रांची: राजधानी रांची में गर्मी आते ही जल संकट चरम पर पहुंच जाती है. ज्यों-ज्यों तापमान बढ़ता है त्यों त्यों पानी का लेवल राजधानी के कई मोहल्लों में कम होता जाता है. कुछ ऐसी ही स्थिति बनी है, रांची के वार्ड 29 के मोहल्ले की. जहां पानी के लिए लोग सुबह से इंतजार तो करते हैं लेकिन उनकी सुबह तब होती है जब उन्हें पानी नसीब होता है.
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रांची में जलापूर्ति नगर निगम के टैंकर से होती है लेकिन उनके आने का समय कभी निर्धारित नहीं होता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर सुबह आंख खुली जाती है तो वह बिछावन नहीं उठते क्योंकि उठते ही पानी की आवश्यकता होगी और घर में एक बूंद पानी नहीं रहता है. थोड़ा बहुत पानी बचाकर इसलिए रखते हैं क्योंकि जो छोटे बच्चे हैं उन्हें नहलाया जा सके ताकि उनका स्कूल ना छूट जाए. लोगों ने बताया कि वार्ड 29 में रहने वाले लोगों के लिए पानी की समस्या दिन भर रहती है. खास करके जब तक रांची नगर निगम की तरफ से पानी का टैंकर ना मिल जाए तब तक लोगों के पास रोजमर्रा के काम निपटाने के लिए भी पानी नसीब नहीं होता.
राजधानी के वार्ड 29 में पेयजल की समस्याः लोगों का कहना है कि टैंकर का पानी दोपहर 12:00 बजे आता है तब जाकर लोग अपने घरों से निकलकर पानी भरते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब वार्ड 29 के मोहल्ले का जायजा लिया तो देखा गया कि जितने भी बोरिंग लगे हैं वो सभी सूख चुके हैं. नगर निगम की तरफ से 20 से 25 की संख्या में छोटे-छोटे बोरिंग लगाए हैं, साथ ही 15 से 16 छोटे टंकियां भी लगाई गयी हैं. लेकिन मोहल्ले की आबादी ज्यादा होने के कारण यह सभी व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं हैं. लोगों ने रांची जिला प्रशासन और निगम की तरफ से पानी के टैंकर्स की संख्या बढ़ाने की मांग की है. इसके अलावा जल्द से जल्द सप्लाई के लिए पानी का कनेक्शन लोगों के घर तक पहुंचाया जाए ताकि सभी लोग पानी के संकट से ना जूझ सकें.
अभी राजधानी में गर्मी ज्यादा नहीं है तब यह स्थिति है लेकिन जब गर्मी चरम पर होगी तो लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने के लिए मजबूर हो जाएंगे. जरूरत इस बात की है कि निगम और जिला प्रशासन प्रचंड गर्मी आने से पहले जल संकट को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए ताकि इस गर्मी में लोगों को राहत मिल सके.