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आम बजटः बेरोजगार युवाओं को रोजगार और व्यापारियों को टैक्स घटाने की है उम्मीद

लोकसभा में आम बजट एक फरवरी को पेश होगा. इस बजट से युवाओं और व्यापारियों को काफी उम्मीदें है. युवाओं ने कहा कि रोजगार देने वाला बजट होना चाहिए.

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बेरोजगार युवाओं को रोजगार और व्यापारियों को टैक्स घटाने की है उम्मीद
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Published : Jan 28, 2023, 9:51 AM IST

क्या कहते हैं युवा

रांचीः मंदी की आशंका के बीच बड़ी बड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर शुरू हो गया है. इससे युवाओं की चिंता बढ़ गई बै. भविष्य की चिंता में डूबे युवाओं का मानना है कि एक तो कोरोना की वजह से तीन साल काफी कठिन रहा. अब हालात में थोड़ा सुधार हुआ तो छंटनी का दौरा शुरू हो गया है. इस स्थिति में आगामी बजट युवाओं को रोजगार देने वाला होना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः Jharkhand Budget 2023: हेमंत सरकार ला रही है "हमीन कर बजट" सुझावों की संख्या में हुआ इजाफा

1 फरवरी को आ रहे केंद्रीय बजट से युवाओं को काफी उम्मीद है. केंद्र सरकार आम बजट में रोजगार को लेकर जरूर ध्यान देगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश होने वाले आम बजट से उम्मीद लगाए इन युवाओं का मानना है कि बजट में ना केवल करदाताओं के लिए राहत का प्रावधान होगा, बल्कि केंद्र सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा कदम भी उठायेगी. शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा बजट में विशेष प्रावधान किए जाएंगे, जिससे युवाओं को भविष्य बनाने में सहूलियत होगी.

बेरोजगारी से जूझ रहे आम युवाओं का मानना है कि केंद्र सरकार इस बार के बजट में रोजी रोजगार आधारित बजट बनाकर युवाओं को लाभ पहुंचाये. छात्र सौरव कहते हैं कि केंद्र सरकार प्राइवेट और सरकारी नौकरी के बीच की दूरी को समाप्त करना चाहिए. सरकारी नौकरी में जॉब गारंटी है. लेकिन प्राइवेट सेक्टर में जॉब गारंटी नहीं है. इससे युवा सरकारी नौकरी प्राप्त करने को लेकर दिनरात मेहतन करते हैं.

युवा मनोज कुमार कहते हैं कि केंद्र सरकार को बजट में रोजगार सृजन को लेकर खास प्रबंध करना चाहिए. युवा व्यवसाई अमन सिंह का मानना है कि केंद्र सरकार जीएसटी की दरों में कटौती करें. इससे स्टार्टअप और अन्य औद्योगिक क्षेत्र में उतरे युवाओं को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी में किए गए प्रावधानों की वजह से दोगुना टैक्स और पेनल्टी देना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जीएसटी से अच्छा वैट था, जिसमें व्यवसायियों को ज्यादा परेशानी नहीं होती थी.

युवा राकेश कुमार कहते हैं कि सरकार को बजट में रोजगार पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर रिक्तियां हैं. कोरोना के करण गैर सरकारी क्षेत्रों में नौकरी घट गई है. इस वजह से युवाओं में घोर निराशा है. निजी क्षेत्र का भी हालत बेहद खराब है. इससे युवाओं को प्राइवेट नौकरी भी मिलने में कठिनाई हो रही है.

क्या कहते हैं युवा

रांचीः मंदी की आशंका के बीच बड़ी बड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर शुरू हो गया है. इससे युवाओं की चिंता बढ़ गई बै. भविष्य की चिंता में डूबे युवाओं का मानना है कि एक तो कोरोना की वजह से तीन साल काफी कठिन रहा. अब हालात में थोड़ा सुधार हुआ तो छंटनी का दौरा शुरू हो गया है. इस स्थिति में आगामी बजट युवाओं को रोजगार देने वाला होना चाहिए.

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1 फरवरी को आ रहे केंद्रीय बजट से युवाओं को काफी उम्मीद है. केंद्र सरकार आम बजट में रोजगार को लेकर जरूर ध्यान देगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश होने वाले आम बजट से उम्मीद लगाए इन युवाओं का मानना है कि बजट में ना केवल करदाताओं के लिए राहत का प्रावधान होगा, बल्कि केंद्र सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा कदम भी उठायेगी. शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा बजट में विशेष प्रावधान किए जाएंगे, जिससे युवाओं को भविष्य बनाने में सहूलियत होगी.

बेरोजगारी से जूझ रहे आम युवाओं का मानना है कि केंद्र सरकार इस बार के बजट में रोजी रोजगार आधारित बजट बनाकर युवाओं को लाभ पहुंचाये. छात्र सौरव कहते हैं कि केंद्र सरकार प्राइवेट और सरकारी नौकरी के बीच की दूरी को समाप्त करना चाहिए. सरकारी नौकरी में जॉब गारंटी है. लेकिन प्राइवेट सेक्टर में जॉब गारंटी नहीं है. इससे युवा सरकारी नौकरी प्राप्त करने को लेकर दिनरात मेहतन करते हैं.

युवा मनोज कुमार कहते हैं कि केंद्र सरकार को बजट में रोजगार सृजन को लेकर खास प्रबंध करना चाहिए. युवा व्यवसाई अमन सिंह का मानना है कि केंद्र सरकार जीएसटी की दरों में कटौती करें. इससे स्टार्टअप और अन्य औद्योगिक क्षेत्र में उतरे युवाओं को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी में किए गए प्रावधानों की वजह से दोगुना टैक्स और पेनल्टी देना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जीएसटी से अच्छा वैट था, जिसमें व्यवसायियों को ज्यादा परेशानी नहीं होती थी.

युवा राकेश कुमार कहते हैं कि सरकार को बजट में रोजगार पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर रिक्तियां हैं. कोरोना के करण गैर सरकारी क्षेत्रों में नौकरी घट गई है. इस वजह से युवाओं में घोर निराशा है. निजी क्षेत्र का भी हालत बेहद खराब है. इससे युवाओं को प्राइवेट नौकरी भी मिलने में कठिनाई हो रही है.

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