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पुलिस है तो लेट से ही आएगी...अब बदलनी होगी आपको ये सोच, जानें क्यों

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Published : Jun 22, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 5:18 PM IST

राजधानी रांची में पीसीआर और टाइगर मोबाइल (Tiger Mobile) के बाद अब सभी थानों के वाहनों को जीपीएस से जोड़ा जा रहा है. थाना के वाहन जब जीपीएस से जुड़ जाएंगे, तब वह हमेशा लोकेशन में रहेंगे. वहीं हाईवे पेट्रोल भी अपने गंतव्य पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं, या नहीं इसकी सटीक जानकारी भी अधिकारियों को मिल पाएगी. इससे अपराध पर भी लगाम लगेगा.

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वाहनों में लगेगा जीपीएस

रांची: आमतौर पर लोगों की शिकायत होती है, कि पुलिस सही समय पर मौके वारदात पर नहीं पहुंच पाती है, या कहें तो आम इंसानों की यह धारणा ही बन चुकी है, कि पुलिस घटना के बाद ही मौके पर पहुंचेगी, लेकिन आने वाले कुछ दिनों में राजधानी रांची में पुलिस के प्रति यह धारणा आपको बदलनी पड़ सकती है, क्योंकि पीसीआर और टाइगर मोबाइल (Tiger Mobile) के बाद अब राजधानी के सभी थानों के वाहनों को जीपीएस से जोड़ा जा रहा है, ताकि हर मूवमेंट पर सीनियर अधिकारी नजर रख सके.

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जीपीएस लगाने का काम शुरू
राजधानी के पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा चाहते हैं, कि रांची पुलिस बेहतर परफॉर्मेंस दे, सूचना पर त्वरित कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस का मूवमेंट भी क्विक हो. एसएसपी के इस प्लान को पूरा करने के लिए रांची के सिटी एसपी सौरभ कोशिश में लगे हुए हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान जब राजधानी में अपराध के आंकड़ों में गिरावट हुई, उस दौरान सिटी एसपी सौरभ ने पूरी प्लानिंग के साथ सबसे पहले खराब जीपीएस प्रणाली को ठीक करवाया. वर्तमान समय में लगभग सभी पीसीआर और टाइगर जवानों के पल-पल लोकेशन मिल रहे हैं. पीसीआर में खराब हो चुके जीपीएस सिस्टम को दुरुस्त कर दिया गया है. वहीं थोड़ा बहुत काम बचा हुआ है, उसे जल्द ही पूरा करने की उम्मीद जताई गई है.

देखें पूरी खबर



थाना के वाहन और हाइवे पेट्रोल को जीपीएस से जोड़ा जा रहा
पीसीआर और टाइगर मोबाइल को जीपीएस युक्त करने के बाद अब राजधानी में दूसरी सबसे बड़ी कवायद थाना के वाहनों और हाईवे पेट्रोल को जीपीएस से जोड़ने की हो रही है. थाना के वाहन जब जीपीएस से जुड़ जाएंगे, तब वह हमेशा लोकेशन में रहेंगे. वहीं हाईवे पेट्रोल भी अपने गंतव्य पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं, या नहीं इसकी सटीक जानकारी भी मिल पाएगी.

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शहर का निरीक्षण करते पुलिस अधिकारी



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झूठ नहीं बोल पाएंगे अधिकारी
आमतौर पर लोगों की शिकायत होती है, कि पुलिस को सूचना देने के बाद घंटों देर से वारदात स्थल पर पहुंचती है. ऐसे में जब थाना के वाहनों में जीपीएस लग जाएंगे, तब पुलिस की लेटलतीफी भी काफी हद तक कम होगी, क्योंकि वारदात स्थल से आने वाली जानकारी का समय और उस दौरान थाना के वाहन का ओरिजिनल लोकेशन अधिकारी आराम से जान सकते हैं. अगर घटनास्थल पर पहुंचने में लापरवाही बरती जाएगी तो दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे में पुलिस वाले यह बहाना नहीं बना सकते हैं, कि उन्हें देर से जानकारी मिली, इसलिए वे घटनास्थल पर लेट से पहुंचे.

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शहर की निगरानी करतीं महिला पुलिस




पेट्रोल - डीजल की चोरी रुकेगी
पुलिस विभाग में आमतौर पर एक शिकायत लगातार सामने आते रहती है, कि पीसीआर या फिर थाना के वाहन चलाने वाले ड्राइवर डीजल या पेट्रोल गायब कर देते हैं, लेकिन जीपीएस सिस्टम से जुड़ जाने के बाद पेट्रोल और डीजल चोरी के मामले ना के बराबर आने की संभावना है.

रांची: आमतौर पर लोगों की शिकायत होती है, कि पुलिस सही समय पर मौके वारदात पर नहीं पहुंच पाती है, या कहें तो आम इंसानों की यह धारणा ही बन चुकी है, कि पुलिस घटना के बाद ही मौके पर पहुंचेगी, लेकिन आने वाले कुछ दिनों में राजधानी रांची में पुलिस के प्रति यह धारणा आपको बदलनी पड़ सकती है, क्योंकि पीसीआर और टाइगर मोबाइल (Tiger Mobile) के बाद अब राजधानी के सभी थानों के वाहनों को जीपीएस से जोड़ा जा रहा है, ताकि हर मूवमेंट पर सीनियर अधिकारी नजर रख सके.

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जीपीएस लगाने का काम शुरू
राजधानी के पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा चाहते हैं, कि रांची पुलिस बेहतर परफॉर्मेंस दे, सूचना पर त्वरित कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस का मूवमेंट भी क्विक हो. एसएसपी के इस प्लान को पूरा करने के लिए रांची के सिटी एसपी सौरभ कोशिश में लगे हुए हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान जब राजधानी में अपराध के आंकड़ों में गिरावट हुई, उस दौरान सिटी एसपी सौरभ ने पूरी प्लानिंग के साथ सबसे पहले खराब जीपीएस प्रणाली को ठीक करवाया. वर्तमान समय में लगभग सभी पीसीआर और टाइगर जवानों के पल-पल लोकेशन मिल रहे हैं. पीसीआर में खराब हो चुके जीपीएस सिस्टम को दुरुस्त कर दिया गया है. वहीं थोड़ा बहुत काम बचा हुआ है, उसे जल्द ही पूरा करने की उम्मीद जताई गई है.

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थाना के वाहन और हाइवे पेट्रोल को जीपीएस से जोड़ा जा रहा
पीसीआर और टाइगर मोबाइल को जीपीएस युक्त करने के बाद अब राजधानी में दूसरी सबसे बड़ी कवायद थाना के वाहनों और हाईवे पेट्रोल को जीपीएस से जोड़ने की हो रही है. थाना के वाहन जब जीपीएस से जुड़ जाएंगे, तब वह हमेशा लोकेशन में रहेंगे. वहीं हाईवे पेट्रोल भी अपने गंतव्य पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं, या नहीं इसकी सटीक जानकारी भी मिल पाएगी.

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आमतौर पर लोगों की शिकायत होती है, कि पुलिस को सूचना देने के बाद घंटों देर से वारदात स्थल पर पहुंचती है. ऐसे में जब थाना के वाहनों में जीपीएस लग जाएंगे, तब पुलिस की लेटलतीफी भी काफी हद तक कम होगी, क्योंकि वारदात स्थल से आने वाली जानकारी का समय और उस दौरान थाना के वाहन का ओरिजिनल लोकेशन अधिकारी आराम से जान सकते हैं. अगर घटनास्थल पर पहुंचने में लापरवाही बरती जाएगी तो दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे में पुलिस वाले यह बहाना नहीं बना सकते हैं, कि उन्हें देर से जानकारी मिली, इसलिए वे घटनास्थल पर लेट से पहुंचे.

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पेट्रोल - डीजल की चोरी रुकेगी
पुलिस विभाग में आमतौर पर एक शिकायत लगातार सामने आते रहती है, कि पीसीआर या फिर थाना के वाहन चलाने वाले ड्राइवर डीजल या पेट्रोल गायब कर देते हैं, लेकिन जीपीएस सिस्टम से जुड़ जाने के बाद पेट्रोल और डीजल चोरी के मामले ना के बराबर आने की संभावना है.

Last Updated : Jun 22, 2021, 5:18 PM IST
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