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साहिबगंजः गंगा नदी को राजमहल डॉल्फिन क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग, जिले को मिलेगी पहचान - साहिबगंज की गंगा नदी को राजमहल डॉल्फिन क्षेत्र घोषित करने की मांग

साहिबगंज से गुजरने वाली गंगा नदी प्रदूषण मुक्त हो चुकी है, जिसकी वजह से अब डॉल्फिन नजर आने लगी है. इसी को लेकर वन विभाग ने केंद्र और राज्य सरकार से साहिबगंज गंगा नदी को राजमहल डॉल्फिन क्षेत्र घोषित किए जाए ने की मांग की है.

dolphin in ganga river in sahibganj
गंगा नदी में डॉल्फिन
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Published : Sep 3, 2020, 12:48 PM IST

साहिबगंजः जिले की उत्तरवाहिनी गंगा नदी में डॉल्फिन पाए जाने पर वन विभाग रेस हो चुका है. बिहार सरकार की तर्ज पर विक्रमशीला डॉल्फिन सेंचुरी की तरह साहिबगंज को पहचान दिलाने में वन विभाग जुट गया है. लॉकडाउन में काम काज ठप होने से गंगा नदी में मालवाहक जहाज और यात्री जहाज बंद हो चुके हैं. यही वजह है कि गंगा प्रदूषण मुक्त हो गई है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- झारखंड में बढ़ी आत्महत्या की प्रवृति, NCRB ने जारी किए आंकड़े

राजमहल डॉल्फिन क्षेत्र घोषित करने की मांग
डॉल्फिन शुद्ध जल में अधिक पाई जाती है. यही वजह है कि गंगा में डॉल्फिन नजर आने लगी है. वन विभाग ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि साहिबगंज गंगा नदी को राजमहल डॉल्फिन क्षेत्र घोषित किया जाए, ताकि गंगा में पाए जाने वाली डॉल्फिन का संरक्षण किया जा सके. इसके साथ ही अन्य जीवों की भी देखरेख की जा सके. झारखंड का एक मात्र जिला साहिबगंज से गंगा नदी होकर गुजरती है और बंगाल के फरक्का में जाकर गिरती है. जिले से 83 किमी होकर गंगा पास करती है. यदि डॉल्फिन क्षेत्र घोषित हो जाता तो झारखंड सहित भारत वर्ष में साहिबगंज जिले को एक नई पहचान मिलेगी.

साहिबगंजः जिले की उत्तरवाहिनी गंगा नदी में डॉल्फिन पाए जाने पर वन विभाग रेस हो चुका है. बिहार सरकार की तर्ज पर विक्रमशीला डॉल्फिन सेंचुरी की तरह साहिबगंज को पहचान दिलाने में वन विभाग जुट गया है. लॉकडाउन में काम काज ठप होने से गंगा नदी में मालवाहक जहाज और यात्री जहाज बंद हो चुके हैं. यही वजह है कि गंगा प्रदूषण मुक्त हो गई है.

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राजमहल डॉल्फिन क्षेत्र घोषित करने की मांग
डॉल्फिन शुद्ध जल में अधिक पाई जाती है. यही वजह है कि गंगा में डॉल्फिन नजर आने लगी है. वन विभाग ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि साहिबगंज गंगा नदी को राजमहल डॉल्फिन क्षेत्र घोषित किया जाए, ताकि गंगा में पाए जाने वाली डॉल्फिन का संरक्षण किया जा सके. इसके साथ ही अन्य जीवों की भी देखरेख की जा सके. झारखंड का एक मात्र जिला साहिबगंज से गंगा नदी होकर गुजरती है और बंगाल के फरक्का में जाकर गिरती है. जिले से 83 किमी होकर गंगा पास करती है. यदि डॉल्फिन क्षेत्र घोषित हो जाता तो झारखंड सहित भारत वर्ष में साहिबगंज जिले को एक नई पहचान मिलेगी.

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