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चेकपोस्ट पर अवैध वसूली मामले में मिर्जाचौकी पर कार्रवाई, डीसी ने एसपी को लिखा पत्र

साहिबगंज के मिर्जाचौकी चेकपोस्ट पर अवैध वसूली मामले (Illegal extortion case on Mirzachowki check post) में वहां के थानेदार के साथ- साथ अन्य अधिकारियों के संलिप्तता की खबर सामने आ रही है. इस मामले में डीसी ने उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिया है.

Mirzachowki check post
Mirzachowki check post
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Published : Nov 24, 2022, 1:31 PM IST

साहिबगंज: मिर्जाचौकी चेकपोस्ट पर पत्थर लदे ट्रकों से अवैध रूप से वसूली (Illegal extortion case on Mirzachowki check post) वहां के तत्कालीन थानेदार अशोक प्रसाद की सहमति से होती थी. इसमें कुछ पुलिस वालों के साथ-साथ वहां तैनात मजिस्ट्रेट भी शामिल थे. यह खुलासा डीसी रामनिवास यादव द्वारा एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा और सदर एसडीओ राहुल आनंद को भेजे गए पत्र से हुआ है.

यह भी पढे़ं: बिहार-झारखंड की सीमा पर बने समेकित चेकपोस्ट बेकार, सरकार के करोड़ों रुपये हुए बर्बाद

आरोपियों पर कार्रवाई: डीसी ने अशोक प्रसाद के साथ-साथ संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई शुरू की है. थानेदार के लिए एसपी को और दंडाधिकारियों पर कार्रवाई के लिए एसडीओ को पत्र भेजा है. एसपी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए एसडीपीओ की ओर से क्या कार्रवाई की गयी है. इससे भी उन्हें अवगत कराया जाए. फिलहाल अशोक प्रसाद ट्रेनिंग के लिए हजारीबाग गए हुए हैं. सब इंस्पेक्टर प्रवेश कुमार को वहां का प्रभार दिया गया है.

देखें वीडियो
अवैध वसूली : कुछ दिन पूर्व उपायुक्त को मिर्जाचौकी चेकनाका पर अवैध वसूली की शिकायत मिली थी. कुछ ट्रक चालकों ने अवैध वसूली का वीडियो बनाकर डीसी को भेजा था. इसके बाद उपायुक्त ने अपने स्तर से भी इसकी जांच करायी. इसमें इस बात की पुष्टि हुई. कुछ ट्रक चालकों की मानें तो बिना चालान वाले ट्रकों से वहां 6500 रुपये से लेकर 8500 रुपये तक वसूली होती थी.चेकपोस्ट पर अवैध वसूली: चालान वाले ट्रकों को जांच के नाम पर रोक दिया जाता था और बिना चालान वाले ट्रकों को रुपया लेकर जाने दिया जाता था. चालान वाले ट्रकों को रोके जाने से अक्सर वहां जाम भी लग जाता था. सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पूर्व सदर इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी ने भी वरीय अधिकारियों को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें अवैध वसूली की बात कही गयी थी. ईडी ने मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के खिलाफ समर्पित चार्जशीट में चेकनाका पर प्रति ट्रक 1500 रुपये वसूली का जिक्र किया है. लेकिन वर्तमान में इससे कई गुना अधिक वसूला जा रहा था.

साहिबगंज: मिर्जाचौकी चेकपोस्ट पर पत्थर लदे ट्रकों से अवैध रूप से वसूली (Illegal extortion case on Mirzachowki check post) वहां के तत्कालीन थानेदार अशोक प्रसाद की सहमति से होती थी. इसमें कुछ पुलिस वालों के साथ-साथ वहां तैनात मजिस्ट्रेट भी शामिल थे. यह खुलासा डीसी रामनिवास यादव द्वारा एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा और सदर एसडीओ राहुल आनंद को भेजे गए पत्र से हुआ है.

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आरोपियों पर कार्रवाई: डीसी ने अशोक प्रसाद के साथ-साथ संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई शुरू की है. थानेदार के लिए एसपी को और दंडाधिकारियों पर कार्रवाई के लिए एसडीओ को पत्र भेजा है. एसपी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए एसडीपीओ की ओर से क्या कार्रवाई की गयी है. इससे भी उन्हें अवगत कराया जाए. फिलहाल अशोक प्रसाद ट्रेनिंग के लिए हजारीबाग गए हुए हैं. सब इंस्पेक्टर प्रवेश कुमार को वहां का प्रभार दिया गया है.

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अवैध वसूली : कुछ दिन पूर्व उपायुक्त को मिर्जाचौकी चेकनाका पर अवैध वसूली की शिकायत मिली थी. कुछ ट्रक चालकों ने अवैध वसूली का वीडियो बनाकर डीसी को भेजा था. इसके बाद उपायुक्त ने अपने स्तर से भी इसकी जांच करायी. इसमें इस बात की पुष्टि हुई. कुछ ट्रक चालकों की मानें तो बिना चालान वाले ट्रकों से वहां 6500 रुपये से लेकर 8500 रुपये तक वसूली होती थी.चेकपोस्ट पर अवैध वसूली: चालान वाले ट्रकों को जांच के नाम पर रोक दिया जाता था और बिना चालान वाले ट्रकों को रुपया लेकर जाने दिया जाता था. चालान वाले ट्रकों को रोके जाने से अक्सर वहां जाम भी लग जाता था. सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पूर्व सदर इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी ने भी वरीय अधिकारियों को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें अवैध वसूली की बात कही गयी थी. ईडी ने मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के खिलाफ समर्पित चार्जशीट में चेकनाका पर प्रति ट्रक 1500 रुपये वसूली का जिक्र किया है. लेकिन वर्तमान में इससे कई गुना अधिक वसूला जा रहा था.
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