रांची: 8 सितंबर को इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट की ओर से राजधानी में भी वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राजधानी के 150 से अधिक लोगों का फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टरों की ओर से मुफ्त में इलाज किया गया, साथ ही 120 लोगों की मुफ्त शुगर जांच भी की गई.
खोला जाएगा फिजियोथैरेपिस्ट कॉलेज
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडे ने कहा कि आधुनिक जीवन में नवजात से लेकर बुजुर्ग तक के उपचार में फिजियोथैरेपी कारगर है. खासकर जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में यह विधि बहुत ही उपयोगी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही रांची विश्वविद्यालय कैंपस में एक फिजियोथैरेपिस्ट कॉलेज खोला जाएगा जो राज्य के लोगों की जरूरतों को पूरा करेगी.
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सफल हो सकती है बड़ी सर्जरी
वहीं, कार्यक्रम में मौजूद कांके विधायक डॉ जीतू चरण राम ने कहा कि राज्य में फिजियोथैरेपी काउंसिल के गठन की भी आवश्यकता है. उसी के आधार पर फिजियोथैरेपी डॉक्टरों की मांग को सरकार के पास बेहतर तरीके से रखा जा सकता है. कार्यक्रम में आए वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर और अन्य विभागों के वरिष्ठ डॉक्टरों की ओर से यह मांग की गई है कि उनके पद का सृजन किया जाए. उनका कहना है कि बड़े सर्जरी के बाद उसके बेहतर इलाज के लिए फिजियोथेरेपी होने पर ही बड़ी से बड़ी सर्जरी सफल हो सकती है. इसलिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग को सभी सरकारी अस्पतालों में फिजियोथैरेपी डॉक्टरों की नियुक्ति जल्द से जल्द करनी चाहिए.
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8 सितंबर को मनाया जाता है वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे
वहीं, कार्यक्रम का संचालन कर रहे इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपी झारखंड ब्रांच के अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार ने बताया कि साल 1996 से हर साल 8 सितंबर को वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच फिजियोथेरेपी के लाभ को बताना है, ताकि लोगों में यह जानकारी मिल सके कि फिजियोथैरेपी के माध्यम से बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज सहज और सुगम तरीके से किया जा सकता है.