ETV Bharat / state

मधुमक्खी पालन से बदल रही गांव की तस्वीर, आय दोगुनी करने की तरफ कदम बढ़ा रहे आदिवासी किसान - Aspirational district in Jharkhand

साहिबगंज जिले के आदिवासी किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण मिल रहा है. मधुमक्खी पालन के जनक के रूप में जाने जाने वाले डॉ राम श्रीत सिंह का कहना है कि मधुमक्खी पालन में बिहार और यूपी से ज्यादा झारखंड में स्कोप है.

beekeeping training
मधुमक्खी पालन
author img

By

Published : Feb 6, 2020, 3:38 PM IST

साहिबगंज: आकांक्षी जिला योजना अंतर्गत किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर जिला प्रशासन आदिवासी महिला और पुरुष किसानों को मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र में दे रहा है. केंद्र में 3 फरवरी से मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण शुरू हुआ है जो 7 फरवरी तक चलेगा.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट
प्रशिक्षण सिविर में मुख्य रूप से आदिवासी पुरुष और महिला किसान को मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है. जिसमें 60 से अधिक आदिवासी किसानों ने भाग लिया. प्रशिक्षण ले रहे किसानों का कहना है कि आय में दोगुनी करने को लेकर यह सरल साधन है.

पढ़ें- BOARD EXAM को लेकर छात्रों को नहीं लेना चाहिए टेंशन, जानिए मनोचिकित्सक के टिप्स

आय बढ़ोत्तरी के लिए कर रहे मधुमक्खी पालन

किसानों ने कहा कि सिर्फ कृषि पर निर्भर रहकर वह अपनी आय को नहीं बढ़ा सकते, इसके लिए अलग से कुछ कर के अपनी आय बढ़ा सकते हैं. किसानों ने कहा कि पांच दिन में वे लोग काफी कुछ सीख पाएंगे.

मधुमक्खी पालन के जनक दे रहे हैं प्रशिक्षण

किसानों को प्रशिक्षण देने बनारस यूपी से आए मधुमक्खी पालन के जनक डॉ राम श्रीत सिंह ने कहा कि बिहार और यूपी से झारखंड में मधुमक्खी पालन का अधिक स्कोप है, क्योंकि मधुमक्खी के भोजन के लिए झारखंड में मौसम ठीक है जो मौसम बिहार और यूपी में नहीं मिलता. अगर राज्य सरकार ध्यान दे तो यहां के किसान खेती के आलावा दोगुनी आय अर्जित कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- टाटा वर्कर्स यूनियन मना रहा शताब्दी वर्ष, बुजुर्गों रिटायर्ड कर्मचारियों को दिया तोहफा

राज्य और केंद्र सरकार आकांक्षी योजना के तहत किसानों को इस तरह के प्रशिक्षण देकर सराहनीय पहल कर रही है और आने वाले समय में किसान खेती के अलावा मधुमक्खी पालन का तरकीब अपनाकर 2022 तक अपनी आय को दोगुनी करने की कोशिश की जा रही है.

साहिबगंज: आकांक्षी जिला योजना अंतर्गत किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर जिला प्रशासन आदिवासी महिला और पुरुष किसानों को मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र में दे रहा है. केंद्र में 3 फरवरी से मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण शुरू हुआ है जो 7 फरवरी तक चलेगा.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट
प्रशिक्षण सिविर में मुख्य रूप से आदिवासी पुरुष और महिला किसान को मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है. जिसमें 60 से अधिक आदिवासी किसानों ने भाग लिया. प्रशिक्षण ले रहे किसानों का कहना है कि आय में दोगुनी करने को लेकर यह सरल साधन है.

पढ़ें- BOARD EXAM को लेकर छात्रों को नहीं लेना चाहिए टेंशन, जानिए मनोचिकित्सक के टिप्स

आय बढ़ोत्तरी के लिए कर रहे मधुमक्खी पालन

किसानों ने कहा कि सिर्फ कृषि पर निर्भर रहकर वह अपनी आय को नहीं बढ़ा सकते, इसके लिए अलग से कुछ कर के अपनी आय बढ़ा सकते हैं. किसानों ने कहा कि पांच दिन में वे लोग काफी कुछ सीख पाएंगे.

मधुमक्खी पालन के जनक दे रहे हैं प्रशिक्षण

किसानों को प्रशिक्षण देने बनारस यूपी से आए मधुमक्खी पालन के जनक डॉ राम श्रीत सिंह ने कहा कि बिहार और यूपी से झारखंड में मधुमक्खी पालन का अधिक स्कोप है, क्योंकि मधुमक्खी के भोजन के लिए झारखंड में मौसम ठीक है जो मौसम बिहार और यूपी में नहीं मिलता. अगर राज्य सरकार ध्यान दे तो यहां के किसान खेती के आलावा दोगुनी आय अर्जित कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- टाटा वर्कर्स यूनियन मना रहा शताब्दी वर्ष, बुजुर्गों रिटायर्ड कर्मचारियों को दिया तोहफा

राज्य और केंद्र सरकार आकांक्षी योजना के तहत किसानों को इस तरह के प्रशिक्षण देकर सराहनीय पहल कर रही है और आने वाले समय में किसान खेती के अलावा मधुमक्खी पालन का तरकीब अपनाकर 2022 तक अपनी आय को दोगुनी करने की कोशिश की जा रही है.

Intro:आकांक्षी जिला के अन्तगर्त आदिवासी किसानों को मधुमख्खी पालन का मिल रहा प्रशिक्षण,मधुमक्खी पालन में बिहार और यूपी से झारखण्ड में है काफी स्कोप है- मधुमख्खी पालन का जनक



Body:आकांक्षी जिला के अन्तगर्त आदिवासी किसानों को मधुमख्खी पालन का मिल रहा प्रशिक्षण,मधुमक्खी पालन में बिहार और यूपी से झारखण्ड में है काफी स्कोप है- मधुमख्खी पालन का जनक
स्टोरी-साहिबगंज-- आकांक्षी जिला योजना अंतर्गत किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी महिला और पुरुष किसानों को मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण केवीके में दिया जा रहा है
कृषि विज्ञान केंद्र में आज से मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण शुरू हुआ जो 7 फरवरी को समापन होगा इसमें मुख्य रूप से आदिवासी पुरुष और महिला किसान को मधुमक्खी पालन करने का प्रशिक्षण देने काम चल रहा है जिसमें 60 से अधिक आदिवासी किसान ने भाग लिया है।
प्रशिक्षण ले रहे हैं आदिवासी किसानों का कहना है कि आय में दुगनी वृद्धि को लेकर एडिशनल सरल साधन है। सिर्फ कृषि पर निर्भर रहकर हम अपनी आय को नहीं बढ़ा सकते इसके लिए अलग से कुछ कर के अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। आज से इस मधुमख्खी पालन का प्रशिक्षण को सीख कर हम अपनी आय को बढ़ा सकते हैं ।आज से शुरुआत है और पांच दिन तक हम लोग काफी कुछ सीख पाएंगे।
बाइट-- 1,2-- आदिवासी किसान
इन आदिवासी किसान को प्रशिक्षण देने बनारस यूपी से आए मधुमक्खी पालन का जनक डॉ राम श्रीत सिंह ने कहा कि बिहार और यूपी से झारखंड में मधुमक्खी पालन का अधिक स्कोप है। क्योंकि मधुमक्खी के भोजन के लिए झारखंड में मौसम ठीक है यह मौसम बिहार और यूपी में नही मिलता है। झारखण्ड का मौसम मधुमक्खी पालन के लिए स्कोप है। राज्य सरकार ध्यान दे तो यहां के किसान को खेती के आलावे इससे आय दोगुनी अर्जित कर सकते है।
बाइट-- डॉ राम श्रीत सिंह, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक, मधुमक्खी पालन का जनक से जाने जाते है।


Conclusion:निश्चित रूप से झारखंड में मधुमक्खी पालन का स्कोप है और राज्य और केंद्र सरकार आकांक्षी योजना के तहत किसानों को इस तरह का प्रशिक्षण देकर सराहनीय पहल कर रही है आने वाले समय में किसान खेती के अलावे मधुमक्खी पालन का तरकीब अपनाकर अपनी आय को 2022 तक दुगनी कर सकते हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.