दिन किसी महिला को शौच लगता है तो वह बगल के पहाड़ पर चढ़कर घने जंगल में शौच करने जाती हैं.

lock hangs in the community toilets of Sahibganj
कार्यपालक अभियंता

ये भी देखें- बजट 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सब्सिडी की चुनौती

स्थानीय नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि शहर में दर्जनों सामुदायिक शौचालय बनाया गया है, कहीं-कहीं समस्या आ रही है उसे जल्द निदान कर लिया जाएगा, लेकिन हॉट परिसर में बना सामुदायिक शौचालय का बारे में पूछा गया तो हकलाते हुए कहा कि देख लेते है. शौचालय का बंद होना और मजबूरी में महिलाओं को शौच के लिए बगल के पहाड़ पर चढ़कर घने जंगल का सहारा लेना, नगर परिषद के कार्यशैली पर बड़ा सवाल करता है. घने जंगलों में सांप, बिच्छू सहित अपराधी किस्म के लोगों के साए में शौच के लिए जाती है, ऐसी स्थिति में इन महिलाओं के साथ कुछ भी हो सकता है.

साहिबगंज: जिला में सामुदायिक शौचालय बंद रहने से महिलाएं पहाड़ के घनी जंगलों में शौच करने को मजबूर हैं. जिला के कई साप्ताहिक हॉट में वर्षो से बंद पड़ें रहते हैं शौचालय.

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वहीं, जब नगर परिषद से हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया. आम लोगों के लिए दर्जनों सामुदायिक शौचालय बनाया गया है ताकि लोगों को सुविधा मिल सके, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ और कहानी चल रही है. हॉट परिसर में बना सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला लटका हुआ रहता है, क्योंकि इसका उद्घाटन नहीं हुआ है इसलिए आज तक ताला बंद है.

सप्ताह में दो गुरुवार और रविवार को साप्ताहिक हॉट लगता है, ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए आदिवासी और गैर आदिवासी लोगों को खरीदारी करने के लिए हुजूम जुड़ता है. वैसी स्थिति में हाट परसिर में बना सामुदायिक शौचालय का बंद होने से काफी लोगों को परेशानी होती है. स्थानीय लोगों कहना है कि हॉट के दिन किसी महिला को शौच लगता है तो वह बगल के पहाड़ पर चढ़कर घने जंगल में शौच करने जाती हैं.

lock hangs in the community toilets of Sahibganj
कार्यपालक अभियंता

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स्थानीय नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि शहर में दर्जनों सामुदायिक शौचालय बनाया गया है, कहीं-कहीं समस्या आ रही है उसे जल्द निदान कर लिया जाएगा, लेकिन हॉट परिसर में बना सामुदायिक शौचालय का बारे में पूछा गया तो हकलाते हुए कहा कि देख लेते है. शौचालय का बंद होना और मजबूरी में महिलाओं को शौच के लिए बगल के पहाड़ पर चढ़कर घने जंगल का सहारा लेना, नगर परिषद के कार्यशैली पर बड़ा सवाल करता है. घने जंगलों में सांप, बिच्छू सहित अपराधी किस्म के लोगों के साए में शौच के लिए जाती है, ऐसी स्थिति में इन महिलाओं के साथ कुछ भी हो सकता है.

Intro:सामुदायिक शौचालय बंद रहने से आदिवासी और गैर आदिवासी महिला पहाड़ के घनी जंगलों के लेती है सहारा। साप्ताहिक हॉट में बर्षो से बंद पड़ा है यह शौचालय।नगर परिषद पदाधिकारी हकलाते हुए दिए जबाब। सप्ताहिक हाट के दिन मेले की तरह ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए आदिवासी और गैर आदिवासी महिला और पुरुष का जुटान होता है अपने एक सप्ताह का खरीदारी करते हैं ।जाहिर सी बात है हजारों की संख्या में कम से कम दर्जनों महिला को शौचालय की जरूरत पड़ती होगी और स्थानीय लोगों के अनुसार पहाड़ पर घने जंगलों का सहारा लेना निश्चित रूप से नगर परिषद के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है


Body:सामुदायिक शौचालय बंद रहने से आदिवासी और गैर आदिवासी महिला पहाड़ के घनी जंगलों के लेती है सहारा। साप्ताहिक हॉट में बर्षो से बंद पड़ा है यह शौचालय।नगर परिषद ईओ हकलाते हुए दिए जबाब। स्टोरी--साहिबगंज--- नगर परिषद द्वारा जिला में आम लोगों के लिए दर्जनों सामुदायिक शौचालय बनाया गया है ताकि लोगों को सुविधा मिल सके ।लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ और कहानी चल रही है ।हॉट परिसर में बना सामुदायिक शौचालय मैं हमेशा ताला लटका हुआ रहता है क्योंकि इसका उद्घाटन नहीं हुआ है इसलिए आज तक ताला बंद है। सप्ताह में दो गुरुवार और रविवार को साप्ताहिक हाट लगता है ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए आदिवासी और गैर आदिवासी लोगों को खरीदारी करने के लिए हुजूम जुड़ता है ।वैसी स्थिति हॉट परसिर में बना सामुदायिक शौचालय का बंद होने से काफी इन लोगों को परेशानी होती है। स्थानीय लोगों कहना है कि हॉट के दिन किसी महिला को सोच लगता है वह बगल के पहाड़ पर चढ़कर घने जंगल से होकर आती है यह शौचालय आज तक नहीं खुला है। क्या वजह है नगर परिषद ही जाने। बाइट--1,2,3,-- स्थानीय नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि शहर में दर्जनों सामुदायिक शौचालय बनाया गया है कहीं-कहीं समस्या आ रही है उसे जल्द निदान कर लिया जाएगा ।लेकिन हॉट परिसर में बना सामुदायिक शौचालय का बारे में पूछा गया तो हक लाते हुए कहा कि देख लेते है। बाइट-- सुरेन्द प्रसाद,कार्यपालक अभियंता,नगर परिषद,साहिबगंज


Conclusion:शौचालय का बंद होना और मजबूरी में आदिवासी और गैर आदिवासी महिला का शौच के लिए बगल के पहाड़ पर चढ़कर घने जंगल का सहारा लेना नगर परिषद के कार्य शैली पर बहुत बड़ा सवाल करता है घने जंगलों में सांप बिच्छू सहित अपराधी किस्म के लोगों के साए में शौच के लिए जाती है ऐसी स्थिति में इन महिलाओं के साथ कुछ भी हो सकता है।
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