रांचीः चुनाव के वक्त जारी होने वाले एक्जिट पोल को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए पहली बार 2 वर्ष की सजा के साथ जुर्माना का प्रावधान किया गया है. भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा इस बाबत निर्देश जारी किया गया है. यह आदेश हाल में होने वाले चुनाव और उपचुनावों पर भी लागू है.
जारी निर्देश के अनुसार इस महीने होने वाले मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के अलावे रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव, अरूणाचल प्रदेश के लुम्ला विधानसभा उपचुनाव, तमिलनाडु के इरोड(पूर्व) विधानसभा उपचुनाव, पश्चिम बंगाल के सागरदीघी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्ट्र के कस्बा पेठ एवं चिंचवड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हेतु मतदान के दिन 16 फरवरी सुबह 7 बजे से 27 फरवरी की शाम 7 बजे की अवधि में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है.
चुनाव आयोग के द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार यह कहा गया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 क की उपधारा 1 के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए मतदान के दिन 16 फरवरी सुबह 7 बजे से 27 फरवरी की शाम सात बजे तक एक्जिट पोल प्रसारित करने पर पाबंदी रहेगी. इसके तहत मतदान की समाप्ति के निर्धारित समय के समाप्त होने वाले दिन के 48 घंटे के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक्जिट पोल को प्रसारित नहीं किया जा सकता है.
एक्जिट पोल को लेकर जारी दिशा निर्देश का उल्लंघन करने पर 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार उल्लंघन होने पर जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है. चुनाव आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में दिशा निर्देश के अनुरूप इसका पालन कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि मीडिया में आने वाली खबरों की मॉनेटरिंग की जायेगी. जिसके लिए टीम बनाई गई है. उम्मीद करता हूं कि एक्जिट पोल को लेकर जो दिशा निर्देश दिए गए हैं, उसका ध्यान सभी मीडिया हाउस करेंगे.