रांची: नियोजन नीति के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार को भी बेहद ही हंगामेदार रही. सभा की कार्यवाही 11 बजे शुरू होने से पहले जहां भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नारेबाजी करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की. सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई जिस दौरान भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा मचाया. वेल में पहुंचकर भाजपा विधायक स्पीकर के नियमन को चुनौती देते नजर आए. इन सबके बीच भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने विधानसभा सचिव को एक चिट्ठी सौंपकर प्रिंटेड टी शर्ट को लेकर विधानसभा द्वारा जताई जा रही आपत्ति पर नाराजगी जताई.
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि इससे पहले भी जिस समय 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता संबंधी विधायक सदन में पास हुआ था. उस दिन मुख्यमंत्री से लेकर सत्तारूढ़ दल के सभी विधायक और मंत्री हरे रंग का रुमाल पर लिखे स्लोगन लेकर सदन में आए थे, क्या उस समय विधानसभा के नियम का पालन हुआ था.
ध्यानाकर्षण में उठा नियोजन और स्थानीय नीति का मुद्दा: हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12:00 बजे तक स्थगित हो गई. इसके बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई ध्यानाकर्षण के जरिए आजसू के विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति को लेकर जानकारी मांगी. जिस पर सरकार घिरती हुई नजर आई. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब देते हुए कहा कि हाईकोर्ट से नियोजन नीति खारिज होने के कारण इसमें संशोधन करके नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करने की तैयारी है. जिसके तहत आने वाले समय में बड़े पैमाने पर विभिन्न विभागों में नियुक्ति की जाएगी. सरकार ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के नियमावली में बदलाव किया है जिसके तहत चयन प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
स्थानीयता को लेकर सरकार ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने संबंधी विधेयक को पास कर राज्यपाल के समक्ष भेजा था, मगर वहां से इसे वापस किए जाने की वजह से फिलहाल यह विचाराधीन है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम के जवाब से आजसू विधायक लंबोदर महतो संतुष्ट नहीं दिखे और सदन में एक बार फिर हंगामा होने लगा.