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साहिबगंज: इस्कॉन मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान, कृष्ण धुन पर जमकर झूमे विदेशी भक्त

साहिबगंज के कन्हैया इस्कॉन मंदिर में दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों विदेशी कृष्ण भक्त पहुंच रहे हैं.

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Published : Apr 3, 2019, 5:22 PM IST

इस्कॉन मंदिर में विदेशी भक्त

साहिबगंज: देश-विदेश में प्रचलित राजमहल की देवभूमि कन्हैया इस्कॉन मंदिर में दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों विदेशी कृष्ण भक्त यहां पहुंचे हैं. वहां लोग हरे रामा-हरे कृष्णा की धुन पर झूमते नजर आ रहे हैं.

कन्हैया इस्कॉन मंदिर में सैकड़ों की संख्या में विदेशी भक्त भी पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. बताया जाता है कि जिस बरगद के पेड़ के नीचे भगवान कृष्ण अपनी रानियों के साथ रासलीला करते थे. वो आज भी यहां मौजूद है. भक्त इस पेड़ की पूजा करते हैं और सुख-शांति की कामना करते हैं.

इस्कॉन मंदिर में विदेशी भक्त

कन्हैया इस्कॉन मंदिर के प्रबंधक प्राण जीवन चैतन्य दास ब्रह्मचारी का कहना है कि चैतन्य महाप्रभु इस स्थान पर तपस्या किया करते थे. जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने उन्हें साक्षात दर्शन दिया था. आज भी मंदिर में चैतन्य महाप्रभु और राधा-कृष्ण का पद चिन्ह है. जिसे देखने और दर्शन करने के लिए लोग रुस, मलेशिया, जर्मन, अमेरिका, थाईलैंड, न्यूजीलैंड, लंदन, ब्रिटेन, वेस्टइंडीज सहित अन्य देशों से कृष्ण भक्त यहां आते है.

साहिबगंज: देश-विदेश में प्रचलित राजमहल की देवभूमि कन्हैया इस्कॉन मंदिर में दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों विदेशी कृष्ण भक्त यहां पहुंचे हैं. वहां लोग हरे रामा-हरे कृष्णा की धुन पर झूमते नजर आ रहे हैं.

कन्हैया इस्कॉन मंदिर में सैकड़ों की संख्या में विदेशी भक्त भी पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. बताया जाता है कि जिस बरगद के पेड़ के नीचे भगवान कृष्ण अपनी रानियों के साथ रासलीला करते थे. वो आज भी यहां मौजूद है. भक्त इस पेड़ की पूजा करते हैं और सुख-शांति की कामना करते हैं.

इस्कॉन मंदिर में विदेशी भक्त

कन्हैया इस्कॉन मंदिर के प्रबंधक प्राण जीवन चैतन्य दास ब्रह्मचारी का कहना है कि चैतन्य महाप्रभु इस स्थान पर तपस्या किया करते थे. जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने उन्हें साक्षात दर्शन दिया था. आज भी मंदिर में चैतन्य महाप्रभु और राधा-कृष्ण का पद चिन्ह है. जिसे देखने और दर्शन करने के लिए लोग रुस, मलेशिया, जर्मन, अमेरिका, थाईलैंड, न्यूजीलैंड, लंदन, ब्रिटेन, वेस्टइंडीज सहित अन्य देशों से कृष्ण भक्त यहां आते है.
Intro: सैकड़ो विदेशी कृष्ण भक्त पहुचा सहिबगंज, देवभूमि कन्हैया नाट्यशाला मंदिर में दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में लिया भाग, हरे रामा ,हरे कृष्णा धुन पर झूम उठा भक्त।
स्टोरी-सहिबगंज-- देश विदेश में प्रचलित राजमहल के देवभूमि कन्हैया स्थान नाट्यशाला का नाम इस्कोन कृष्ण भक्त बड़े नाम से लेते है और जब जब धार्मिक अनुश्ठान होता है सैकड़ो की संख्या में बिदेशी भक्त पहुचकर पूजा अर्चना करते है। भगवान श्री कृष्ण द्वारा 16108 पटरानी के साथ बरगद के पेड़ के नीचे राश्लीला किया था आज भी वह बरगद का पेड़ है यह कृष्ण भक्त आकर माला फेरते है और परिक्रमा कर सुख शांति का कामना करते है।
कन्हैया इस्कोन मंदिर के प्रबंधक का कहना है कि चैतन्य महाप्रभु इस स्थान पर तपस्या किया था और भगवान श्री कृष्ण और राधा साक्षात दर्शन दिया था। और आज भी मंदिर में चैतन्य महाप्रभु और कृष्ण राधा का पद चिंन्ह है जिसे देखने और दर्शन करने के लिए लोग रुष, मलेशिया,जर्मन,अमेरिका, थाईलैंड,न्यूजीलेंड, लंदन,ब्रिटेन, वेस्टइंडीज सहित अन्य देशों से कृष्ण भक्त आते है और भगवान के धुन में नाचते गाते है। दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में सभी भक्त जूट हुए है ।
बाइट- प्राण जीवन चैतन्य दास ब्रम्हचारी, कन्हैया इस्कोन मंदिर का प्रबंधक।


Body:सैकड़ो विदेशी कृष्ण भक्त पहुचा सहिबगंज, देवभूमि कन्हैया नाट्यशाला मंदिर में दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में लिया भाग, हरे रामा ,हरे कृष्णा धुन पर झूम उठा भक्त।
स्टोरी-सहिबगंज-- देश विदेश में प्रचलित राजमहल के देवभूमि कन्हैया स्थान नाट्यशाला का नाम इस्कोन कृष्ण भक्त बड़े नाम से लेते है और जब जब धार्मिक अनुश्ठान होता है सैकड़ो की संख्या में बिदेशी भक्त पहुचकर पूजा अर्चना करते है। भगवान श्री कृष्ण द्वारा 16108 पटरानी के साथ बरगद के पेड़ के नीचे राश्लीला किया था आज भी वह बरगद का पेड़ है यह कृष्ण भक्त आकर माला फेरते है और परिक्रमा कर सुख शांति का कामना करते है।
कन्हैया इस्कोन मंदिर के प्रबंधक का कहना है कि चैतन्य महाप्रभु इस स्थान पर तपस्या किया था और भगवान श्री कृष्ण और राधा साक्षात दर्शन दिया था। और आज भी मंदिर में चैतन्य महाप्रभु और कृष्ण राधा का पद चिंन्ह है जिसे देखने और दर्शन करने के लिए लोग रुष, मलेशिया,जर्मन,अमेरिका, थाईलैंड,न्यूजीलेंड, लंदन,ब्रिटेन, वेस्टइंडीज सहित अन्य देशों से कृष्ण भक्त आते है और भगवान के धुन में नाचते गाते है। दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में सभी भक्त जूट हुए है ।
बाइट- प्राण जीवन चैतन्य दास ब्रम्हचारी, कन्हैया इस्कोन मंदिर का प्रबंधक।


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