साहिबगंज: देश-विदेश में प्रचलित राजमहल की देवभूमि कन्हैया इस्कॉन मंदिर में दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों विदेशी कृष्ण भक्त यहां पहुंचे हैं. वहां लोग हरे रामा-हरे कृष्णा की धुन पर झूमते नजर आ रहे हैं.
कन्हैया इस्कॉन मंदिर में सैकड़ों की संख्या में विदेशी भक्त भी पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. बताया जाता है कि जिस बरगद के पेड़ के नीचे भगवान कृष्ण अपनी रानियों के साथ रासलीला करते थे. वो आज भी यहां मौजूद है. भक्त इस पेड़ की पूजा करते हैं और सुख-शांति की कामना करते हैं.
कन्हैया इस्कॉन मंदिर के प्रबंधक प्राण जीवन चैतन्य दास ब्रह्मचारी का कहना है कि चैतन्य महाप्रभु इस स्थान पर तपस्या किया करते थे. जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने उन्हें साक्षात दर्शन दिया था. आज भी मंदिर में चैतन्य महाप्रभु और राधा-कृष्ण का पद चिन्ह है. जिसे देखने और दर्शन करने के लिए लोग रुस, मलेशिया, जर्मन, अमेरिका, थाईलैंड, न्यूजीलैंड, लंदन, ब्रिटेन, वेस्टइंडीज सहित अन्य देशों से कृष्ण भक्त यहां आते है.