ETV Bharat / state

आज के ही दिन लद्दाख में चीनी सैनिकों से लोहा लेते शहीद हुए थे कुंदन ओझा, जानिए कैसी है घर की स्थिति

author img

By

Published : Jun 16, 2021, 8:20 AM IST

गलवान घाटी में शहीद हुए कुंदन कुमार ओझा(Kundan Kumar Ojha) की आज पहली बरसी है. इस मौके पर परिजनों ने जिले के डीसी, एसपी, विधायक, सांसद, विधायक प्रतिनिधि सभी को आमंत्रित किया है. वहीं, शहीद(Martyr) को सभी श्रद्धांजलि देंगे.

first death anniversy of martyr kundan kumar ojha
झारखंड के लाल शहीद कुंदन कुमार ओझा की पुण्यतिथि आज, पिछले साल लद्दाख में चीनी सैनिकों से हुई थी मुठभेड़

साहिबगंज: 2020 में गलवान घाटी में शहीद हुए कुंदन ओझा की आज पहली बरसी है. आज ही के दिन गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से हुई मुठभेड़ में झारखंड का लाल शहीद हो गया. कुंदन समेत कुल 20 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना से पूरा भारत चीन को सबक सिखाने का मांग कर रहा था. डीसी, एसपी, विधायक, सांसद, विधायक प्रतिनिधि सभी को आमंत्रित किया गया है. सभी शहीद को श्रद्धांजलि देंगे.

first death anniversy of martyr kundan kumar ojha
शहादत से 13 दिन पहले हुई थी बेटी

इसे भी पढ़ें- खूंटी के कोचांग गैंगरेप मामले में पादरी अल्फांसो आईंद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित, निचली अदालत ने दी है सजा

16 जून को लद्दाख में चीनी सैनिकों से हुई मुठभेड़ में जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र(Mufassil police station area) के दिहारी गांव निवासी कुंदन कुमार ओझा समेत 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएम फंड से 26 लाख रुपये, पेट्रोल पंप, आवासीय घर, एक सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की थी. दिया, लेकिन एक साल पूरे होने पर भी वादे जस के तस ही रह गए.

देखें पूरी खबर

कुंदन समेत 20 जवान हुए थे शहीद
शहीद कुंदन ओझा के पिता जी ने कहा कि गालवान घाटी में 20 जवान शहीद हुए थे. सभी किसी न किसी राज्य से आते थे. उस राज्य की सरकार सभी को अपना किया हुआ वादा पूरा कर चुकी है, लेकिन झारखंड सरकार ने अभी तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे बार बार रांची जाकर सीएम से मिलते हैं लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिलता. 13 दिन पहले एक बेटी का जन्म हुआ था अपनी बेटी का मुंह भी नहीं देख पाया था कि बेटा गलवान घाटी में शहीद हो गया. जिला प्रशासन और राज्य सरकारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

first death anniversy of martyr kundan kumar ojha
पिता रविशंकर ओझा ने मांगे पूरी किए जाने की कही बात

शहीद जवान कुंदन का परिचय
शहीद जवान कुंदन कुमार ओझा महज 26 साल की उम्र में शहीद हो गए थे. उनके पिता रविशंकर ओझा किसान हैं. इनकी मां भवानी देवी एक गृहणी है. कुंदर अपनी शहादत से 5
महीने पहले घर आए थे. अपने 4 भाई बहनों में वह दूसरे नंबर पर थे. कुंदन ने 2009 में कौदजन्ना से मैट्रिक तक की पढ़ाई की. इंटर साहिबगंज कॉलेज से 2011 में किया. 2011 में बिहार के दानापुर रेजिमेंट से बहाली हुई और 2012 में आर्मी में ज्वाइनिंग हुई थी. उनकी शादी 2017 में बिहार के सुल्तानगंज स्थित मीरहटी गांव में निर्मिता देवी से हुई थी. शहादत से 13 दिन पहले उनकी एक बेटी हुई थी.

साहिबगंज: 2020 में गलवान घाटी में शहीद हुए कुंदन ओझा की आज पहली बरसी है. आज ही के दिन गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से हुई मुठभेड़ में झारखंड का लाल शहीद हो गया. कुंदन समेत कुल 20 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना से पूरा भारत चीन को सबक सिखाने का मांग कर रहा था. डीसी, एसपी, विधायक, सांसद, विधायक प्रतिनिधि सभी को आमंत्रित किया गया है. सभी शहीद को श्रद्धांजलि देंगे.

first death anniversy of martyr kundan kumar ojha
शहादत से 13 दिन पहले हुई थी बेटी

इसे भी पढ़ें- खूंटी के कोचांग गैंगरेप मामले में पादरी अल्फांसो आईंद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित, निचली अदालत ने दी है सजा

16 जून को लद्दाख में चीनी सैनिकों से हुई मुठभेड़ में जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र(Mufassil police station area) के दिहारी गांव निवासी कुंदन कुमार ओझा समेत 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएम फंड से 26 लाख रुपये, पेट्रोल पंप, आवासीय घर, एक सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की थी. दिया, लेकिन एक साल पूरे होने पर भी वादे जस के तस ही रह गए.

देखें पूरी खबर

कुंदन समेत 20 जवान हुए थे शहीद
शहीद कुंदन ओझा के पिता जी ने कहा कि गालवान घाटी में 20 जवान शहीद हुए थे. सभी किसी न किसी राज्य से आते थे. उस राज्य की सरकार सभी को अपना किया हुआ वादा पूरा कर चुकी है, लेकिन झारखंड सरकार ने अभी तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे बार बार रांची जाकर सीएम से मिलते हैं लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिलता. 13 दिन पहले एक बेटी का जन्म हुआ था अपनी बेटी का मुंह भी नहीं देख पाया था कि बेटा गलवान घाटी में शहीद हो गया. जिला प्रशासन और राज्य सरकारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

first death anniversy of martyr kundan kumar ojha
पिता रविशंकर ओझा ने मांगे पूरी किए जाने की कही बात

शहीद जवान कुंदन का परिचय
शहीद जवान कुंदन कुमार ओझा महज 26 साल की उम्र में शहीद हो गए थे. उनके पिता रविशंकर ओझा किसान हैं. इनकी मां भवानी देवी एक गृहणी है. कुंदर अपनी शहादत से 5
महीने पहले घर आए थे. अपने 4 भाई बहनों में वह दूसरे नंबर पर थे. कुंदन ने 2009 में कौदजन्ना से मैट्रिक तक की पढ़ाई की. इंटर साहिबगंज कॉलेज से 2011 में किया. 2011 में बिहार के दानापुर रेजिमेंट से बहाली हुई और 2012 में आर्मी में ज्वाइनिंग हुई थी. उनकी शादी 2017 में बिहार के सुल्तानगंज स्थित मीरहटी गांव में निर्मिता देवी से हुई थी. शहादत से 13 दिन पहले उनकी एक बेटी हुई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.