रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े (आरसी- 47A/96) डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में सुनवाई हुई. मामले में चार आरोपी आपूर्तिकर्ता की ओर से बहस हुई.
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सीबीआई की विशेष अदालत में मंगलवार को 40 आरोपी आपूर्तिकर्ताओं की ओर से बहस पूरी हो गई. 15 आपूर्तिकर्ताओं की बहस बाकी है. सीबीआई के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को अदालत ने आदेश दिया है कि बचे हुए 15 आपूर्तिकर्ता की ओर से बहस आठ अक्टूबर तक हर हाल में कर पूरी कर लें. अगर कोई आपूर्तिकर्ता अपनी बातें लिखित में देना चाहते हैं, तो वह भी आठ अक्टूबर तक अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें. आपूर्तिकर्ता के बाद राजनीतिज्ञ, अधिकारी और डॉक्टरों की ओर से बहस होने की संभावना है. मामले में अगली सुनवाई सात अक्टूबर को होगी.
वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि वैष्णव इंटरप्राइजेज के संचालक दयानंद कश्यप, सत्येंद्र कंस्ट्रक्शन के संचालक सत्येंद्र मेहरा, बाबा केमिकल के पार्टनर सुनील कुमार सिन्हा और सिमेक्स क्राइनाजेनिक इंटरप्राइजेज के संचालक मोहिन्द्र सिंह बेदी की ओर से बहस की गई. बता दें कि चारा घोटाले के सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, डॉ. केएम प्रसाद, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद समेत 108 आरोपी मुकदमा का सामना कर रहे हैं. सीबीआई ने शुरू में 170 लोगों को आरोपी बनाया था. लालू समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.