रांचीः राजधानी से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित और मांझी प्रखंड का उकरीद गांव इन दिनों तरबूज की खेती को लेकर चर्चा में है. चर्चा इसलिए क्योंकि इस गांव की महिलाओं ने तरबूज की खेती कर ना सिर्फ अपने आपको आर्थिक रूप से मजबूत किया बल्कि पिछले दो साल से हो रहे नुकसान की भरपाई भी कर ली.
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कोविड संक्रमण की वजह से पिछले दो साल बहुत ही कठिनाई भरे बीते. फसल अच्छी भी हुई लेकिन इसके लिए खरीदार नहीं मिले. जिसकी वजह से इन किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन इस बार परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं, इस बार खेती भी बंपर हुई है और तरबूज का बाजार भी बेहद उम्दा रहा. जिसकी वजह से तरबूज की खेती में जुटी महिला किसानों को काफी लाभ हुआ है. उनकी मेहनत इस बार रंग लाई है.
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ऐसे समय पर गांव की महिलाएं सामने आईं और उन्होंने तरबूज की फसल लगाने का निर्णय लिया. महिला समिति के सहयोग से गांव की महिलाओं ने 10 एकड़ में तरबूज की फसल लगाई, सिंचाई से लेकर फसल को तैयार करने के लिए हर तरह का जतन किया. आखिरकार महिलाओं की मेहनत सफल हुई और 10 एकड़ में तरबूज की बंपर पैदावार हुई है. उकरीद गांव की महिला किसान सूरज मणि देवी के अनुसार कोरोना की वजह से पिछले दो साल में उन्हें तरबूज की फसल में काफी नुकसान हुआ था. लेकिन इस साल उन्हें दो से तीन गुना फायदा मिला है और वो घाटे से भी उबर चुके हैं.
ड्रिप सिंचाई से बेहतर हुई फसलः तरबूज की फसल के लिए पानी बेहद जरूरी है, जितनी अधिक सिंचाई का साधन होगा तरबूज उतना ही बड़ा और मीठा होता है. इस बार जेएसएलपीएस संस्था के द्वारा महिलाओं को ड्रिप सिंचाई प्रणाली उपलब्ध करवाया गया है. इस सिंचाई प्रणाली से फसल में सीधे पानी पहुंचता है और पानी का नुकसान भी नहीं होता है. यही वजह है कि इस बार फसल काफी बढ़िया हुआ है.
बाजार की तलाश में नहीं जाना पड़ा शहरः महिलाओं ने अपने मेहनत के बल पर तरबूज की फसल तो तैयार कर ली. लेकिन उसे बाजार तक पहुंचाने की चिंता उन्हें सता रही थी. लेकिन इस बार गांव में व्यापारी और महाजन पहुंचे और वहीं से तरबूज खरीदकर बाजारों तक ले गए. कुछ खुदरा व्यापारी भी सीधे अपने वाहन लेकर गांव पहुंचे और यहीं से नकद तरबूज खरीद कर शहर में बेचा है. तरबूज की फसल में मुनाफा के बाद अब उकरीद गांव की महिलाएं मटर और टमाटर की फसल लगाने की तैयारी कर रही हैं. जो मुनाफा कमाया है उसे महिलाओं ने बैंकों में जमा कर दिया है अब उसी पैसों से एक बार फिर से खेती करेंगी.