रांची: बीजेपी से निष्कासित किए गए सुखदेव भगत कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसके बाद पार्टी के अंदर हड़कंप मचा हुआ है. दबी जुबान से लोग इसे पार्टी के नीति सिद्धांत के खिलाफ बता रहे हैं, तो वहीं सवाल खड़ा हो गया है कि बिना पार्टी में वापसी के उन्होंने कांग्रेस का मंच कैसे साझा कर लिया.
बेरमो विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के अंतिम दिन रविवार को सुखदेव भगत ने यूपीए गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल के प्रचार सभा में मंच साझा किया. इस दौरान पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी मौजूद थे. इतना ही नहीं सुखदेव भगत ने जनता को संबोधित भी किया. हैरत की बात ये है कि विधानसभा चुनाव 2019 के ठीक पहले हाथ का साथ छोड़ बीजेपी में जाने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ लोहरदगा से चुनाव लड़ने वाले सुखदेव भगत बिना कांग्रेस पार्टी में वापसी के मंच साझा किया है. इसको लेकर पार्टी के अंदरखाने आवाज उठनी शुरू हो गई है, कि आलाकमान से भी ऊपर झारखंड के स्थानीय नेता हो गए हैं.
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मामले पर कोई भी कुछ कहने से कतरा रहे हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव से जब जानकारी ली गई कि क्या सुखदेव भगत की कांग्रेस पार्टी में वापसी हो चुकी है, तो इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुखदेव भगत ने कांग्रेस पार्टी का मंच कैसे साझा किया है, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अभी तक उनके पार्टी में वापसी को लेकर आधिकारिक रूप से आलाकमान के ओर से कोई निर्देश नहीं आया है. सुखदेव भगत कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव 2019 में पार्टी छोड़ बीजेपी के टिकट पर प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के खिलाफ चुनाव लड़ने पर उन्हें कांग्रेस पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. हालांकि पिछले दिनों सुखदेव भगत ने कांग्रेस आलाकमान को पार्टी में वापसी के लिए आवेदन दिया है.