नई दिल्लीः सीआरपीएफ की 88वीं महिला बटालियन को दुनिया की पहली महिला बटालियन होने का गौरव प्राप्त है. इसके 35वें स्थापना दिवस समारोह पर एक और इतिहास रचा गया. सीआरपीएफ ने कोबरा बटालियन में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है.
सीआरपीएफ की 6 महिला बटालियनों में से 34 महिला कमांडो को कोबरा बटालियन में शामिल किया गया है. ये सभी 3 महीने की कड़ी कोबरा प्री इंडक्शन ट्रेनिंग से गुजरेंगी. ये प्रशिक्षण फायरिंग और विशेष हथियारों, सामरिक योजना, क्षेत्र शिल्प, विस्फोटक, जंगल उत्तरजीविता कौशल में अगले स्तर के प्रशिक्षण प्रदान करके उनकी शारीरिक क्षमताओं और सामरिक कौशल को सुदृढ़ करेगा.
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प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद इन महिला कमांडो को एलडब्ल्यूई क्षेत्र में पुरुष समकक्षों के साथ बैच में तैनात किया जाएगा. सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ एपी माहेश्वरी ने कहा कि सीआरपीएफ के पास सशक्त महिला योद्धाओं का इतिहास है, जिन्होंने न केवल भारत बल्कि विदेश में कई संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भी देश को गौरवान्वित किया है. उन्होंने कहा कि सशक्त महिलाएं एक सशक्त परिवार बनाती हैं जो अंततः राष्ट्र को सशक्त बनाती है.
कमांडो बटालियन फॉल रेसोल्यूट एक्शन यानी कोबरा एक ऐसा विशेष बल है जो माओवादियों से निपटने में माहिर है. इन्हें जंगल वारियर्स के रूप में भी जाना जाता है. ये कमांडो गोरिल्ला वार से लेकर जंगल वार तक में माहिर होते हैं. इन कमांडोज को सीआरपीएफ से चुना जाता है. चुने गए कमांडो कठोर अभ्यास और जंगल युद्ध प्रशिक्षण से गुजरते हैं.
कोबरा बटालियन को झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम और मेघालय राज्यों के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है. हालांकि फिलहाल ये तय नहीं है कि कोबरा बटालियन की महिला कमांडो को झारखंड में तैनात किया जाएगा नहीं.