रांची: रांची के कांके में जल जीवन मिशन के तहत विश्व जल दिवस 2022 कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को पीने के लिए स्वच्छ जल मुहैया कराने के तरीकों पर चर्चा की गई. कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नेहा अरोड़ा ने जल सहिया के काम की सराहना की और इस काम में और सफलता को लेकर विचार व्यक्त किए. वहीं यूनिसेफ के पदाधिकारियों ने 263 जलसहिया को ट्रेनिंग देने की जानकारी दी.
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स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नेहा अरोड़ा ने कहा कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जल सहिया प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर सेवा प्रदान कर रही हैं. आम लोगों से कम्युनिकेशन कर प्रदूषित जल के निराकरण की दिशा में जलसहिया का काम बेहतरीन रहा है. इसलिए झारखंड में काम करने वाली जलसहिया ग्रामीण क्षेत्र की रीढ़ हैं. निदेशक नेहा अरोड़ा ने कहा कि झारखंड में मिनरल्स काफी हैं, इसलिए जमीन के अंदर मिलने वाले जल के प्रदूषित होने की आशंका भी ज्यादा है.
स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नेहा अरोड़ा ने कहा कि प्रदूषित जल से तरह-तरह की बीमारियों की आशंका रहती है. इसी को देखते हुए हमारा विभाग जल की गुणवत्ता की जांच को सुनिश्चित करने के लिए लोगों एवं अधिकारियों से अपील करता है. उन्होंने कहा कि जहां भी गुणवत्तापूर्ण जल की समस्या है, उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा. जलसहिया के लिए विस्तृत आईईसी मैटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वह ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के प्रति उनको जागरूक कर सकें.
वहीं कार्यक्रम में मौजूद यूनिसेफ के पदाधिकारियों ने कहा कि भूजल स्तर और जल संरक्षण पर फोकस किया जाना भी जरूरी है. इसके लिए यूनिसेफ 263 जलसहिया को जल गुणवत्ता के क्षेत्र में निपुण बनाएगा, उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. वहीं कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आई जलसहिया को उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र और शॉल देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभियंता रघुनंदन शर्मा, अभियंता संजय कुमार झा, सुधा कांत झा, शैलेश कुमार सिन्हा सहित कई पदाधिकारी और जलसहिया उपस्थित रहे.