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Sahibganj News: झारखंड के एक और आईएएस अधिकारी अनिल कुमार गए जेल, जानें क्या है मामला - साहिबगंज डीएसओ को जेल

झारखंड के आईएएस अधिकारी लगातार नप रहे हैं और किसी ना किसी मामले में जेल की हवा खा रहे हैं. इसी कड़ी में पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी आईएएस अनिल कुमार को जेल हुई है. संचिका गायब करने के मामले अनिल कुमार ने साहिबगंज कोर्ट में आत्मसमर्पण किया जहां से उन्हें मंडल कारा में भेजा गया.

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Published : May 16, 2023, 10:47 PM IST

साहिबगंज: झारखंड में आईएएस अधिकारियों के जेल जाने का सिलसिला जारी है. पिछले तीन महीन में तीन आईएएस अधिकारी को जेल हुई है. पहला पूजा सिंघल और दूसरा छवि रंजन और तीसरा अनिल कुमार का है. साहिबगंज कोर्ट में हाजिर होने के बाद अनिल कुमार को साहिबगंज मंडल कारा भेज दिया गया है. आईएएस अधिकारी अनिल कुमार पलामू में बंदोबस्ती पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे और नवंबर 2022 से फरार चल रहे थे. ये मामला साहिबगंज से जुड़ा है. इस दौरान साहिबगंज पुलिस दो बार अनिल कुमार की गिरफ्तारी के लिए पलामू गयी थी.

इसे भी पढ़ें- न्यायिक हिरासत में भेजे गए निलंबित आईएएस अधिकारी छवि रंजन, रांची जेल बना नया ठिकाना

क्या है पूरा मामलाः पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार का 2012-2014 में साहिबगंज में डीएसओ (जिला आपूर्ति पदाधिकारी) के पद पर कार्यरत थे. इसके साथ ही पंचायती राज पदाधिकारी के प्रभार में थे. शिक्षक गड़बड़ी मामला में जांच कमिटि बनी थी, जिसमें अनिल कुमार अध्यक्ष थे. जांच में शिक्षक नियुक्ति मामले में संचिका गायब करने का आरोप लगा था. पिछले साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति मिली थी.

इस दौरान 2014 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की के कार्यकाल में फिर से गायब संचिका की शिकायत की गयी थी. इसके बाद फिर से पुरानी फाइल की खोजबीन शुरू की गयी लेकिन गायब फाइल नहीं मिली. संचिका नहीं मिलने पर तत्कालीन डीईओ भलेरियन तिर्की ने शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक गोपाल चंद्र सिंह, लिपिक पंचानन महतो, दिलीप कुमार पांडेय, राहुल आनंद सिंह के साथ साथ आरईओ सतीश चंद्र सिंकू के विरुद्ध जिरवाबाड़ी ओपी में मामला दर्ज कराया. इस मामले की जांच में ये बात सामने आयी थी कि अनिल कुमार जांच के क्रम में उक्त फाइल को ले गए थे. इसका खुलासा होने के बाद अनिल कुमार के अलावा पूर्व डीईओ सुशील कुमार राय को भी अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया.

हाई कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद किया सरेंडरः साहिबगंज कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अनिल कुमार जमानत के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे. झारखंड हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी. लेकिन वहां से याचिका खारिज होने के बाद मंगलवार को आईएएस अनिल कुमार ने साहिबगंज कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करने के बाद सीजेएम कोर्ट ने जमानत खारिज करने के बाद अनिल कुमार को जेल भेज दिया.

तत्कालीन साहिबगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियरन तिर्की ने बोरियो (जी) थाना कांड संख्या 361/2014 में सुशील कुमार राय तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी साहिबगंज सहित अन्य के खिलाफ भादवि की धारा 468, 471, 409, 420, 120 बी के अंतर्गत प्राथमिक दर्ज कराए हैं. गायब संचिका मामले में दिलीप कुमार पांडे लिपिक की सेवा समाप्ति के बाबत डब्लू पी (एस) 2669/2003 से संबंधित आदेश का कापी संलग्न था.

इसके बाद अभियुक्तों के स्पष्टीकरण से आरोपी के द्वारा संचिका गायब करने की बात सामने आई थी. अभियुक्त का झारखंड उच्च न्यायालय के अग्रिम जमानत आवेदन 927/2022 दिनांक 5.5.2023 खारिज होने के बाद, मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय साहिबगंज में आत्मसमर्पण किया. आगे की कार्रवाई के लिए एक पखवारे की तिथि निर्धारित की गई है. आरोपी की ओर से वरीय अधिवक्ता विजय करण और लाल बाबू यादव ने पैरवी कर रहे हैं.

साहिबगंज: झारखंड में आईएएस अधिकारियों के जेल जाने का सिलसिला जारी है. पिछले तीन महीन में तीन आईएएस अधिकारी को जेल हुई है. पहला पूजा सिंघल और दूसरा छवि रंजन और तीसरा अनिल कुमार का है. साहिबगंज कोर्ट में हाजिर होने के बाद अनिल कुमार को साहिबगंज मंडल कारा भेज दिया गया है. आईएएस अधिकारी अनिल कुमार पलामू में बंदोबस्ती पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे और नवंबर 2022 से फरार चल रहे थे. ये मामला साहिबगंज से जुड़ा है. इस दौरान साहिबगंज पुलिस दो बार अनिल कुमार की गिरफ्तारी के लिए पलामू गयी थी.

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क्या है पूरा मामलाः पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार का 2012-2014 में साहिबगंज में डीएसओ (जिला आपूर्ति पदाधिकारी) के पद पर कार्यरत थे. इसके साथ ही पंचायती राज पदाधिकारी के प्रभार में थे. शिक्षक गड़बड़ी मामला में जांच कमिटि बनी थी, जिसमें अनिल कुमार अध्यक्ष थे. जांच में शिक्षक नियुक्ति मामले में संचिका गायब करने का आरोप लगा था. पिछले साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति मिली थी.

इस दौरान 2014 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की के कार्यकाल में फिर से गायब संचिका की शिकायत की गयी थी. इसके बाद फिर से पुरानी फाइल की खोजबीन शुरू की गयी लेकिन गायब फाइल नहीं मिली. संचिका नहीं मिलने पर तत्कालीन डीईओ भलेरियन तिर्की ने शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक गोपाल चंद्र सिंह, लिपिक पंचानन महतो, दिलीप कुमार पांडेय, राहुल आनंद सिंह के साथ साथ आरईओ सतीश चंद्र सिंकू के विरुद्ध जिरवाबाड़ी ओपी में मामला दर्ज कराया. इस मामले की जांच में ये बात सामने आयी थी कि अनिल कुमार जांच के क्रम में उक्त फाइल को ले गए थे. इसका खुलासा होने के बाद अनिल कुमार के अलावा पूर्व डीईओ सुशील कुमार राय को भी अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया.

हाई कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद किया सरेंडरः साहिबगंज कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अनिल कुमार जमानत के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे. झारखंड हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी. लेकिन वहां से याचिका खारिज होने के बाद मंगलवार को आईएएस अनिल कुमार ने साहिबगंज कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करने के बाद सीजेएम कोर्ट ने जमानत खारिज करने के बाद अनिल कुमार को जेल भेज दिया.

तत्कालीन साहिबगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियरन तिर्की ने बोरियो (जी) थाना कांड संख्या 361/2014 में सुशील कुमार राय तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी साहिबगंज सहित अन्य के खिलाफ भादवि की धारा 468, 471, 409, 420, 120 बी के अंतर्गत प्राथमिक दर्ज कराए हैं. गायब संचिका मामले में दिलीप कुमार पांडे लिपिक की सेवा समाप्ति के बाबत डब्लू पी (एस) 2669/2003 से संबंधित आदेश का कापी संलग्न था.

इसके बाद अभियुक्तों के स्पष्टीकरण से आरोपी के द्वारा संचिका गायब करने की बात सामने आई थी. अभियुक्त का झारखंड उच्च न्यायालय के अग्रिम जमानत आवेदन 927/2022 दिनांक 5.5.2023 खारिज होने के बाद, मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय साहिबगंज में आत्मसमर्पण किया. आगे की कार्रवाई के लिए एक पखवारे की तिथि निर्धारित की गई है. आरोपी की ओर से वरीय अधिवक्ता विजय करण और लाल बाबू यादव ने पैरवी कर रहे हैं.

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