रामगढ़: लॉकडाउन से भले ही लोगों को परेशानी हो रही है, लेकिन इससे पूरे क्षेत्र का पर्यावरण स्वच्छ हो गया है. मां छिन्नमस्तिका मंदिर स्थित दामोदर और भैरवी नदी का पानी काफी स्वच्छ हो गया है जो पानी नहाने योग्य नहीं था. अब वह पीने लायक हो गया है.
प्रकृति का नया रूप
लॉकडाउन के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इसका एक फायदा जिलेवासियों को जरूर मिला है. अब वे स्वच्छ हवा में सांस ले रहे हैं. आमतौर पर दामोदर और भैरवी नदी के पानी के नीचे की सतह देख पाना मुश्किल होता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण नदी का पानी इतना साफ हो गया कि नदी के नीचे जमीन की सतह भी नजर आने लगी है. सालों बाद प्रकृति का ऐसा रूप देखने को मिला है. लॉकडाउन की वजह से लोग करीब दो महीने से अपने-अपने घरों में बंद हैं, जिससे वाहन, बाजार, बस, रेल और हवाई सेवा पूरी तरह से बंद है.
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नदी का पानी बदबू रहित और साफ
लॉकडाउन से व्यवसायिक और फैक्ट्रियों में काम बंद पड़ा हुआ है. ऐसा लगता है जैसे प्रकृति अपने आप को स्वच्छ करने में जुटी हुई है. नदी को प्रदूषित करने वाले कल-कारखानों के बंद होने के कारण नदी में मिलने वाले दूषित जल का आना बंद है. पानी में डुबकी लगाने के बाद जमीन दिखने लगी है. मां छिन्मस्तिका मंदिर रजरप्पा के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है, जिसके कारण श्रद्धालु रजरप्पा नहीं पहुंच रहे हैं. रजरप्पा के पुजारियों का कहना है कि उद्योगों के बंद रहने के कारण नदी का पानी बदबू रहित और इतना साफ हो गया है कि इसे नहाने में ही नहीं, बल्कि पीने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
बदल गया रामगढ़ का नजारा
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया है, ताकि लोग घरों में सुरक्षित रहें. लॉकडाउन के कारण सड़कों पर वाहन लगभग न के बराबर चल रहे हैं. उद्योग-धंधे और खदान बंद हैं. लोग परेशान हैं, लेकिन इसका बहुत बड़ा फायदा पर्यावरण को हुआ है. हवा में मिला जहर लगभग खत्म हो गया है, पानी स्वच्छ हो गया है. इस लॉकडाउन से रामगढ़ जिला का नजारा ही बदल गया है. कई क्षेत्रों में प्रदूषण न के बराबर हो गया है.
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पर्यावरण में सुधार
लॉकडाउन से पर्यावरण में सुधार तो हुआ है, लेकिन हम यह नहीं कह सकते हैं कि पानी को बिना जांच किए पी सकते है या नहीं. लॉकडाउन के बाद पानी की जांच से जो आंकड़े मिलेंगे उसी से पता चलेगा कि इस पर कितना फर्क पड़ा है. लोगों का मानना है कि सिर्फ दामोदर ही नहीं, बल्कि भैरवी नदी का पानी भी पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त दिख रहा है. लोगों का यह भी मानना है कि लॉकडाउन के दौरान नदियों में गंदगी नहीं फेंकी गई है, जिसके कारण नदियां स्वतः साफ हो गईं हैं.