साहिबगंज: वन विभाग स्थित सभागार में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और साहिबगंज वन प्रमंडल के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें गंगा के जलीय जीव के संरक्षण (Measures to Preserve Aquatic Organisms Of Ganga) और पारिस्थितिकी सर्वेक्षण को लेकर वन कर्मियों, गंगा प्रहरियों और मछुआरों को कई अहम जानकारी दी गई.
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डॉ निलाद्री दास गुप्ता ने दी अहम जानकारीः प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन डीएफओ मनीष तिवारी ने किया. वहीं डॉ निलाद्रि दास गुप्ता ने वनकर्मियों, मछुआरों और गंगा प्रहरियों को गंगा में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं, पक्षियों और उनकी प्रजातियों, प्रवास और उनके सर्वेक्षण (Ecological Survey) के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी.
साहिबगंज गंगा में कुछ दिन पूर्व दिखा था घड़ियालः इस दौरान डीएफओ मनीष तिवारी में बताया कि साहिबगंज स्थित गंगा में डॉल्फिन और अन्य जलीय जीव-जंतुओं और पक्षियों का प्रवास है. कुछ दिन पहले यहां घड़ियाल भी देखा गया था. यहां गंगा 14 किलोमीटर तक चौड़ी है. उत्तर और पश्चिमी भारत की कई नदियों का पानी यहां आकर गंगा से मिलता है.
साहिबगंज गंगा में बेहतरीन इको सिस्टमः साहिबगंज गंगा में एक बेहतरीन इको सिस्टम है. जिसे संरक्षित और संवर्धित कर बेहतर बनाने के लिए सर्वेक्षण कराया जा रहा (Ecological Survey)है. जिसके तहत गंगा में मछलियों के प्रकार, डॉल्फिन, घड़ियाल, पशु-पक्षी और उनकी प्रजातियां, उनके प्रवास का पता लगाया जाएगा.
वन विभाग जलीय जीवों के संरक्षण के उपाय करेगाः सर्वे से मिली जानकारी के आधार पर वन विभाग की ओर से जलीय जीव, इको सिस्टम में मौजूद पशु-पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए उपाय किये जाएंगे. मौके पर रेंजर सुनील कुमार, जितेंद्र दूबे, वनरक्षी सुनील, सुबोध कुमार मंडल, गंगा प्रहरी, मछुआरे और वन विभाग के कर्मी मौजूद थे.